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World Obesity Day 2023: मोटापा घटाने और स्वस्थ काया पाने को करें मिलेट्स का इस्तेमाल - विश्व ओबेसिटी दिवस

आज विश्व ओबेसिटी दिवस है, जिसे मोटापा दिवस भी कहा जाता है. आज के दिन मोटापे से होने वाली बीमारियों से लोगों को आगाह करने को विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन होते हैं. जिसके जरिए लोगों को जागरूक किया जाता है. लेकिन मोटापा बढ़ने का मूल कारण मौजूदा जीवनशैली व खानपान में आई (Millets can be helpful in reducing obesity) तब्दीलियां हैं.

World Obesity Day 2023
World Obesity Day 2023
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Published : Mar 4, 2023, 5:51 PM IST

मोटापा बढ़ने का मूल कारण जीवनशैली में बदलाव.

जयपुर. आज 4 मार्च है. आज के दिन दुनिया भर में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के मूल कारण मोटापे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व ओबेसिटी दिवस मनाया जा रहा है. भारत में साल 1975 के बाद मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या तीन गुना हो गई है. खास तौर पर हरित क्रांति के बाद रोजमर्रा के आहार में आए परिवर्तन के कारण यहां के लोगों खासकर युवाओं में मोटापे के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों हो रही हैं. ऐसे में देश की मोदी सरकार ने इस साल मोटे अनाज को श्री अनाज का नाम देकर लोगों में जागरूकता के मकसद से साल 2023 को समर्पित किया है. वहीं, विश्व मोटापा जागरूकता दिवस पर हमने विशेषज्ञों से मोटे अनाज के फायदों के बारे में जाना और समझा कि क्यों यह सेहत के लिए जरूरी हैं. साथ ही कैसे मोटे अनाज का सेवन कर हम स्वस्थ काया अर्जित कर सकते हैं.

यह मिलेट्स हैं हमारे लिए उपलब्ध - डाइटिशियन नेहा यदुवंशी ने बताया कि हमारी हेल्दी लाइफस्टाइल में मिलेट अहम भूमिका निभा सकते हैं. मसलन बाजरा, ज्वार, रागी, राजगिरी, कुट्टू और कोडो जैसे मोटे अनाज आसानी से मिल जाते हैं. उन्होंने कहा कि इन मोटे अनाजों की खासियत यह है कि यह शुगर फ्री होते हैं, जिसके कारण वेट लॉस में हमें आसानी होती है और मोटापे से लड़ने में इन मोटे अनाजों की अहम भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि आज की लाइफस्टाइल की वजह से मोटापा बढ़ रहा है. हर परिवार में कोई एक सदस्य मोटापे या डायबिटीज के कारण बीमार होता है. ऐसे में जरूरत है कि हम अपने रोज के खाने की आदत में मामूली सा बदलाव करें और गेहूं और चावल की जगह हफ्ते में कम से कम दो या तीन बार मोटे अनाज का इस्तेमाल करें.

इसे भी पढ़ें - World Obesity Day 2023: कोरोना के बाद जीवनशैली में बदलाव से बढ़ी मोटापे की समस्या, बच्चों की सेहत के प्रति हो जाएं सावधान

मिलेट्स में जहां एक तरफ ग्लूकोज की मात्रा कम होती है, वहीं दूसरी ओर इसमें कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं. यहां तक कि मिलेट्स विटामिन बी और B12 का भी अच्छे स्त्रोत होते हैं. साथ ही मोटे अनाज में मौजूद फाइबर कंटेंट स्वस्थ्य के लिए लाभदायक होती है. इनके सेवन से भूख संतुलित होती है और बार-बार खाने की भी जरूरत नहीं होती है. इस वजह से शरीर को मोटापे से मुक्ति मिलती है.

हफ्ते में दो से तीन दिन खाएं मोटा अनाज - जयपुर में दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. अर्जुन सिंह बालोदा ने कहा कि मिलेट्स का सेहत के लिहाज से कोई जवाब नहीं है. अगर मोटापे को खत्म करने के लिए डाइट में इन्हें इस्तेमाल किया जाए तो फिर हर बीमारी से निजात मिल सकती है. उन्होंने कहा कि इनमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में कारगर होती है. साथ ही हमें हफ्ते में कम से कम दो दिन अपनी डाइट में मिलेट्स का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.

मोटापा बढ़ने का मूल कारण जीवनशैली में बदलाव.

जयपुर. आज 4 मार्च है. आज के दिन दुनिया भर में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के मूल कारण मोटापे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व ओबेसिटी दिवस मनाया जा रहा है. भारत में साल 1975 के बाद मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या तीन गुना हो गई है. खास तौर पर हरित क्रांति के बाद रोजमर्रा के आहार में आए परिवर्तन के कारण यहां के लोगों खासकर युवाओं में मोटापे के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों हो रही हैं. ऐसे में देश की मोदी सरकार ने इस साल मोटे अनाज को श्री अनाज का नाम देकर लोगों में जागरूकता के मकसद से साल 2023 को समर्पित किया है. वहीं, विश्व मोटापा जागरूकता दिवस पर हमने विशेषज्ञों से मोटे अनाज के फायदों के बारे में जाना और समझा कि क्यों यह सेहत के लिए जरूरी हैं. साथ ही कैसे मोटे अनाज का सेवन कर हम स्वस्थ काया अर्जित कर सकते हैं.

यह मिलेट्स हैं हमारे लिए उपलब्ध - डाइटिशियन नेहा यदुवंशी ने बताया कि हमारी हेल्दी लाइफस्टाइल में मिलेट अहम भूमिका निभा सकते हैं. मसलन बाजरा, ज्वार, रागी, राजगिरी, कुट्टू और कोडो जैसे मोटे अनाज आसानी से मिल जाते हैं. उन्होंने कहा कि इन मोटे अनाजों की खासियत यह है कि यह शुगर फ्री होते हैं, जिसके कारण वेट लॉस में हमें आसानी होती है और मोटापे से लड़ने में इन मोटे अनाजों की अहम भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि आज की लाइफस्टाइल की वजह से मोटापा बढ़ रहा है. हर परिवार में कोई एक सदस्य मोटापे या डायबिटीज के कारण बीमार होता है. ऐसे में जरूरत है कि हम अपने रोज के खाने की आदत में मामूली सा बदलाव करें और गेहूं और चावल की जगह हफ्ते में कम से कम दो या तीन बार मोटे अनाज का इस्तेमाल करें.

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मिलेट्स में जहां एक तरफ ग्लूकोज की मात्रा कम होती है, वहीं दूसरी ओर इसमें कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं. यहां तक कि मिलेट्स विटामिन बी और B12 का भी अच्छे स्त्रोत होते हैं. साथ ही मोटे अनाज में मौजूद फाइबर कंटेंट स्वस्थ्य के लिए लाभदायक होती है. इनके सेवन से भूख संतुलित होती है और बार-बार खाने की भी जरूरत नहीं होती है. इस वजह से शरीर को मोटापे से मुक्ति मिलती है.

हफ्ते में दो से तीन दिन खाएं मोटा अनाज - जयपुर में दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. अर्जुन सिंह बालोदा ने कहा कि मिलेट्स का सेहत के लिहाज से कोई जवाब नहीं है. अगर मोटापे को खत्म करने के लिए डाइट में इन्हें इस्तेमाल किया जाए तो फिर हर बीमारी से निजात मिल सकती है. उन्होंने कहा कि इनमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में कारगर होती है. साथ ही हमें हफ्ते में कम से कम दो दिन अपनी डाइट में मिलेट्स का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.

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