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जैसलमेर : लॉकडाउन के दौरान हो रही वस्तुओं की कालाबाजारी, धड़ल्ले से बिक रहे तंबाकू उत्पाद - jaisalmer black marketing news

लॉकडाउन के दौरान जैसलमेर में कालाबाजारी की खबरें आम हो चुकी है. रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं के साथ प्रतिबंधित तम्बाकू उत्पादों को भी ज्यादा दामों पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.

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जैसलमेर में हो रही वस्तुओं की कालाबाजारी
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Published : May 8, 2020, 4:07 PM IST

जैसलमेर. लॉकडाउन के दौरान हो रही कालाबाजारी पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिला प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है. लेकिन इसके बावजूद अभी भी कुछ वस्तुओं की कालाबाजारी हो रही है. सूत्रों की मानें तो जिला मुख्यालय और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर कालाबाजारी और जमाखोरी की जा रही है. छोटे-मोटे दुकानदार भी हजारों रुपए की सामग्री का स्टॉक कर रहे हैं. वहीं रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं के साथ प्रतिबंधित तम्बाकू उत्पादों को भी एमआरपी से ज्यादा मूल्यों पर बेचा रहा है.

जैसलमेर में हो रही वस्तुओं की कालाबाजारी

उपभोक्ता अनुचित ढंग से ठगा न जाए, इसके लिए प्रत्येक वस्तु पर एमआरपी यानी अधिकतम खुदरा मूल्य अंकित करने की व्यवस्था है. बावजूद इसके कई दुकानदार लॉकडाउन की दुहाही देकर दूध, चाय जैसे अनेकों वस्तुओं पर अंकित मूल्य से ज्यादा दाम धड़ल्ले से वसूल कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- जोधपुर: वेलनेस सेंटर पर युवक ने की आत्महत्या, पिछले 9 दिनों से था आइसोलेट

राजस्थान सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पान, गुटके और तम्बाकू प्रोडेक्ट पर बैन लगा रखा है. वो प्रोडक्ट भी धड़ल्ले से दुगुनी गति और चौगुनी कीमत पर बेचे जा रहे हैं. तम्बाकू प्रोडक्ट्स की खुलकर कालाबाजारी हो रही है और 10 रुपए में बिकने वाला तम्बाकू अब 100 रुपए तक बिक रहा है.

हालांकि जैसलमेर पुलिस के प्रयास पोकरण में सफल नजर आए है और जागरूक लोगों इस तरह से बिक्री की शिकायत भी कर रहे हैं. प्रशासन ने कार्रवाई की और लाखों के गुटखा, पान मसाले और तम्बाकू प्रोडक्ट्स जब्त भी किए है. लेकिन जिला मुख्यालय और ग्रामीण इलाकों की बात करें तो यहां एक भी कार्रवाई नहीं हुई है.

इसे विभाग की उदासीनता मानें या जनता में जागरूकता की कमी. दोनों ही कारणों की बदौलत यह अवैध कारोबार अभी जिले में फलफूल रहा है और कोरोना आपदा में गुटखा के होलसेल तस्कर मालामाल हो रहे हैं.

जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि जागरूक जनता और मीडिया के माध्यम से यदि हमें कोई भी विशेष जानकारी या तस्करों द्वारा कालाबाजारी की सूचना मिलती है, तो हम वहां जाकर तत्कालप्रभाव से एक्शन लेंगे. कलेक्टर मेहता ने कहा कि हमारी जानकारी में अभी तक कोई कालाबाजारी का मामला सामने नहीं आया है. लेकिन हमारी टीम सूचना मिलने पर जांच कर रही है.

यह भी पढे़ें- धौलपुर: लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना पर 3 किराना दुकान सीज

राज्य सरकार ने तम्बाकू के पीक थूकने से संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका के चलते इसकी बिक्री पर रोक लगाई है. ऐसे में इस अवैध कारोबार से कोई अनहोनी हो गई, तो राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा की गई सभी तैयारियों पर पानी फिर सकता है. अब जिला प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेकर तम्बाकू उत्पादों के तस्करों और कालाबाजारी पर कार्रवाई कर इनका पर्दाफाश करना चाहिए.

जैसलमेर. लॉकडाउन के दौरान हो रही कालाबाजारी पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिला प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है. लेकिन इसके बावजूद अभी भी कुछ वस्तुओं की कालाबाजारी हो रही है. सूत्रों की मानें तो जिला मुख्यालय और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर कालाबाजारी और जमाखोरी की जा रही है. छोटे-मोटे दुकानदार भी हजारों रुपए की सामग्री का स्टॉक कर रहे हैं. वहीं रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं के साथ प्रतिबंधित तम्बाकू उत्पादों को भी एमआरपी से ज्यादा मूल्यों पर बेचा रहा है.

जैसलमेर में हो रही वस्तुओं की कालाबाजारी

उपभोक्ता अनुचित ढंग से ठगा न जाए, इसके लिए प्रत्येक वस्तु पर एमआरपी यानी अधिकतम खुदरा मूल्य अंकित करने की व्यवस्था है. बावजूद इसके कई दुकानदार लॉकडाउन की दुहाही देकर दूध, चाय जैसे अनेकों वस्तुओं पर अंकित मूल्य से ज्यादा दाम धड़ल्ले से वसूल कर रहे हैं.

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राजस्थान सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पान, गुटके और तम्बाकू प्रोडेक्ट पर बैन लगा रखा है. वो प्रोडक्ट भी धड़ल्ले से दुगुनी गति और चौगुनी कीमत पर बेचे जा रहे हैं. तम्बाकू प्रोडक्ट्स की खुलकर कालाबाजारी हो रही है और 10 रुपए में बिकने वाला तम्बाकू अब 100 रुपए तक बिक रहा है.

हालांकि जैसलमेर पुलिस के प्रयास पोकरण में सफल नजर आए है और जागरूक लोगों इस तरह से बिक्री की शिकायत भी कर रहे हैं. प्रशासन ने कार्रवाई की और लाखों के गुटखा, पान मसाले और तम्बाकू प्रोडक्ट्स जब्त भी किए है. लेकिन जिला मुख्यालय और ग्रामीण इलाकों की बात करें तो यहां एक भी कार्रवाई नहीं हुई है.

इसे विभाग की उदासीनता मानें या जनता में जागरूकता की कमी. दोनों ही कारणों की बदौलत यह अवैध कारोबार अभी जिले में फलफूल रहा है और कोरोना आपदा में गुटखा के होलसेल तस्कर मालामाल हो रहे हैं.

जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि जागरूक जनता और मीडिया के माध्यम से यदि हमें कोई भी विशेष जानकारी या तस्करों द्वारा कालाबाजारी की सूचना मिलती है, तो हम वहां जाकर तत्कालप्रभाव से एक्शन लेंगे. कलेक्टर मेहता ने कहा कि हमारी जानकारी में अभी तक कोई कालाबाजारी का मामला सामने नहीं आया है. लेकिन हमारी टीम सूचना मिलने पर जांच कर रही है.

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राज्य सरकार ने तम्बाकू के पीक थूकने से संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका के चलते इसकी बिक्री पर रोक लगाई है. ऐसे में इस अवैध कारोबार से कोई अनहोनी हो गई, तो राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा की गई सभी तैयारियों पर पानी फिर सकता है. अब जिला प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेकर तम्बाकू उत्पादों के तस्करों और कालाबाजारी पर कार्रवाई कर इनका पर्दाफाश करना चाहिए.

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