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झगड़े के दौरान युवक की मौत, अभियुक्त को 10 साल की सजा

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 2, 2024, 9:19 PM IST

जयपुर के ब्रहमपुरी थाने में झगड़े के दौरान एक युवक की मौत के मामले में अभियुक्त को 10 साल की सजा सुनाई गई है.

convict sentenced for 10 years in Jaipur
झगड़े के दौरान युवक की मौत

जयपुर. जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 ने झगड़े के दौरान युवक की मौत के मामले में अभियुक्त संजय राय को आपराधिक मानव वध का दोषी मानते हुए उसे 10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मृतक हेमंत और अभियुक्त संजय एक साथ आए और शराब पीकर दोनों ने खाना खाया, दोनों के बीच पुरानी रंजिश भी नहीं थी. ऐसे में अचानक हुए झगड़े के दौरान दोनों के चोट आई. वहीं युवक की मौत का कारण गले में खाना फंसने से हुई थी. इसलिए अभियुक्त का कृत्य हत्या करने का न होकर आपराधिक मानव वध की श्रेणी में आता है.

पढ़ें: हनुमानगढ़ : एक परिवार के 3 लोगों की आत्महत्या के मामले में 2 भाइयों को 10 साल की सजा

अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक बीना कुमारी ने अदालत को बताया कि मामले में सरिता देवी ने 26 जून, 2018 को ब्रहमपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसका बेटा हेमंत और उसका दोस्त संजय बीती रात एक साथ घर आए थे. दोनों कमरे में खाना खाने लगे और वह अपने कमरे में जाकर सो गई. सुबह उसने देखा की कमरे की कुंडी बाहर से बंद थी.

पढ़ें: डूंगरपुर : नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में 10 साल की सजा...

जब उसने कमरा खोलकर देखा, तो अंदर हेमंत की खून से लथपथ लाश जमीन पर पड़ी थी और संजय वहां से जा चुका था. उसे शक है कि संजय ने ही उसकी हत्या की है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने कहा कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को आपराधिक मानव वध का दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुनाई है.

जयपुर. जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 ने झगड़े के दौरान युवक की मौत के मामले में अभियुक्त संजय राय को आपराधिक मानव वध का दोषी मानते हुए उसे 10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मृतक हेमंत और अभियुक्त संजय एक साथ आए और शराब पीकर दोनों ने खाना खाया, दोनों के बीच पुरानी रंजिश भी नहीं थी. ऐसे में अचानक हुए झगड़े के दौरान दोनों के चोट आई. वहीं युवक की मौत का कारण गले में खाना फंसने से हुई थी. इसलिए अभियुक्त का कृत्य हत्या करने का न होकर आपराधिक मानव वध की श्रेणी में आता है.

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अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक बीना कुमारी ने अदालत को बताया कि मामले में सरिता देवी ने 26 जून, 2018 को ब्रहमपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसका बेटा हेमंत और उसका दोस्त संजय बीती रात एक साथ घर आए थे. दोनों कमरे में खाना खाने लगे और वह अपने कमरे में जाकर सो गई. सुबह उसने देखा की कमरे की कुंडी बाहर से बंद थी.

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जब उसने कमरा खोलकर देखा, तो अंदर हेमंत की खून से लथपथ लाश जमीन पर पड़ी थी और संजय वहां से जा चुका था. उसे शक है कि संजय ने ही उसकी हत्या की है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने कहा कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को आपराधिक मानव वध का दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुनाई है.

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