जैसलमेर. जिले के पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गोवर्धन कल्ला का लंबी बीमारी के चलते सोमवार को निधन हो गया. कल्ला के निधन की सूचना मिलते ही जिले भर के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पूर्व विधायक और गांधीवादी विचारक गोवर्धन कल्ला को टवीट करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
बता दें कि मंगलवार सुबह कल्ला की अंतिम यात्रा में शिरकत करने के लिए राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री बी. डी. कल्ला, सालेह मोहम्मद सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कई पदाधिकारी, जिला कांग्रेस कमेटी के कई पदाधिकारी, जिला कलेक्टर नमित मेहता और बड़ी संख्या में जनसमूह उपस्थित रहा. कल्ला के निवास कुम्भार पाड़ा में पार्थिव देह को रखा गया. जहां पर सभी ने कल्ला के अंतिम दर्शन किए और पुष्प चक्र और पुष्प मालाओं के साथ उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
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मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से पुष्प चक्र अर्पित कर दी गई श्रद्धांजलि
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से भी कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद ने स्वर्गीय कल्ला की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. जैसलमेर में गोवर्धन कल्ला एक ऐसे नेता के रूप में अपनी पहचान रखते थे जो गांधीवादी विचारों से ओतप्रोत थे.
शहर सहित ग्रामीण इलाकों में भी शोक की लहर
कल्ला ने राजनीति से ऊपर उठकर हमेशा जनसामान्य के साथ उनकी समस्याओं के निवारण में कदम से कदम मिलाया था और यही वजह है कि आज कल्ला की मृत्यु का समाचार सुनकर जैसलमेर शहर सहित ग्रामीण इलाकों में भी शोक की लहर है. लोगों में अपने नेता के खोने का गम साफ देखा जा रहा है.
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विकास में रहा अहम योगदान
आजादी के बाद से जैसलमेर जिले के विकास में स्वर्गीय कल्ला का योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है. शिक्षा से लेकर चिकित्सा, ऊर्जा और विभिन्न क्षेत्रों में कल्ला ने अभूतपूर्व योगदान दिया,जिसकी बानगी आज जैसलमेर जिला विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है. सरहदी जिले में ऊर्जा के उत्पादन को लेकर जिले में विंड मिल की स्थापना की पहल भी गोवर्धन कल्ला ने की थी. जिसके बाद से देश भर की विभिन्न कंपनियों ने ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में बड़ा निवेश कर जिले में रोजगार के अवसर पैदा किए.
मुख्यमंत्री से आखिरी मुलाकात में भी अधूरे पड़े कामों को पूरा करने का लिया था वादा
वहीं गरीब व पिछड़े तबके के लिए भी कल्ला हमेशा संघर्षरत रहे. पिछले कई दिनों से बीमार कल्ला से जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मिलने के लिए पहुंचे थे, तब भी अपने अंतिम समय में जैसलमेर के विकास में अधूरे पड़े कुछ कामों को पूरा करने का वादा लिया था. कल्ला ने गहलोत को इंदिरा गांधी नहर परियोजना को टेल तक पहुंचाने, जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क के पुनः सीमांकन करवाने ताकि इस इलाके के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके का वादा लिया था.
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प्रखर गांधीवादी नेता गोवर्धन कल्ला के देवलोक गमन पर उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. जिसे देखकर स्वतः ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कल्ला की लोकप्रियता जैसलमेर में क्या थी. गणमान्य लोगों और जैसलमेर जिले की जनता के सामने आज व्यास छतरी संस्थान श्मशान घाट पर कल्ला को अंतिम विदाई देते वक्त वहां खड़े हर एक व्यक्ति की आंखें नम थी.