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डेजर्ट नेशनल पार्क में 2 चूजों ने लिया जन्म, एक अंडा अन्य मवेशियों के कारण नष्ट - etv bharat

जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क जिसे गोडावण की आश्रय स्थल कहा जाता है. जहां पर गोडावण के प्राकृतिक आवास चरागाहों में दो चूजे पैदा हुए हैं. जिसके बाद अधिकारियों को सूचित किया गया है.

chicks born in Desert National Park, डेजर्ट नेशनल पार्क में चूजों का जन्म
चूजों ने लिया जन्म
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Published : May 24, 2020, 12:26 AM IST

जैसलमेर. जिले के डेजर्ट नेशनल पार्क में शनिवार को दो चूजे पैदा हुए है. जिले के सुदासरी क्षेत्र में गोडावण के कृत्रिम रूप से प्रजनन के लिए हैचरी स्थापित की गई है. जहां पर पहले 10 अंडों से चूजे निकले थे, लेकिन इस बार डेजर्ट नेशनल पार्क के क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से गोडावण के तीन अंडे दिखाई दिए.

हालांकि उनमें से एक अंडे को वहां अन्य जानवरों द्वारा नष्ट कर दिया गया है, लेकिन बचे हुए दोनों अंडों में से गोडावण से चूजे निकले. जिन्हें ग्रामीणों ने देखा उसके बाद डीएनपी के अधिकारियों को सूचित किया.

पढ़ेंः चूरू: सादुलपुर थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने की आत्महत्या

जानकारी के अनुसार पार्क में मार्च के महीने में दो गोडावण का सफल जन्म देखा गया और टीम द्वारा नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है. पूर्व मानद वन्यजीव प्रतिपालक और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड कंजर्वेशन सोसायटी के संस्थापक माल सिंह जामड़ा ने बताया कि पार्क में प्राकृतिक रूप से दो गोडावण के चूजों ने जन्म लिया है.

हालांकि गोडावण को शिकार के अलावा निवास स्थान के नुकसान और निवास के विखंडन के रूप में भी कई चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है और पहले से ही अधिकांश घास के मैदानों को अतिक्रमणकारियों द्वारा कृषि भूमि में बदल दिया गया है. पार्क में अत्यधिक पशुओं की आवाजाही के चलते इसे नुकसान हुआ है, ऐसे में पार्क के 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को गोडावण का मूल क्षेत्र घोषित करने की तत्काल आवश्यकता है.

विशेषज्ञों के अनुसार जीआईबी के अस्तित्व के लिए चरागाह अत्यधिक महत्वपूर्ण है. क्योंकि यह प्रति वर्ष केवल एक ही अंडा देता है और घास के मैदानों के अभाव में प्राकृतिक शिकारियों, जंगली कुत्तो से खतरा अधिक हो जाएगा और निवास के अभाव में ये पक्षी विलुप्ति की कगार पर होंगे. वर्तमान में डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र में 73 गांव हैं. जिनकी कुल आबादी 1 लाख से से अधिक है और इन सभी गांवों में मवेशियों की आबादी लगभग 4.5 लाख है.

पढ़ें- कोरोना कालः लॉकडाउन के दौरान घरों में ड्रॉइंग बना रहे बच्चे

गोडावण के प्राकृतिक क्षेत्र में प्रजनन की खबर वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है लेकिन उनके सुरक्षित प्रजनन और अंडों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए अभी और प्रयास करने की आवश्यकता है.

जैसलमेर. जिले के डेजर्ट नेशनल पार्क में शनिवार को दो चूजे पैदा हुए है. जिले के सुदासरी क्षेत्र में गोडावण के कृत्रिम रूप से प्रजनन के लिए हैचरी स्थापित की गई है. जहां पर पहले 10 अंडों से चूजे निकले थे, लेकिन इस बार डेजर्ट नेशनल पार्क के क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से गोडावण के तीन अंडे दिखाई दिए.

हालांकि उनमें से एक अंडे को वहां अन्य जानवरों द्वारा नष्ट कर दिया गया है, लेकिन बचे हुए दोनों अंडों में से गोडावण से चूजे निकले. जिन्हें ग्रामीणों ने देखा उसके बाद डीएनपी के अधिकारियों को सूचित किया.

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जानकारी के अनुसार पार्क में मार्च के महीने में दो गोडावण का सफल जन्म देखा गया और टीम द्वारा नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है. पूर्व मानद वन्यजीव प्रतिपालक और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड कंजर्वेशन सोसायटी के संस्थापक माल सिंह जामड़ा ने बताया कि पार्क में प्राकृतिक रूप से दो गोडावण के चूजों ने जन्म लिया है.

हालांकि गोडावण को शिकार के अलावा निवास स्थान के नुकसान और निवास के विखंडन के रूप में भी कई चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है और पहले से ही अधिकांश घास के मैदानों को अतिक्रमणकारियों द्वारा कृषि भूमि में बदल दिया गया है. पार्क में अत्यधिक पशुओं की आवाजाही के चलते इसे नुकसान हुआ है, ऐसे में पार्क के 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को गोडावण का मूल क्षेत्र घोषित करने की तत्काल आवश्यकता है.

विशेषज्ञों के अनुसार जीआईबी के अस्तित्व के लिए चरागाह अत्यधिक महत्वपूर्ण है. क्योंकि यह प्रति वर्ष केवल एक ही अंडा देता है और घास के मैदानों के अभाव में प्राकृतिक शिकारियों, जंगली कुत्तो से खतरा अधिक हो जाएगा और निवास के अभाव में ये पक्षी विलुप्ति की कगार पर होंगे. वर्तमान में डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र में 73 गांव हैं. जिनकी कुल आबादी 1 लाख से से अधिक है और इन सभी गांवों में मवेशियों की आबादी लगभग 4.5 लाख है.

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गोडावण के प्राकृतिक क्षेत्र में प्रजनन की खबर वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है लेकिन उनके सुरक्षित प्रजनन और अंडों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए अभी और प्रयास करने की आवश्यकता है.

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