जैसलमेर. जिले के मूल निवासी जो लॉकडाउन की वजह से घरवापसी नहीं कर पाए थे, उन्हें अब वापसी की स्वीकृति मिल चुकी है. लेकिन, उनके आगमन को लेकर आमजन में भय का माहौल नजर आ रहा है और सोशल मीडिया पर भी लोग आपत्ति जता रहे हैं. इसपर जिला प्रशासन ने इनके आगमन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है और कहा है कि ये अपने ही है इनसे डरने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है.
जिले के सभी सीमावर्ती और प्रवेश मार्गों पर स्थापित चेक पोस्ट पर बाहर से आने वाले इन प्रवासियों से विस्तृत पूछताछ करने के बाद दस्तावेज देखकर विवरण अंकित किया जा रहा है. मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी निर्देशित उपाय अपनाने की हिदायत देने के बाद इन्हें गंतव्य स्थलों की ओर जाने दिया गया. बाहर से जैसलमेर जिले में प्रवेश कर रहे इन सभी लोगों को निर्धारित अवधि तक निर्देशों की पालना करने के लिए कहा गया है.
पढ़ेंः कोरोना संकट के बीच भाजपा ने मुख्यमंत्री को याद दिलाई ये बजट घोषणा, सराफ ने लिखा पत्र
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित चेक पोस्ट की गतिविधियों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. इन अधिकारियों ने अन्य राज्यों से आकर जिले की सीमा में प्रवेश करने वाले प्रवासियों के आंकड़ों, विभिन्न प्रपत्रों के भरे जाने की स्थिति, एसओपी से संबंधित पालना, मेडिकल स्क्रीनिंग, बंध पत्र भरवाने, स्टाम्प लगाने के बाद स्वस्थ प्रवासियों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.
पढे़ं: भारतीय वायुसेना ने किया 'कोरोना वॉरियर्स' का सम्मान, SMS हॉस्पिटल और विधानसभा पर की पुष्प वर्षा
अब तक लगभग 8500 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है और जैसलमेर आना चाहते हैं. ऐसे में सभी को संस्थागत आइसोलेटेड करवाना संभव नहीं है, वहीं जिनमें कोरोना के लक्षण या संदिग्ध पाया जाता है उन्हें संस्थागत आइसोलेटेड किया जाएगा. इसके साथ ही रेंडम सैम्पल लेकर जांच के लिए भी भेजे जाएंगे. यदि कोई प्रवासी होम क्वॉरेंटाइन के संबंध में जारी गाइडलाइन की पालना नहीं करता पाया गया तो उन पर कार्रवाई की जाएगी और उन्हें फिर जिला प्रशासन संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रखेगी.