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ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब के संरक्षण को लेकर हुई हाईकोर्ट में पेशी...संरक्षण के लिए बनेगी डीपीआर

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Published : Mar 16, 2021, 10:25 PM IST

जिले के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल गड़ीसर तालाब के संरक्षण के लिए राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर में अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री, सुनील पालीवाल और महेंद्रसिंह बोरावट की जनहित याचिका में न्यायालय के आदेश की अनुपालना में स्वायत शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव भवानीसिंह देथा पेशी में प्रस्तुत हुए.

Jaisalmer gadisar lake issue in high court,  Appeal in High Court for preservation of historic Gadisar lake,  Gadisar lake Appeal in High Court
ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब का संरक्षण

जैसलमेर. जिले के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल गड़ीसर तालाब के संरक्षण के लिए राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर में अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री, सुनील पालीवाल और महेंद्रसिंह बोरावट की जनहित याचिका में न्यायालय के आदेश की अनुपालना में स्वायत शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव भवानीसिंह देथा पेशी में प्रस्तुत हुए. स्वायत्त शासन विभाग राजस्थान झील विकास प्राधिकरण की बैठक कार्रवाई 10 मार्च 2021 को गड़ीसर को झील घोषित किए जाने की कार्रवाई का ब्यौरा पेश किया.

ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब का संरक्षण मामला

पेशी के दौरान राज्य सरकार की 12 मार्च 2021 को जारी अधिसूचना के अनुसार गड़ीसर के खसरा संख्या 481 को झील के लिए संरक्षित किए जाने की घोषणा और खसरा संख्या 489, 494, 495, 487, 503, 496, 486, 485, 497 और 502 को संरक्षित क्षेत्र घोषित किए जाने के ब्यौरा पेश किया गया.

पढ़ें- भरतपुर में 17 साल बाद सॉफ्टबॉल का महाकुम्भ...देशभर के करीब 1200 खिलाड़ी होंगे शामिल

इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से हाई कोर्ट में गड़ीसर की ओर प्रशासन का ढीला रवैया देखते हुए गड़ीसर को झील विकास प्राधिकरण के अधीन विशेष रुप से संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के लिए निर्देश दिए जाने की दलील पेश की गई. जिस पर प्रमुख शासन सचिव ने हाई कोर्ट को गड़ीसर के संरक्षण के लिए विशेष रूप से डीपीआर तैयार किए जाने का आश्वासन दिया. हाई कोर्ट ने आगामी तारीख पेशी 8 अप्रेल को पेश होने के साथ विशेष डीपीआर प्रस्तुत करने को कहा है

याचिकाकर्ता की ओर से गड़ीसर झील की पाल और संरक्षित क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन को निर्देश जारी किए जाने की दलील पेश की गई. जिस पर न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता को गड़ीसर झील के जल भराव क्षेत्र व संरक्षित क्षेत्र में अतिक्रमण के दस्तावेज पेश करने का समय प्रदान किया गया.

जैसलमेर. जिले के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल गड़ीसर तालाब के संरक्षण के लिए राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर में अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री, सुनील पालीवाल और महेंद्रसिंह बोरावट की जनहित याचिका में न्यायालय के आदेश की अनुपालना में स्वायत शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव भवानीसिंह देथा पेशी में प्रस्तुत हुए. स्वायत्त शासन विभाग राजस्थान झील विकास प्राधिकरण की बैठक कार्रवाई 10 मार्च 2021 को गड़ीसर को झील घोषित किए जाने की कार्रवाई का ब्यौरा पेश किया.

ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब का संरक्षण मामला

पेशी के दौरान राज्य सरकार की 12 मार्च 2021 को जारी अधिसूचना के अनुसार गड़ीसर के खसरा संख्या 481 को झील के लिए संरक्षित किए जाने की घोषणा और खसरा संख्या 489, 494, 495, 487, 503, 496, 486, 485, 497 और 502 को संरक्षित क्षेत्र घोषित किए जाने के ब्यौरा पेश किया गया.

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इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से हाई कोर्ट में गड़ीसर की ओर प्रशासन का ढीला रवैया देखते हुए गड़ीसर को झील विकास प्राधिकरण के अधीन विशेष रुप से संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के लिए निर्देश दिए जाने की दलील पेश की गई. जिस पर प्रमुख शासन सचिव ने हाई कोर्ट को गड़ीसर के संरक्षण के लिए विशेष रूप से डीपीआर तैयार किए जाने का आश्वासन दिया. हाई कोर्ट ने आगामी तारीख पेशी 8 अप्रेल को पेश होने के साथ विशेष डीपीआर प्रस्तुत करने को कहा है

याचिकाकर्ता की ओर से गड़ीसर झील की पाल और संरक्षित क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन को निर्देश जारी किए जाने की दलील पेश की गई. जिस पर न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता को गड़ीसर झील के जल भराव क्षेत्र व संरक्षित क्षेत्र में अतिक्रमण के दस्तावेज पेश करने का समय प्रदान किया गया.

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