जयपुर. प्रदेश भाजपा में तेजी से सियासी सिनेरियो बदलने लगा है. राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे फिर एकाएक सक्रिय हो गई हैं. लेकिन उनकी सक्रियता और अचानक आलाकमान के लिए उनका महत्वपूर्ण होना यह बताता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका अहम रहने वाली है. प्रदेश पार्टी मुख्यालय के बाहर राजे की तस्वीरें और होर्डिंग लगाने के साथ ही अब जिला अध्यक्षों को भी इस बाबत मौखिक निर्देश दिए गए हैं. जिसमें जिला कार्यसमिति की बैठक में राजे की तस्वीर लगाने की बात कही गई है.
जिला कार्यसमिति की बैठकों में लगे राजे की फोटोः पिछले हफ्ते प्रदेश पार्टी मुख्यालय के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की होर्डिंग लगाई गई. करीब चार साल से राजे की तस्वीर पार्टी कार्यालय से गायब थी, लेकिन हाल ही में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे के बाद उनकी फोटो फिर से होर्डिंग में दिखाई दे रही है. इतना ही नहीं अब जिला अध्यक्षों को भी मौखिक निर्देश जारी किए गए हैं कि जिला कार्यसमिति की बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तस्वीरें लगाई जाए.
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सियासी मायनेः वहीं, अब पूर्व सीएम राजे की तस्वीर व होर्डिंग के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. साथ ही कहा जा रहा है कि अब पार्टी केंद्रीय नेतृत्व को भी इस बात आभास हो गया है कि बिना वसुंधरा के यहां जीत मुश्किल है. यही वजह है कि पार्टी राजे के फेस को सियासी तौर पर भुना सत्ता में वापसी की गणित साधने में जुट गई है. प्रदेश में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होंगे. ऐसे में चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए वसुंधरा की सक्रियता को काफी अहम माना जा रहा है.
इसलिए दिए मौखिक आदेशः राज्य के सियासी जानकारों की मानें तो जो होर्डिंग प्रदेश पार्टी मुख्यालय के बाहर लगते हैं, उसी को जिला कार्यालयों के बाहर भी लगाया जाता है. लेकिन बीते 28 जनवरी को भाजपा के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष ऋषि बंसल की बैठक को लेकर लगाए गए पोस्टर में पूर्व सीएम राजे की तस्वीर शामिल नहीं थी. जिसको लेकर खूब चर्चाएं भी हुई. वहीं, सूत्रों की मानें तो इसी घटना के बाद सभी जिला अध्यक्षों को ये मौखिक निर्देश दिया गया कि जिला कार्यसमिति की बैठक में वो पूर्व सीएम राजे की तस्वीर जरूर लगाएं.
गुटबाजी पर नाराजगीः दरअसल, लंबे समय से प्रदेश भाजपा में पार्टी की गुटबाजी खुलकर सामने आ रही थी और इसको लेकर लगातार राष्ट्रीय नेतृत्व के पास भी शिकायतें पहुंच रही थी. राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसको लेकर कई बार निर्देश भी दिए थे कि पार्टी एकजुट होकर राज्य में सत्ता वापसी के लिए काम करें. बावजूद इसके उपचुनाव और जन आक्रोश यात्रा में पार्टी में व्याप्त गुटबाजी खुलकर सामने आई थी. यही वजह है कि हाल ही में प्रदेश के दौरे पर आए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुटबाजी पर नाराजगी जताई थी.
हाईकमान के निर्देश से लगा फोटोः वसुंधरा राजे के समर्थित विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि वसुंधरा राजे के पार्टी कार्यालय के बाहर फोटो लगने और जिलों की मीटिंग में भी वसुंधरा राजे का पोस्टर लगाने के निर्देश से एक पॉजिटिव मैसेज लोगों के बीच में जा रहा है. अब साफ हो गया है कि जो लोग यह मान रहे थे कि वसुंधरा राजे को साइडलाइन कर दिया है उनके नेतृत्व में चुनाव नहीं होगा , लेकिन अब संदेश जो संदेश है, वह बताता है कि आने वाले चुनाव में वसुंधरा राजे ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगी. उनके नेतृत्व में ही चुनाव जीता जा सकता है. सिंघवी ने कहा कि वसुंधरा राजे के सक्रिय होने के बाद यह तय है कि राजस्थान में आने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी और पार्टी मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में अब ये बात साफ हो चुकी है कि हाईकमान के निर्देश के बाद ही फोटो लगाए गए हैं.
वसुंधरा राजे को दिल्ली चले जाना चाहिएः वहीं वसुंधरा खेमे से अलग माने जाने वाले पूर्व विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने इस बात से इनकार किया कि फोटो लगाने से वसुंधरा राजे ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगी. उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कमल का फूल ही चेहरा होगा.आहूजा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी सलाह देते हुए कहा कि अब उन्हें दिल्ली चले जाना चाहिए. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जाकर संगठन के लिए काम करने की जरूरत है.