पोकरण (जैसलमेर). कोरोना की दूसरी लहर में विकास अधिकारी गौतम चौधरी कोरोना संक्रमित हो गए. इसके बाद उन्हें जोधपुर स्थित राठी हॉस्पिटल ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने उनकी स्वास्थ्य जांच की तो सीटी स्कोर 25/25 पाया गया. साथ ही ऑक्सीजन लेवल भी 50 से नीचे आ गया.
पढ़ें- शील धाभाई को कार्यवाहक मेयर बना गहलोत सरकार ने एक तीर से साधे दो निशाने
ऑक्सीजन लेवल नीचे आने के कारण उन्हें सांस लेने में भी ज्यादा दिक्कत हो रही थी. साथ ही लंग्स पूरी तरह से डेमेज हो चुका था और कोविड निमोनिया भी था. इसके बाद परिजनों की सहमति के बाद डॉक्टरों ने विकास अधिकारी गौतम चौधरी को आईसीयू में रखा और 7 दिन तक वेंटिलेटर पर भी रखा.
एक महीने तक विकास अधिकारी गौतम चौधरी अस्पताल में भर्ती रहे, इसके बाद वे ठीक होकर घर लौटे. डॉक्टर अंकित राठी ने बताया कि एक महीने बाद पूरी तरह ठीक होकर जब गौतम चौधरी अपने घर की ओर रवाना हुए तो पूरी टीम ने उनका स्वागत किया. उन्होंने बताया कि बहुत की गंभीर स्थिति में भी मरीज गौतम चौधरी ने बुलंद हौसलों और दृढ़ इच्छाशक्ति से कोरोना को हरा दिया.
वहीं, सोमवार को विकास अधिकारी गौतम चौधरी ने एक बार अपना कार्य ग्रहण किया. यहां अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी उनका स्वागत किया.
क्या है सीटी स्कोर...
दोनों फेफड़ों को पांच भागों में बांटा जाता है. बाएं भाग को बांटते हैं तो 5-5 का स्कोर देते हैं. दाहिने भाग को तीन भागों में बांटते हैं और 5-5-5 का स्कोर देते हैं. 15 दाहिने और 10 बाएं भाग के लंग को नंबर देते हैं. टोटल 25 का स्कोर होता है.
HRCT स्कोर 25 फिर भी बुलंद हौसले से 75 वर्षीय जमीयत ने जीती जंग
बाड़मेर में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप लगातार कम हो रहा है. जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी कमी देखी जा रही है. वहीं, बाड़मेर जिले की रहने वाली 75 वर्षीय जमीयत का एचआरसीटी स्कोर 24 होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
पढ़ें- नि:शुल्क टीकाकरण पर बाेले पायलट, केंद्र को मानना पड़ा कांग्रेस का सुझाव
75 साल की जमीयत 23 दिन बाद कोरोना से जंग जीतकर स्वस्थ हुई और अब उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया. डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि 75 वर्षीय जमीयत को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जिसकी एचआरसीटी जांच में 24/25 स्कोर था. जमीयत को 10 दिन तक बैंस सर्किट पर रखा गया, इसके बाद हाई फ्लो पर रही. पिछले 23 दिनों से गर्ल्स हॉस्टल कोविड केयर सेंटर में भर्ती रही जो अब पूरी तरीके से स्वस्थ है. उसे सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया गया.
क्या है एचआर सीटी स्कैन...
एचआर सीटी स्कैन मरीज की छाती के अंदर कोरोना संक्रमण की 3-डी तस्वीर देता है. एक्स-रे में जिन चीजों पर नजर नहीं जाती, वह इससे देखा जा सकता है. अगर मरीज को खांसी, सांस लेने में तकलीफ है और ऑक्सीजन का स्तर नीचे जा रहा है तो एचआर सीटी स्कैन बेहतर टेस्ट है. यह टेस्ट रोग की तीव्रता दिखा सकता है.