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देवनानी का सीएम पर निशाना, कहा-जब सबकुछ जोधपुर दे रहे हो, तो इसे ही राज्य बना दें - Vasudev Devnani on new university bill

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सबकुछ जोधपुर को ही दे रहे हो, तो जोधपुर को ही राज्य बना दें.

Vasudev Devnani targets CM Ashok Gehlot
देवनानी का सीएम पर निशाना, कहा-जब सबकुछ जोधपुर दे रहे हो, तो इसे ही राज्य बना दें
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Published : Mar 20, 2023, 6:20 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय जयपुर के बिल पर बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि गहलोत अजमेर और अन्य संभागों के साथ सौतेला व्यवहार कर सभी विश्वविद्यालय जयपुर या जोधपुर में खोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो भी नया काम हो, उसे जोधपुर ले जाते हैं. क्या वह जोधपुर स्टेट के मुख्यमंत्री हैं या फिर पूरे राजस्थान के. अगर सभी विश्वविद्यालयों को जोधपुर ले जाना है, तो फिर जोधपुर को ही स्टेट बना देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय जयपुर पर चर्चा तो हो रही है, लेकिन सरकार दिव्यांगों के प्रति कितना सम्मान रखती है. इसका पता तो ट्रेजरी बेंच का हाल बता रहा है. न तो सरकार है ना विधायक हैं. दिव्यांगों के प्रति आपका कोई सम्मान नहीं है. सरकार केवल मैसेज देने के लिए विधेयक ला रही है. उन्होंने कहा कि आपकी दिव्यांगों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है. इस पर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि आपको यह बोलने का अधिकार नहीं है. आपकी 10 साल तक दो बार की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 2 घंटे विधानसभा में नहीं बैठती. इस पर सदन में हंगामा हुआ. जिसे सभापति ने शांत करवाया.

पढ़ें: गुरुकुल यूनिवर्सिटी फर्जी जांच रिपोर्ट मामले में अब तक की कार्रवाई से कटारिया असंतुष्ट, सरकार और राज्यपाल से की मांग....कही ये बात

इसके आगे बोलते हुए वासुदेव देवनानी ने कहा कि दिव्यांगों के प्रति साल भर के बाद तो सरकार यह विधेयक लेकर आई है. क्या 6 महीने में ही विश्वविद्यालय स्थापित कर देंगे. जबकि 6 महीने में जमीन ढूंढेंगे. 6 महीने में विश्वविद्यालय नहीं बनता. देवनानी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के जरिए इसमें पुनर्वास चिकित्सा, व्यवसाय परामर्श जैसे प्रावधान किए जा रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के लिए केवल 8 करोड़ 71 लाख रुपए का प्रावधान किया है. जबकि 8 करोड़ में तो एक विद्यालय नहीं बनता है. विश्वविद्यालय ला रही सरकार 25-50 करोड़ का इंतजाम तो करती. विश्वविद्यालय 200 करोड़ से कम में नहीं बनता, लेकिन आप कम से कम 25 से 50 करोड़ तो रखते. आप लोगों ने 8 करोड़ का प्रावधान कर दिव्यांगों का अपमान किया है.

पढ़ें: Ashok Gehlot in convocation: सीएम का दर्द, कहा- सरकार बदली तो भाजपा ने बंद कर दिया अंबेडकर व पत्रकारिता विश्वविद्यालय

देवनानी ने कहा कि वैसे भी इस सरकार की विश्वविद्यालयों के प्रति क्या सोच है, यह जगजाहिर है. क्योंकि आज सरकारी विश्वविद्यालय की हालत यह है कि 25% ही अध्यापक हैं. आप विश्वविद्यालयों के प्रति गंभीर नहीं हैं. विश्वविद्यालय में 2 से 3 लाख का प्रोविजन करके औपचारिकता निभाते हैं. ऐसे में ना तो विश्वविद्यालय को पद दे रहे हो, ना ही पैसा दे रहे हो. फिर कैसा विश्वविद्यालय चल रहा है?

पढ़ें: जोधपुर: सिंडीकेट की बैठक में जेएनवीयू और एमबीएम विश्वविद्यालय में हुआ विधिवत बंटवारा

इसके साथ ही देवनानी ने जयपुर और जोधपुर को छोड़ बाकी अन्य संभागों में विश्वविद्यालय खोलने के मामले में सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सारे विश्वविद्यालय जयपुर या जोधपुर में खोले जा रहे हैं. क्या बाकी कोई स्थान नहीं है राजस्थान में. अजमेर में केवल एक एमडीएस यूनिवर्सिटी है. अजमेर के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. सभी विश्वविद्यालय जोधपुर में खोल रहे हो, तो मुख्यमंत्री जोधपुर को स्टेट ही बना दें. आप राजस्थान स्टेट के मुख्यमंत्री हो, सभी संभागों पर समान रूप से काम करना चाहिए.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय जयपुर के बिल पर बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि गहलोत अजमेर और अन्य संभागों के साथ सौतेला व्यवहार कर सभी विश्वविद्यालय जयपुर या जोधपुर में खोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो भी नया काम हो, उसे जोधपुर ले जाते हैं. क्या वह जोधपुर स्टेट के मुख्यमंत्री हैं या फिर पूरे राजस्थान के. अगर सभी विश्वविद्यालयों को जोधपुर ले जाना है, तो फिर जोधपुर को ही स्टेट बना देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय जयपुर पर चर्चा तो हो रही है, लेकिन सरकार दिव्यांगों के प्रति कितना सम्मान रखती है. इसका पता तो ट्रेजरी बेंच का हाल बता रहा है. न तो सरकार है ना विधायक हैं. दिव्यांगों के प्रति आपका कोई सम्मान नहीं है. सरकार केवल मैसेज देने के लिए विधेयक ला रही है. उन्होंने कहा कि आपकी दिव्यांगों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है. इस पर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि आपको यह बोलने का अधिकार नहीं है. आपकी 10 साल तक दो बार की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 2 घंटे विधानसभा में नहीं बैठती. इस पर सदन में हंगामा हुआ. जिसे सभापति ने शांत करवाया.

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इसके आगे बोलते हुए वासुदेव देवनानी ने कहा कि दिव्यांगों के प्रति साल भर के बाद तो सरकार यह विधेयक लेकर आई है. क्या 6 महीने में ही विश्वविद्यालय स्थापित कर देंगे. जबकि 6 महीने में जमीन ढूंढेंगे. 6 महीने में विश्वविद्यालय नहीं बनता. देवनानी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के जरिए इसमें पुनर्वास चिकित्सा, व्यवसाय परामर्श जैसे प्रावधान किए जा रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के लिए केवल 8 करोड़ 71 लाख रुपए का प्रावधान किया है. जबकि 8 करोड़ में तो एक विद्यालय नहीं बनता है. विश्वविद्यालय ला रही सरकार 25-50 करोड़ का इंतजाम तो करती. विश्वविद्यालय 200 करोड़ से कम में नहीं बनता, लेकिन आप कम से कम 25 से 50 करोड़ तो रखते. आप लोगों ने 8 करोड़ का प्रावधान कर दिव्यांगों का अपमान किया है.

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देवनानी ने कहा कि वैसे भी इस सरकार की विश्वविद्यालयों के प्रति क्या सोच है, यह जगजाहिर है. क्योंकि आज सरकारी विश्वविद्यालय की हालत यह है कि 25% ही अध्यापक हैं. आप विश्वविद्यालयों के प्रति गंभीर नहीं हैं. विश्वविद्यालय में 2 से 3 लाख का प्रोविजन करके औपचारिकता निभाते हैं. ऐसे में ना तो विश्वविद्यालय को पद दे रहे हो, ना ही पैसा दे रहे हो. फिर कैसा विश्वविद्यालय चल रहा है?

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इसके साथ ही देवनानी ने जयपुर और जोधपुर को छोड़ बाकी अन्य संभागों में विश्वविद्यालय खोलने के मामले में सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सारे विश्वविद्यालय जयपुर या जोधपुर में खोले जा रहे हैं. क्या बाकी कोई स्थान नहीं है राजस्थान में. अजमेर में केवल एक एमडीएस यूनिवर्सिटी है. अजमेर के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. सभी विश्वविद्यालय जोधपुर में खोल रहे हो, तो मुख्यमंत्री जोधपुर को स्टेट ही बना दें. आप राजस्थान स्टेट के मुख्यमंत्री हो, सभी संभागों पर समान रूप से काम करना चाहिए.

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