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जैसलमेर में बिना पटाखों के मनाई जाएगी दिवाली...खरीदने-बेचने वालों पर होगी कार्रवाई

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Published : Oct 25, 2020, 1:53 PM IST

कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल दीवाली के मौके पर आमजन पटाखे नहीं फोड़ पाएंगे. इसको लेकर राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिया है. ऐसे में इस बार जिले में पटाखों के क्रय-विक्रय पर पूर्णतः पाबंदी रहेगी और इसे बेचने और खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बिना पटाखों के दिवाली, Diwali without firecrackers
जैसलमेर में नहीं फूटेंगे पटाखे

जैसलमेर. कोरोना महामारी ने इस साल सभी त्योहारों की रंगत फीकी कर दी है. जहां पहले कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी कोरोना के भेंट चढ़ा, वहीं अब दशहरे और दीपावली भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे में कोरोना को देखते हुए राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दीपावली बिना पटाखे और आतिशबाजी के ही मनाई जाएगी.

जैसलमेर में नहीं फूटेंगे पटाखे

जैसलमेर जिले में भी जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस बार जिले में पटाखों के क्रय-विक्रय पर पुर्णतः पाबंदी रहेगी और इसे बेचने और खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान मानव शरीर का अंग फेफड़ा सबसे अधिक प्रभावित होता है और पटाखों के धुएं से पर्यावरण प्रदूषण का खतरा भी बना रहता है. ऐसे में हम नहीं चाहेंगे कि कुछ क्षण भर के मनोरंजन के लिए हम किसी की जान जोखिम में डाले. जिला कलेक्टर ने कहा कि कोई नहीं चाहेगा कि पटाखों के कारण पर्यावरण प्रदूषण बिगड़े और कोरोना रोकथाम में कोई परेशानी हो. इसी के चलते इस बार दीपावली पर पटाखों के प्रयोग पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है.

पढ़ेंः Special: कांग्रेस और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना नगर निगम चुनाव, जानें जयपुर, जोधपुर और कोटा की ताजा स्थिति?

बिकते हैं करोड़ों के पटाखे...

जैसलमेर जिले में प्रतिवर्ष करीब 5 करोड़ और जिला मुख्यालय पर दो से ढाई करोड रुपए तक के पटाखे और अन्य आतिशबाजी की बिक्री होती है. इसके लिए डेडानसर मैदान में दीपावली से कुछ दिन पहले अस्थाई दुकानें लगती हैं. करीब डेढ़ सौ दुकानें प्रशासन और नगर परिषद के अनुमति से वहां स्थापित की जाती है. जिसमे दुकानदार बीकानेर, जोधपुर, अहमदाबाद, जयपुर शहरों से पटाखे लाकर यहां बेचते हैं. जानकारी के अनुसार जैसलमेर में आतिशबाजी बेचने का स्थाई लाइसेंस अब किसी के पास नहीं है. ऐसे में जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है, जो भी आतिशबाजी की जाएगी वो अवैध होगी.

जैसलमेर. कोरोना महामारी ने इस साल सभी त्योहारों की रंगत फीकी कर दी है. जहां पहले कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी कोरोना के भेंट चढ़ा, वहीं अब दशहरे और दीपावली भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे में कोरोना को देखते हुए राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दीपावली बिना पटाखे और आतिशबाजी के ही मनाई जाएगी.

जैसलमेर में नहीं फूटेंगे पटाखे

जैसलमेर जिले में भी जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस बार जिले में पटाखों के क्रय-विक्रय पर पुर्णतः पाबंदी रहेगी और इसे बेचने और खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान मानव शरीर का अंग फेफड़ा सबसे अधिक प्रभावित होता है और पटाखों के धुएं से पर्यावरण प्रदूषण का खतरा भी बना रहता है. ऐसे में हम नहीं चाहेंगे कि कुछ क्षण भर के मनोरंजन के लिए हम किसी की जान जोखिम में डाले. जिला कलेक्टर ने कहा कि कोई नहीं चाहेगा कि पटाखों के कारण पर्यावरण प्रदूषण बिगड़े और कोरोना रोकथाम में कोई परेशानी हो. इसी के चलते इस बार दीपावली पर पटाखों के प्रयोग पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है.

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बिकते हैं करोड़ों के पटाखे...

जैसलमेर जिले में प्रतिवर्ष करीब 5 करोड़ और जिला मुख्यालय पर दो से ढाई करोड रुपए तक के पटाखे और अन्य आतिशबाजी की बिक्री होती है. इसके लिए डेडानसर मैदान में दीपावली से कुछ दिन पहले अस्थाई दुकानें लगती हैं. करीब डेढ़ सौ दुकानें प्रशासन और नगर परिषद के अनुमति से वहां स्थापित की जाती है. जिसमे दुकानदार बीकानेर, जोधपुर, अहमदाबाद, जयपुर शहरों से पटाखे लाकर यहां बेचते हैं. जानकारी के अनुसार जैसलमेर में आतिशबाजी बेचने का स्थाई लाइसेंस अब किसी के पास नहीं है. ऐसे में जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है, जो भी आतिशबाजी की जाएगी वो अवैध होगी.

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