जयपुर. केंद्र की मोदी सरकार ने राजनीति में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पेश कर बहुमत के साथ पास भी करवा लिया. हालांकि इस बिल का लाभ महिलाओं को प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में तो नहीं मिलेगा. वहीं भाजपा महिला नेत्रियों में टिकटों में प्रतिनिधित्व बढ़ने की उम्मीदें बढ़ गई है. यही वजह है कि प्रदेश में बीजेपी महिला दावेदारों की संख्या में इजाफा हो गया है. उन्हें लगता है कि इस बार चुनाव में तरजीह मिलेगी.
महिला शक्ति वंदन विधेयक के बीच बड़ी दावेदारी: पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार ने राजनीति में महिला आरक्षण बिल का मास्टरस्ट्रोक खेला है. बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है. हालांकि महिला आरक्षण बिल का असर साल 2029 में नजर आएगा, लेकिन बीजेपी इस बिल को इसी साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से भूनाने में जुट गई है. पार्टी को लगता है कि इस बिल से चुनावी राज्यों आधी आबादी यानी महिला मतदाताओं में अच्छा संदेश गया हैं, जिसका सीधा लाभ पार्टी को चुनावों में मिलेगा. बीजेपी की महिला नेत्रियों को उम्मीद है कि महिलाओं को लेकर जिस तरह पार्टी के शिर्ष नेतृत्व की मंशा है. उसके लिहाज से इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में महिला नेत्रियों को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलेगा, यहीं कारण है कि महिला नेताओं ने बड़ी संख्या में दावेदारी करना शुरु कर दिया है.
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बीजेपी महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुमन शर्मा ने केंद्र सरकार की ओर से लाए गए इस बिल का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से 9 साल में उज्वला योजना, ट्रिपल तलाक जैसे कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले देश की आधी आबादी के लिए. यह दर्शाता है कि सरकार महिलाओं को लेकर कितनी संवेदनशील है. टिकट की दावेदारी को लेकर सुमन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी में महिलाओं को टिकट दिया जाता है, पार्टी को मालूम है कौन कहां से दावेदारी कर रहा है, किसे कहां से लड़ाना है ये पार्टी को तय करना है. लेकिन यह सही है कि इस बिल के आने के बाद उम्मीद बढ़ गई है.
बीजेपी की कुछ नेत्रियों ने विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी जताई है. इनमें सुमन शर्मा ने मालवीय नगर से, राखी राठौड़ ने झोटवाडा से, सुजाता मीणा बस्सी से, अर्चना मीना और शशि कला बामनवास से, कमला कस्वां सादुलपुर से, ज्योति मिर्धा खींवसर से, मंजू बाघमार जायल से, सुमन कुल्हरी गढ़वाल नवलगढ़ से, रक्षा भंडारी सिरोही से, संतोष बावरी, शिमला बावरी, और प्रियंका बैलान अनूपगढ़ से, नीरजा शर्मा राजाखेड़ा से, प्रियंका चौधरी बाड़मेर से, द्रोपदी मेघवाल पीलीबंगा से, सन्तोष अहलावत सुरजगढ़ से, मनीषा गुर्जर खेतड़ी से, सुनीता कड़वासरा फतेहपुर से, इंद्रा चौधरी और मधु कुमावत दांतारामगढ़ से दावेदारी जताई है.
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वहीं शोभा चौहान, संजना आगरी और लक्ष्मी बारुपाल सोजत से, कमला चौहान जैतारण से, अनिता कटारा सागवाड़ा से, सुशील कंवर मसूदा से, अर्चना मीना, शशि कला बामनवास से, मूर्ति मीणा लालसोट से, डॉ मंजू मेघवाल-जालोर से, कृष्णा कटारा बागीदौरा से, अलका मूंदडा उदयपुर से, मंजु शर्मा हवामहल से, प्रियंका चौधरी बाड़मेर से, राजकुमारी जाटव, मंजु खैरवाल हिंडौन सिटी से, ममता मीणा खैरवाडा से, गीता पटेल वल्लभनगर से, वंदना मीणा उदयपुर ग्रामीण से दावेदारी जताई है.
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इनके अलावा सुनीता मीणा राजगढ से, राजकुमारी गुर्जर, रोहिणी देवी करौली से, शकुंतला मीणा सपोटरा से, अनिता सिंह नगर से, कृष्णेंद्र कौर दीपा नदबई से, अलका गुर्जर उनियारा देवली से, नीलम गुर्जर दौसा से, रंजीता कोली बयाना से, पूनम कंवर कोलायत से, रानी सिलोटिया बसेड़ी से, प्रियंका बोलना अनूपगढ़ से, नीरजा शर्मा राजाखेड़ा से और मंजू बाघमार जायल से दावेदारी जताई है.
200 में से मात्र 23 को टिकट: अगर पार्टीवार आंकड़ों पर नजर डाली जाए, साल 2018 यानि पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 200 सीटों में से कांग्रेस ने कुल 27 महिलाओं को टिकट दिया था. जबकि बीजेपी ने 23 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था. जिसमे कांग्रेस की 12 बीजेपी की 10 महिला उम्मीदवार को ही जीत हासिल हुई. जिनमें अनिता भदेल-अजमेर दक्षिण, दीप्ति महेश्वरी-राजसमंद, कल्पना देवी-लाडपुरा, चंद्रकांता मेघवाल-केशोरायपाटन, वसुंधरा राजे-झालरापाटन, शोभा चौहान-सोजत, सिद्धी कुमारी-बीकानेर पूर्व, सुर्यकांता व्यास-सूरसागर,संतोष-अनूपगढ़ और शोभारानी कुशवाह-धौलपुर (अभी भाजपा से निलंबित है) से जीतीं.
बीजेपी की महिला मोर्चा अध्यक्ष रक्षा भंडारी ने बताया कि बिल आने के बाद महिला दावेदारों की संख्या में एकाएक बढ़ोतरी हुई है. महिला दावेदारों को टिकटों के सवाल के जवाब में उन्हें कहा कि ये पार्टी को तय करना है, लेकिन उन्हें यकीन है कि पिछले चुनावों से इस बार ज्यादा टिकट महिलाओं को मिलेंगे.