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Vaastu for parking वास्तु के अनुसार कैसी होनी चाहिए पार्किंग या गैरेज, क्या आप भी जानते हैं घर का गुड लक

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Published : Feb 27, 2023, 1:10 PM IST

Vaastu tips for Car Parking आपने कार तो खरीद ली, लेकिन वो आपके लिए तभी फलदायक होगी, जब आप उसके रखने, चलाने और पार्क करने में वास्तु के नियमों का पालन करेंगे.

Vaastu for parking
वास्तु के अनुसार कैसी होनी चाहिए पार्किंग

जयपुर. आमतौर पर घर निर्माण के दौरान लोग रसोई, स्नानघर और सीढ़ियों के साथ-साथ मुख्य दरवाजे के वास्तु का पूरा ख्याल रखते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि घर में बनी पार्किंग या गैरेज भी वास्तु के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है. अक्सर ऐसा ही देखा गया है कि घर की समान्य बनावट को लेकर वास्तु सिद्धांतों का पालन किया जाता है, पर पार्किंग एरिया पर ध्यान नहीं दिया जाता. गलत दिशा में खड़ा हुआ वाहन आपकी परेशानी का कारण बन सकता है. वहीं सही दिशा में खड़ा हुआ वाहन आपकी सुख-समृद्धि में चार चांद लगा सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार पार्किंग स्थल भूखंड के आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) या वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोण में होना चाहिए. वायव्य में वाहन पार्क करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है. वास्तु शास्त्र की मानें तो वास्तु के नियम सिर्फ घर के अंदर ही नहीं घर के बाहर भी लागू होते हैं. घर के पार्किंग एरिया पर भी वास्तु के सिद्धांत लागू होते हैं.

Vaastu for parking
वास्तु के अनुसार कैसी होनी चाहिए पार्किंग

किस दिशा में हो पार्किंग स्थल - वास्तु शास्त्र के अनुसार पार्किंग स्थल भूखंड के आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) या वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोण में होना चाहिए. वायव्य में वाहन पार्क करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है. वायव्य के पश्चिम में गैरेज होने पर कार स्वामी की यात्राएं सुखद और सफल रहती हैं. आग्नेय में कार खड़ी करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसमें बहुत अधिक ईंधन नहीं होना चाहिए, क्योंकि यहां पर अग्नि तत्व की प्रधानता होती है, जिससे अग्नि दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.

वाहन खरीदा पर चला नहीं पाए - कई बार देखा गया है कि लोग शौक में वाहन तो खरीद लेते हैं, लेकिन उस पर यात्रा बहुत कम कर पाते हैं. यह भी एक वास्तु दोष है. जो गाड़ियां काफी दिनों तक खड़ी ही रहती हैं, उनके मालिकों को मानसिक तनाव और धन हानि का सामना करना पड़ता है. वाहन वही शुभ रहता है, जो कम से कम स्थिर यानी खड़े रहें. जब भी गृह स्वामी को वाहन की आवश्यकता पड़े, उस समय उसका वाहन यात्रा करने के लिए तैयार होना चाहिए.

Vaastu for parking
वास्तु के अनुसार कैसी होनी चाहिए पार्किंग

पार्किंग बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान - दिशा के मुताबिक पार्किंग निर्माण के बावजूद भी कंस्ट्रक्शन के दौरान कुछ बारीक चीजों का ध्यान रखा जाना चाहिए. मसलन पार्किंग एरिया के फर्श का ढलान उत्तर दिशा की तरफ रखना चाहिए. अगर गाड़ी खराब हो जाए, तो उसे शीघ्र ही ठीक करवाकर रखनी चाहिए, अन्यथा ऐसी गाड़ी वास्तुदोष उत्पन्न करती है. इसकी छत मुख्य भवन और चहारदीवारी को नहीं छूनी चाहिए और गैरेज के चारों ओर कम से कम दो तीन फुट चौड़ी खुली जगह रखें. ध्यान रखना चाहिए कि गैरेज में गाड़ी खड़ी करने के बाद उसके चारों ओर जगह छूटनी चाहिए, ताकि व्यक्ति बिना किसी रुकावट के इसके चारों ओर पैदल घूम सके. कभी भी वाहन ईशान (उत्तर-पूर्व ) कोण में नहीं खड़ा करना चाहिए, इस दिशा में गाड़ी खड़ी होने पर परिवार के सदस्यों को बहुत अधिक मानसिक तनाव रहता है. यहां पर बना गैराज घर के मुखिया को महत्वपूर्ण निर्णय लेने में भ्रमित रखता है. एक बात ध्यान रखने वाली है कि गैराज के सामने का रास्ता बिल्कुल साफ-सुथरा रखें ताकि कार बिना किसी रुकावट के आ-जा सके गैराज की दीवारों को रंगने के लिए सफेद, पीला या हल्के रंग शुभ माने गए हैं.

जयपुर. आमतौर पर घर निर्माण के दौरान लोग रसोई, स्नानघर और सीढ़ियों के साथ-साथ मुख्य दरवाजे के वास्तु का पूरा ख्याल रखते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि घर में बनी पार्किंग या गैरेज भी वास्तु के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है. अक्सर ऐसा ही देखा गया है कि घर की समान्य बनावट को लेकर वास्तु सिद्धांतों का पालन किया जाता है, पर पार्किंग एरिया पर ध्यान नहीं दिया जाता. गलत दिशा में खड़ा हुआ वाहन आपकी परेशानी का कारण बन सकता है. वहीं सही दिशा में खड़ा हुआ वाहन आपकी सुख-समृद्धि में चार चांद लगा सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार पार्किंग स्थल भूखंड के आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) या वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोण में होना चाहिए. वायव्य में वाहन पार्क करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है. वास्तु शास्त्र की मानें तो वास्तु के नियम सिर्फ घर के अंदर ही नहीं घर के बाहर भी लागू होते हैं. घर के पार्किंग एरिया पर भी वास्तु के सिद्धांत लागू होते हैं.

Vaastu for parking
वास्तु के अनुसार कैसी होनी चाहिए पार्किंग

किस दिशा में हो पार्किंग स्थल - वास्तु शास्त्र के अनुसार पार्किंग स्थल भूखंड के आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) या वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोण में होना चाहिए. वायव्य में वाहन पार्क करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है. वायव्य के पश्चिम में गैरेज होने पर कार स्वामी की यात्राएं सुखद और सफल रहती हैं. आग्नेय में कार खड़ी करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसमें बहुत अधिक ईंधन नहीं होना चाहिए, क्योंकि यहां पर अग्नि तत्व की प्रधानता होती है, जिससे अग्नि दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.

वाहन खरीदा पर चला नहीं पाए - कई बार देखा गया है कि लोग शौक में वाहन तो खरीद लेते हैं, लेकिन उस पर यात्रा बहुत कम कर पाते हैं. यह भी एक वास्तु दोष है. जो गाड़ियां काफी दिनों तक खड़ी ही रहती हैं, उनके मालिकों को मानसिक तनाव और धन हानि का सामना करना पड़ता है. वाहन वही शुभ रहता है, जो कम से कम स्थिर यानी खड़े रहें. जब भी गृह स्वामी को वाहन की आवश्यकता पड़े, उस समय उसका वाहन यात्रा करने के लिए तैयार होना चाहिए.

Vaastu for parking
वास्तु के अनुसार कैसी होनी चाहिए पार्किंग

पार्किंग बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान - दिशा के मुताबिक पार्किंग निर्माण के बावजूद भी कंस्ट्रक्शन के दौरान कुछ बारीक चीजों का ध्यान रखा जाना चाहिए. मसलन पार्किंग एरिया के फर्श का ढलान उत्तर दिशा की तरफ रखना चाहिए. अगर गाड़ी खराब हो जाए, तो उसे शीघ्र ही ठीक करवाकर रखनी चाहिए, अन्यथा ऐसी गाड़ी वास्तुदोष उत्पन्न करती है. इसकी छत मुख्य भवन और चहारदीवारी को नहीं छूनी चाहिए और गैरेज के चारों ओर कम से कम दो तीन फुट चौड़ी खुली जगह रखें. ध्यान रखना चाहिए कि गैरेज में गाड़ी खड़ी करने के बाद उसके चारों ओर जगह छूटनी चाहिए, ताकि व्यक्ति बिना किसी रुकावट के इसके चारों ओर पैदल घूम सके. कभी भी वाहन ईशान (उत्तर-पूर्व ) कोण में नहीं खड़ा करना चाहिए, इस दिशा में गाड़ी खड़ी होने पर परिवार के सदस्यों को बहुत अधिक मानसिक तनाव रहता है. यहां पर बना गैराज घर के मुखिया को महत्वपूर्ण निर्णय लेने में भ्रमित रखता है. एक बात ध्यान रखने वाली है कि गैराज के सामने का रास्ता बिल्कुल साफ-सुथरा रखें ताकि कार बिना किसी रुकावट के आ-जा सके गैराज की दीवारों को रंगने के लिए सफेद, पीला या हल्के रंग शुभ माने गए हैं.

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