जयपुर. योजना भवन में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DoIT) के बेसमेंट में बड़ी मात्रा में नकदी और सोना मिलने के मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब इस मामले में शिकंजा कसने की तैयारी में है. ईडी की टीम बुधवार शाम को जयपुर में सचिवालय पहुंची, जहां DoIT की सचिव के कक्ष के पास भी ईडी की टीम गई. इसके बाद ईडी की तीन अधिकारियों की यह टीम योजना भवन भी गई.
बताया जा रहा है की ईडी की टीम ने योजना भवन के कमरा नंबर 207 में नोटिस भी दिया है. यह नोटिस ईडी की कार्रवाई को लेकर दिया गया है. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि योजना भवन में DoIT के आयुक्त के कमरे में भी ईडी की टीम गई थी. हालांकि, ईडी की ओर से अभी तक इस पूरे मामले को लेकर आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन ईडी की टीम के सचिवालय और योजना भवन तक पहुंचने से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
9 अगस्त को की थी पहली गिरफ्तारी : योजना भवन स्थित सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DoIT) में गोल्ड और कैश मिलने के मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी ने निलंबित ज्वाइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव पर शिकंजा कसकर 9 अगस्त को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. अगले दिन कोर्ट में पेश कर उसे रिमांड पर लिया गया था. अब कहा जा रहा है की वेदप्रकाश यादव से पूछताछ में जो जानकारी सामने आई है. उनकी तस्दीक और इस पूरे मामले के अनुसंधान को लेकर ईडी की टीम योजना भवन और सचिवालय तक पहुंची है.
यह है पूरा मामला : दरअसल, जयपुर में योजना भवन स्थित सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DoIT) के बेसमेंट में रखी अलमारियों में 19 मई को 2.31 लाख रुपए कैश और एक किलो सोना मिला था. इसे लेकर पुलिस ने DoIT के ज्वाइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को हिरासत में लिया तो पूछताछ में उसने कबूल किया था कि यह सोना और कैश उसी का है. इसके बाद उसे एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था और सरकार ने उसे निलंबित भी कर दिया था. पिछले दिनों इस मामले में ईडी ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ईडी उससे DoIT में भ्रष्टाचार की कड़ियों को लेकर पूछताछ की है.
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भाजपा सांसद किरोड़ी लाल ने खोला था मोर्चा : इस मामले में भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इसकी सीबीआई या ईडी से जांच करवाने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि उपकरण सप्लाई और इंस्टॉलेशन जैसे कई प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार हुआ है. इसके साथ ही ट्रैवलिंग के नाम पर भी भ्रष्टाचार के उन्होंने आरोप लगाए थे. यात्रा भत्ते के नाम पर फर्जी बिल बनाने के भी आरोप लगाए थे. उन्होंने चाइनीज पोस मशीन खरीद में भी 100 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था.
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कांग्रेस राज में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है। यह पहली बार है जब ईडी ने सचिवालय में जाकर योजना भवन से 2.31 करोड़ की नकदी व एक किलो सोना मिलने के प्रकरण में आईटी सचिव को नोटिस दिया है। यह सरकारी तंत्र में बैठे उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार का बेजोड़ नमूना है।…
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— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) August 16, 2023
राजेन्द्र राठौड़ बोले- ईडी सचिवालय पहुंची, सबका पर्दाफाश होकर रहेगा : योजना भवन में दो करोड़ से अधिक की नकदी और सोना मिलने के मामले में अब ED की सचिवालय में एंट्री हो गई है. ED के इस एक्शन के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बुधवार को ट्वीट कर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. राठौड़ ने अपने ट्वीट में कहा कि यह पहली बार है जब ईडी सचिवालय पहुंची और अधिकारियों को नोटिस दिया हो. कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार के तार जहां से भी जुड़े हो, उसका पर्दाफाश होकर रहेगा.
सबका होगा पर्दाफाश : राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस राज में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है. यह पहली बार है जब ईडी ने सचिवालय में जाकर योजना भवन से 2.31 करोड़ की नकदी और एक किलो सोना मिलने के प्रकरण में आईटी सचिव को नोटिस दिया है. यह सरकारी तंत्र में बैठे उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार का बेजोड़ नमूना है. राठौड़ ने कहा कि ईडी की रिमांड के दौरान आईटी विभाग के निलंबित ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव ने भ्रष्टाचार की कई ऐसी जानकारियां दी होगी, जिसके बाद ही ईडी को सचिवालय जाकर नोटिस देना पड़ा. कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार के तार जहां से भी जुड़े हो, उसका पर्दाफाश होकर रहेगा.