जयपुर. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया (World Mental Health Day) जाता है. चिकित्सकों का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के बाद व्यक्ति की मानसिक स्थिति में बदलाव देखने को मिला है. डब्ल्यूएचओ की मानें तो दुनिया का हर 8वां व्यक्ति अवसाद का शिकार है. वहीं, एनसीआरबी के आंकड़ें कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में पुरुषों में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
पुरुषों में बढ़ा अवसाद : एनसीआरबी के आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2021 में आत्महत्या से जुड़े मामलों में वृद्धि हुई है. महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अवसाद बढ़ा है. जिसके कारण पुरुषों में आत्महत्या के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. राजस्थान से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2021 में कुल 5 हजार 500 लोगों ने आत्महत्या के मामले सामने आए. इसमें 4 हजार पुरुष थे और 1 हजार 500 महिलाएं. खुदकुशी करने वालों में सबसे ज्यादा 18 से 30 साल के युवा हैं.
ईएसआई अस्पताल के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर अखिलेश जैन का कहना है कि कोविड-19 महामारी (Increasing cases of Suicide after Corona) के बाद व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है. लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इस पर ध्यान नहीं देते. डॉक्टर जैन का कहना है कि डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार हर वर्ष पूरे विश्व में तकरीबन 7 लाख से अधिक लोग आत्महत्या (Suicide Cases in World Every Year) करते हैं. इसका प्रमुख कारण अवसाद को माना जाता है. इनमें लगातार सबसे अधिक युवा वर्ग अवसाद का शिकार हो रहा है.
जैन ने बताया कि देश में 2021 के दौरान आत्महत्या के मामले बढ़ते नजर आए हैं. एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़ों की माने तो साल 2021 में 1 लाख 64 हजार से अधिक लोगों ने आत्महत्या की है. इसमें करीब 45 हजार महिलाएं शामिल हैं. देश में सबसे ज्यादा आत्महत्याओं की घटनाएं महाराष्ट्र में सामने आई हैं. वहीं, राजस्थान में पिछले 1 साल में 5 हजार 593 आत्महत्या के मामले सामने आए. इसमें 1536 महिलाओं ने खुदकुशी की. राजधानी जयपुर में भी पिछले साल 593 आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं.
डॉक्टर जैन का कहना (Reason Of Suicide Cases) है कि अकेलेपन, बेहतर करियर, वर्चुअल दुनिया के रिश्ते, इंटरनेट गेम्स की लत, पढ़ाई का दबाव, पारिवारिक विवाद ये सभी किसी न किसी तरह से मानसिक अवसाद और फिर खुदकुशी का कारण बनते हैं. ऐसे में डॉक्टर जैन का कहना है कि घर में यदि कोई व्यक्ति अवसाद में नजर आ रहा है तो तुरंत मनोरोग चिकित्सक से संपर्क करने की जरूरत है. अवसाद के कारणों को जानना के बाद यदि समय पर दूर किया जाए तो किसी भी अनहोनी को टाला जा सकता है.