जयपुर. राजधानी जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित इस सम्मान समारोह में राज्यपाल ने कहा कि योग आत्मविकास का सबसे बड़ा माध्यम है. ये व्यक्ति को आदर्श जीवन शैली के जरिए स्वस्थ तन और स्वस्थ मन की ओर ले जाता है. यदि व्यक्ति योग को अपनाता है तो वो उसमे सकारात्मक भाव पैदा होते हैं. योग के जरिए जीवन से जुड़ी कठिनाइयों को आसानी से हल किया जा सकता है. उन्होंने स्कूल और कॉलेज में योग को प्रोत्साहन देने और आधुनिक पीढ़ी को योगिक दिनचर्या से जोड़ने का भी आह्वान किया, साथ ही कहा कि स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए कपाल भाति, त्रिबंध, अनुलोम विलोम, भस्त्रिका और भ्रामरी जैसे योग का नियमित करना चाहिए.
राज्यपाल ने योगाचार्यों से कहा कि आम जन को योग से जुड़े आसान आसनों के बारे में बताएं, ताकि हर कोई वो आसन कर सके. इस दौरान उन्होंने 'हर आंगन योग, हर घर निरोग' की मुहिम को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किए गए इस समारोह को लेकर निगम प्रशासन की भी तारीफ की. वहीं, हर बार की तरह इस आयोजन में भी राज्यपाल ने उपस्थित लोगों से संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया और मूल कर्त्तव्यों का पठन किया.
इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने महापौर को तिरंगा सौंपकर निगम के हर घर तिरंगा अभियान की भी शुरुआत की, जिसे लेकर महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि इस अभियान के तहत एक लाख तिरंगे बांटे जाएंगे. इस दौरान उन्होंने ग्रेटर निगम की और से कराए गए विकास कार्यों और नवाचारों की भी जानकारी दी. वहीं, कार्यक्रम में मौजूद रहे राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाना शुरू किया. इससे विश्व पटल पर योग को सशक्त पहचान मिली. कार्यक्रम में देशभक्तिपूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, मलखम्भ और योग का प्रदर्शन भी हुआ, साथ ही वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामू सैनी का अभिनंदन भी किया गया.
कार्यक्रम में राज्यपाल ने योग साधकों को योग विभूति सम्मान और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया. उन्होंने कार्यक्रम में जयपुर योग महोत्सव की स्मारिका नवोन्मेष का भी लोकार्पण किया. आपको बता दें कि कार्यक्रम में राज्यपाल ने 11 योग साधकों को योग विभूति सम्मान और 2 हजार 100 योग प्रेरकों को योग प्रशस्ति पत्र दिए.