ETV Bharat / state

वसुंधरा राजे ने महिलाओं की जिंदगी और उनके अधिकारों को लेकर दिया बड़ा बयान, यहां जानिए - महिलाओं की जिंदगी से जुड़े अहम फैसले

राजधानी जयपुर में आयोजित वूमन ऑफ वंडर अवार्ड समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने महिलाओं की जिंदगी और उनके अधिकारों पर बड़ा बयान दिया. राजे ने कहा कि आज भी महिलाओं की जिंदगी से जुड़े अहम फैसले पुरुष ही लेते हैं.

Woman of Wonder Award Ceremony
Woman of Wonder Award Ceremony
author img

By

Published : Jul 30, 2023, 7:34 PM IST

जयपुर. दुनिया में सबसे बड़ा संविधान भारत का है, जिसमें महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार दिए गए हैं. बावजूद इसके महिलाओं को अपने ही अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है. आज भी महिलाओं की जिंदगी से जुड़े अहम फैसले पुरुष ही ले रहे हैं. ये कहना है प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का. राजे ने ये बातें इनाया फाउंडेशन की ओर से आयोजित वूमन ऑफ वंडर अवार्ड समारोह को संबोधित करने के दौरान कहीं.

वूमन ऑफ वंडर अवार्ड समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 28 महिलाओं को सम्मानित किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई. वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि भले ही महिलाएं खुश हो लें कि आजादी के 75 सालों में वो अंतरिक्ष पर पहुंच गई. फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं. ओलंपिक में पदक जीत रही हैं. राष्ट्रपति बनकर देश की बागडोर संभाल रही हैं. चंद्रयान-3 लैंडिंग की जिम्मेदारी ‘रॉकेट वुमन’ ऋतु करिधाल को सौंपी गई है, लेकिन यह संख्या महिलाओं की आबादी का अंश मात्र है. आज भी महिलाओं की जिंदगी से जुड़े अहम फैसले पुरुष ही ले रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan Politics : पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का तीखा हमला, बोलीं- राजस्थान का मान तार-तार हो रहा है, शर्म होती तो रिजाइन कर देते

उन्होंने कहा कि वो जब राजस्थान की राजनीति में आई तब उन्हें भी बहुत संघर्ष करना पड़ा, जो आज भी कम नहीं हुआ है. अगर वो डर जाती तो यहां तक नहीं पहुंचती. नारी जब साधना के साथ संकल्प ले लेती है तो पहाड़ों को भी हिला कर रख देती है. राजे ने कहा कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व लोकसभा में 15, राज्यसभा में 14 और राजस्थान विधानसभा में साढ़े 13 प्रतिशत है, जो बेहद कम है. जबकि साइकिल के दोनों पहियों की तरह समाज का संतुलन पुरुष और महिला पर टिका है, जिनकी बराबर भागीदारी से ही देश विकसित होता है.

  • भले ही महिलाऐं खुश हो लें कि आजादी के 75 सालों में महिलाएं अंतरिक्ष पर पहुंच गई। फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। ओलंपिक में पदक जीत रही हैं। राष्ट्रपति बनकर देश की बागडोर संभाल रही हैं। चंद्रयान-3 लैंडिंग की जिम्मेदारी ‘रॉकेट वुमन’ ऋतु करिधाल को सौंपी गई है . . . पर वास्तव में यह… pic.twitter.com/jZ7Hb05bzl

    — Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वसुंधरा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, लता मंगेशकर और अवनी लेखरा का उदाहरण देते हुए कहा कि इनमें शिक्षा, संघर्ष, मेहनत और कामयाबी की ललक थी, जिससे इन्हें सफलता हासिल हुई. वहीं, उन्होंने आगे ट्रिपल तलाक से राहत दिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. आखिर में शायराना अंदाज में राजे ने कहा-''बिजली जब चमकती है, आकाश बदल देती है, आंधी जब धमकती है, दिन-रात बदल देती है, धरती जब दरकती है, सीमांत बदल देती है और नारी जब गरजती है तो इतिहास बदल देती है.''

जयपुर. दुनिया में सबसे बड़ा संविधान भारत का है, जिसमें महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार दिए गए हैं. बावजूद इसके महिलाओं को अपने ही अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है. आज भी महिलाओं की जिंदगी से जुड़े अहम फैसले पुरुष ही ले रहे हैं. ये कहना है प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का. राजे ने ये बातें इनाया फाउंडेशन की ओर से आयोजित वूमन ऑफ वंडर अवार्ड समारोह को संबोधित करने के दौरान कहीं.

वूमन ऑफ वंडर अवार्ड समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 28 महिलाओं को सम्मानित किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई. वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि भले ही महिलाएं खुश हो लें कि आजादी के 75 सालों में वो अंतरिक्ष पर पहुंच गई. फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं. ओलंपिक में पदक जीत रही हैं. राष्ट्रपति बनकर देश की बागडोर संभाल रही हैं. चंद्रयान-3 लैंडिंग की जिम्मेदारी ‘रॉकेट वुमन’ ऋतु करिधाल को सौंपी गई है, लेकिन यह संख्या महिलाओं की आबादी का अंश मात्र है. आज भी महिलाओं की जिंदगी से जुड़े अहम फैसले पुरुष ही ले रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan Politics : पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का तीखा हमला, बोलीं- राजस्थान का मान तार-तार हो रहा है, शर्म होती तो रिजाइन कर देते

उन्होंने कहा कि वो जब राजस्थान की राजनीति में आई तब उन्हें भी बहुत संघर्ष करना पड़ा, जो आज भी कम नहीं हुआ है. अगर वो डर जाती तो यहां तक नहीं पहुंचती. नारी जब साधना के साथ संकल्प ले लेती है तो पहाड़ों को भी हिला कर रख देती है. राजे ने कहा कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व लोकसभा में 15, राज्यसभा में 14 और राजस्थान विधानसभा में साढ़े 13 प्रतिशत है, जो बेहद कम है. जबकि साइकिल के दोनों पहियों की तरह समाज का संतुलन पुरुष और महिला पर टिका है, जिनकी बराबर भागीदारी से ही देश विकसित होता है.

  • भले ही महिलाऐं खुश हो लें कि आजादी के 75 सालों में महिलाएं अंतरिक्ष पर पहुंच गई। फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। ओलंपिक में पदक जीत रही हैं। राष्ट्रपति बनकर देश की बागडोर संभाल रही हैं। चंद्रयान-3 लैंडिंग की जिम्मेदारी ‘रॉकेट वुमन’ ऋतु करिधाल को सौंपी गई है . . . पर वास्तव में यह… pic.twitter.com/jZ7Hb05bzl

    — Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वसुंधरा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, लता मंगेशकर और अवनी लेखरा का उदाहरण देते हुए कहा कि इनमें शिक्षा, संघर्ष, मेहनत और कामयाबी की ललक थी, जिससे इन्हें सफलता हासिल हुई. वहीं, उन्होंने आगे ट्रिपल तलाक से राहत दिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. आखिर में शायराना अंदाज में राजे ने कहा-''बिजली जब चमकती है, आकाश बदल देती है, आंधी जब धमकती है, दिन-रात बदल देती है, धरती जब दरकती है, सीमांत बदल देती है और नारी जब गरजती है तो इतिहास बदल देती है.''

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.