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जैसलमेर: 25 हजार रुपए में SP के फर्जी हस्ताक्षर और सील से बना दिया चरित्र प्रमाण पत्र, 3 दलाल गिरफ्तार - Fake in the name of SP

जैसलमेर पुलिस अधीक्षक के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के मामले में पुलिस ने 3 दलाल को गिरफ्तार किया है. पुलिस को दलाल के पास से एसपी की फर्जी सील और कई अन्य दस्तावेजों पर फर्जी हस्ताक्षर भी मिला है. फिलहाल, पुलिस दलालों से पूछताछ कर रही है.

Case of forgery in Jaisalmer,   3 brokers arrested in Jaisalmer
जैसलमेर में 3 दलाल गिरफ्तार
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Published : Oct 3, 2020, 4:50 PM IST

जैसलमेर. जिले में हाल ही में फर्जीवाड़े का एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक दलाल ने 25 हजार रुपए लेकर पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील और हस्ताक्षर कर चरित्र प्रमाण पत्र बना दिया. एक ही दिन में प्रमाण पत्र के वेरिफिकेशन हाे जाने पर एसडीएम काे संदेह हुआ और जब पड़ताल कराई गई ताे इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

जैसलमेर में 3 दलाल गिरफ्तार

इस पर स्थानीय कोर्ट परिसर में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक दलाल, फर्जी सील बनाने वाले अब्दुल रहमान और टाइपिस्ट अशोक खत्री सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. दलाल के पास से एसपी की फर्जी सील और कई अन्य दस्तावेजों पर फर्जी हस्ताक्षर मिले. दलाल शंभू सिंह को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

यह है मामला...

हिमाचल प्रदेश से कुछ लोग जैसलमेर आए थे. इन लाेगाें काे जैसलमेर में मुरब्बे आवंटित हो रखे हैं. यहां आने पर उन्हें जानकारी मिली कि उन्हें पुलिस से चरित्र प्रमाण पत्र सत्यापित करवाना होगा. वे पूछताछ करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे तो उन्हें दलाल शंभू सिंह मिला. उसने बताया कि 25 हजार रुपए में सब कुछ करवा देगा. इसके बाद उन्होंने कागजात शंभू सिंह को सौंप दिए और दलाल ने उनके दस्तावेजों पर जैसलमेर पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील लगाकर फर्जी हस्ताक्षर करके कुछ ही घंटों में सत्यापन कर दिया.

पढ़ें- हनुमानगढ़ः जंक्शन थाना क्षेत्र में चोरों ने तीन घरों को बनाया निशाना, CCTV में कैद हुई वारदात

जब ये प्रमाण पत्र जैसलमेर एसडीएम अशोक कुमार के पास पहुंचे तो उन्हें इस आधार पर संदेह हुआ कि एक ही दिन में सत्यापन कैसे हो गया. इस पर उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश बैरवा से फोन पर बातचीत की. इसके बाद डिस्पैच रजिस्टर खंगालने पर पता चला कि एसपी ऑफिस में इस तरह का कोई आवेदन ही नहीं आया है. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर से दलाल शंभू सिंह को गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से एसपी की फर्जी सील भी बरामद कर ली.

ऑनलाइन आवेदन करने पर सत्यापन होने में लगते हैं 5 दिन

जानकारी के अनुसार पोंग डेम से प्रभावित लोगों को जैसलमेर में मुरब्बे (नहरी कृषि भूमि) आवंटित हो रखे हैं. अन्य कई बाहरी लोग भी जैसलमेर में जमीन खरीदने के लिए आते हैं. आम तौर पर वेरिफिकेशन का आवेदन स्थानीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचता है और फिर वहां से ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत व्यक्ति जहां का रहने वाला है वहां पर फाइल जाती है. वहां से वेरिफिकेशन होने के बाद स्थानीय पुलिस अधीक्षक की सील और हस्ताक्षर किए जाते हैं. इस प्रक्रिया में आम तौर पर 4 से 5 दिन लगते हैं.

जैसलमेर पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्हें न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा. इस दौरान उससे पूछताछ की जाएगी. वहीं, पूछताछ में और भी कई मामलों में खुलासा होने की संभावना है.

जैसलमेर. जिले में हाल ही में फर्जीवाड़े का एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक दलाल ने 25 हजार रुपए लेकर पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील और हस्ताक्षर कर चरित्र प्रमाण पत्र बना दिया. एक ही दिन में प्रमाण पत्र के वेरिफिकेशन हाे जाने पर एसडीएम काे संदेह हुआ और जब पड़ताल कराई गई ताे इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

जैसलमेर में 3 दलाल गिरफ्तार

इस पर स्थानीय कोर्ट परिसर में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक दलाल, फर्जी सील बनाने वाले अब्दुल रहमान और टाइपिस्ट अशोक खत्री सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. दलाल के पास से एसपी की फर्जी सील और कई अन्य दस्तावेजों पर फर्जी हस्ताक्षर मिले. दलाल शंभू सिंह को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

यह है मामला...

हिमाचल प्रदेश से कुछ लोग जैसलमेर आए थे. इन लाेगाें काे जैसलमेर में मुरब्बे आवंटित हो रखे हैं. यहां आने पर उन्हें जानकारी मिली कि उन्हें पुलिस से चरित्र प्रमाण पत्र सत्यापित करवाना होगा. वे पूछताछ करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे तो उन्हें दलाल शंभू सिंह मिला. उसने बताया कि 25 हजार रुपए में सब कुछ करवा देगा. इसके बाद उन्होंने कागजात शंभू सिंह को सौंप दिए और दलाल ने उनके दस्तावेजों पर जैसलमेर पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील लगाकर फर्जी हस्ताक्षर करके कुछ ही घंटों में सत्यापन कर दिया.

पढ़ें- हनुमानगढ़ः जंक्शन थाना क्षेत्र में चोरों ने तीन घरों को बनाया निशाना, CCTV में कैद हुई वारदात

जब ये प्रमाण पत्र जैसलमेर एसडीएम अशोक कुमार के पास पहुंचे तो उन्हें इस आधार पर संदेह हुआ कि एक ही दिन में सत्यापन कैसे हो गया. इस पर उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश बैरवा से फोन पर बातचीत की. इसके बाद डिस्पैच रजिस्टर खंगालने पर पता चला कि एसपी ऑफिस में इस तरह का कोई आवेदन ही नहीं आया है. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर से दलाल शंभू सिंह को गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से एसपी की फर्जी सील भी बरामद कर ली.

ऑनलाइन आवेदन करने पर सत्यापन होने में लगते हैं 5 दिन

जानकारी के अनुसार पोंग डेम से प्रभावित लोगों को जैसलमेर में मुरब्बे (नहरी कृषि भूमि) आवंटित हो रखे हैं. अन्य कई बाहरी लोग भी जैसलमेर में जमीन खरीदने के लिए आते हैं. आम तौर पर वेरिफिकेशन का आवेदन स्थानीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचता है और फिर वहां से ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत व्यक्ति जहां का रहने वाला है वहां पर फाइल जाती है. वहां से वेरिफिकेशन होने के बाद स्थानीय पुलिस अधीक्षक की सील और हस्ताक्षर किए जाते हैं. इस प्रक्रिया में आम तौर पर 4 से 5 दिन लगते हैं.

जैसलमेर पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्हें न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा. इस दौरान उससे पूछताछ की जाएगी. वहीं, पूछताछ में और भी कई मामलों में खुलासा होने की संभावना है.

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