जैसलमेर. सरहदी जिला जैसलमेर एक बार फिर भारतीय सेना की ओर से किए जा रहे आधुनिक हथियारों के प्रशिक्षण का साक्षी बना है. जिले के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में टैंक के एडवांस वर्जन अर्जुन मार्क 1 एएलएफए के अंतिम चरण का परीक्षण कल सोमवार को आयोजन किया गया. जिसे मेक इन इंडिया के तहत डीआरडीओ, संयुक्त वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, चेन्नई की ओर से निर्मित किया गया है.
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The final phase of trials of the MBT Arjun Mark-1A, the advanced version of the tank, was held on Monday at Pokhran field firing range in Jaisalmer.
— Defence Decode® (@DefenceDecode) December 8, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
DRDO has upgraded 14-19 features in it, Trials hsbn done and soon it will be inducted in the army. pic.twitter.com/7KTzP0nkqn
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DRDO has upgraded 14-19 features in it, Trials hsbn done and soon it will be inducted in the army. pic.twitter.com/7KTzP0nkqnThe final phase of trials of the MBT Arjun Mark-1A, the advanced version of the tank, was held on Monday at Pokhran field firing range in Jaisalmer.
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इस नए अपग्रेड वर्जन में फायरिंग सिस्टम को ऑटोमेटिक गाइडेड मिसाइल से अपडेट किया गया है. इसके साथ ही इसमें कई अन्य विशेषताएं भी हैं जो सेना की फायरिंग क्षमता को मजबूत करेगी. परीक्षण के दौरान भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसएस हसबनीस और महानिदेशक सशस्त्र लेफ्टिनेंट जनरल एमजेएस कहलो और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जब दीपावली भारत पाक सीमा स्थित लोंगे वाला पर भारतीय जवानों के साथ मनाई थी तब अर्जुन टैंक की सवारी की थी. सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अर्जुन टैंक की दो इकाइयां सेना में मौजूद हैं, लेकिन भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुसार डीआरडीओ ने इसमें 14 विशेषताओं में अपग्रेड किया है. जिसका ट्रायल कल जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में सफल रहा है.
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जल्द ही इसे भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मार्क 1-A में एक बेहतर गनर मुख्य दृष्टि शामिल है, जिसमें ऑटोमेटिक टारगेट ट्रैकिंग की खूबी है. यह टैंक क्रू को गतिशील लक्ष्यों को ऑटोमेटिक तरीके से ट्रैक करने में सहायक होगा. साथ ही इसकी बंदूक को एक कंप्यूटराइज फायरिंग सिस्टम प्रणाली की ओर से नियंत्रित किया जाता है, जिससे टैंक की मारक क्षमता और अधिक सटीक हो जाती है.
हालांकि, पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में हुए प्रशिक्षण को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी जा रही है, लेकिन अर्जुन मार्क 1 टैंक के अपग्रेड होने के बाद भारतीय सेना की अर्जुन टैंक के द्वारा की जाने वाली मारक क्षमता में और अधिक इजाफा होगा.