जैसलमेर. देश के विख्यात देगराय ओरण में गोडावण और अन्य कई दुर्लभ प्रजातियां विचरण करती हैं. साथ ही बड़ी संख्या में इन दिनों ठंडे इलाकों से उड़कर कई दुर्लभ प्रजातियों के माइग्रेट पक्षियों ने भी डेरा डाल रखा है. लेकिन यहां पर हाईटेंशन तारों के जाल में टकराकर दुर्लभ और माइग्रेट पक्षियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है.
शुक्रवार को देगराय ओरण के रासला सरहद में निकल रही एक हाइटेंशन तारों से टकराकर सेड्यूल फर्स्ट के दुर्लभ प्रजाति के 2 माइग्रेट पक्षी निओफ्रोन पर्सनोटरस और जीनजीनियस वल्चर्स की मृत्यु हो गई. यह दोनों पक्षी मेल और फीमेल का जोड़ा था, जो कि संभवतः ब्रीडिंग कर रहा था.
देगराय उष्ट सरंक्षण समिति के अध्यक्ष सुमेर सिंह भाटी ने बताया कि इस घटना को मिलाकर जनवरी से अब तक 30 से ज्यादा पक्षियों की मृत्यु हुई है. करीब 10 दिन पहले भी यहां पर दो सीनीरियस वल्चर और टोनी इगल की मृत्यु भी हाईटेंशन तारों से टकराकर हुई है. तारों से टकराकर इस तरह पक्षियों के मारे जाने की घटनाओं से वन्य जीव प्रेमियों में काफी नाराजगी का माहौल है.
भाटी ने बताया कि वे पहले भी लगातार ओरण गोचर और गोडावण के विचरण के क्षेत्र से विद्युत लाइनों को हटाने या यहां पर बर्ड डाइवर्टर लगाने की मांग कर रहे हैं. करीब 4 महीने पहले भी द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के भी इस क्षेत्र में तारों से टकराकर मृत्यु हुई थी.