पोकरण (जैसलमेर). पोकरण क्षेत्र का सबसे बड़ा उप जिला अस्पताल इनदिनों गंदगी में तब्दील हो रहा है. वार्ड से लेकर परिसर में गंदगी दिख रही है. डस्टबीन से लेकर दिवारों पर काफी गंदगी देखी जा रही है. मरीज उपचार कराने अस्पताल आते है चिकित्सकों की ओर से भर्ती करने पर उपचार कराते हैं, लेकिन वार्डो में समय समय पर सफाई नहीं होने पर बदबू दे रहे शौचालय में भी काफी गंदगी पड़ी है.
उपजिला अस्पताल में सफाई का ठेका हो चुका है. लगभग 86 हजार रूपए प्रतिमाह सफाई करने के लिए ठेका खुला है. पूर्व में सफाई का ठेका 64 हजार रूपये में था पूर्व ठेका रेट से 22 हजार वर्तमान अधिक रूपए दिए जा रहे तो भी सफाई बेहतर नहीं की जा रही है. कोरोना काल में भी मरीजों की आवाजाही कम होने के बावजूद भी गंदगी देखकर सफाई व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है.
चिकित्सा प्रभारी से लेकर अन्य चिकित्सक अस्पताल समय सेवा दे रहे है, लेकिन सफाई व्यवस्था की तरफ रूचि कम लेते नजर आ रहे है. पूर्व में सीएमएचओ, तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम सहित कई अधिकारी गंदगी देख चिकित्सा अधिकारी को फटकार लगाकर सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे, लेकिन चिकित्सा प्रभारी आज भी गंभीरता दिखाते नजर नहीं आ रहे है.
अजमेर में चरमरा रही सफाई व्यवस्था
अजमेर में कोरोना महामारी के दौर में चिकित्सकों और विशेषज्ञों द्वारा साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की हिदायतें दी जा रही हैं. वहीं, शहर के कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारेः
अजमेर फायसागर रोड स्थित अरावली नगर में गंदगी की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. गंदगी का आलम यह है कि चारों तरफ गंदा पानी भरा हुआ है लोगों का बाहर निकलना भी मुश्किल हो चुका है गंदे पानी के ठहराव की वजह से क्षेत्र में सैकड़ों की तादाद में मच्छर जमा हो गए हैं जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ चुका है.
अरावली नगर के बाशिंदों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में एडीएम जिला कलेक्टर सहित जनप्रतिनिधियों और कई प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिया है, लेकिन किसी ने भी उनकी समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया मजबूर होकर रविवार को अरावली नगर क्षेत्र वासियों ने अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी और क्षेत्र के सरपंच के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. क्षेत्रवासियों का कहना है कि क्षेत्र में जमा गंदा पानी निकासी नहीं होने की वजह से घरों की नीव में भरने लगा है.
चित्तौड़गढ़ः काजवे की हालत हो रही जर्जर
चित्तौड़गढ़ के पुराने शहर के हजारेश्वर महादेव के समीप बने काजवे की हालत जर्जर हो रही है. ऐसे में यहां से गुजरने वाले हजारों लोग प्रतिदिन परेशान होते हैं. वहीं, नगर परिषद की ओर से इस पुलिया को ऊंचा करने के नाम पर किए गए टेंडर का हवाला देकर जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. डेढ़ वर्ष से भी नगर परिषद टैंडर हो जाने का हवाला देकर लोगों की समस्या से पल्ला झाड़ रही है.
जानकारी में सामने आया कि पुराने शहर में हजारेश्वर महादेव से होकर क्षेत्र के कीरखेड़ा, भोईखेड़ा सिंचाई नगर सहित चंदेरिया व भीलवाड़ा मार्ग को जोड़ने के लिए लंबे समय पूर्व एक छोटे काजवे का निर्माण किया गया था, लेकिन अब यह काजवे क्षतिग्रस्त होकर हादसों को निमंत्रण देता प्रतीत हो रहा है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में इससे होकर लोग शहर में आवाजाही करते हैं वही ट्रैक्टर आदि वाहन भी इसका प्रयोग कर शहर में आते हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मार्बल में मजदूरी करने वाले लोग भी इस काजवे का प्रयोग करते हैं.
शहर की बड़ी सब्जी मंडी में आने वाले स्थानीय भोई खेड़ा और कीर खेड़ा के सब्जी विक्रेताओं की आवाजाही का भी यह मुख्य मार्ग है. क्षतिग्रस्त होने के कारण से छोटी पुलिया किसी भी समय बड़े हादसे को निमंत्रण दे सकती है. जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.