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जयपुर : नाम हस्तांतरण के नियमों को बनाया आसान, अब नहीं काटने पड़ेंगे नगरीय निकायों के चक्कर

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Published : Jan 22, 2020, 11:46 AM IST

राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 118 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए नगरीय विकास विभाग ने नए आदेश जारी किए हैं. जिससे अब नाम हस्तांतरण के लिए नगरीय निकायों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. आवेदक यदि सभी दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो केवल उत्तराधिकार और पंजीकृत-अपंजीकृत वसीयत के मामलों में समाचार में विज्ञप्ति प्रकाशित कर कार्रवाई कर दी जाएगी.

नाम हस्तांतरण प्रक्रिया,  Name transfer process
स्वायत्त शासन विभाग

जयपुर. नगरीय विकास विभाग ने नए आदेश जारी करते हुए नाम हस्तांतरण की व्यवस्था को आसान बनाया है. अब नाम हस्तांतरण के लिए नगरीय निकायों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. आवेदक यदि सभी दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो केवल उत्तराधिकार और पंजीकृत-अपंजीकृत वसीयत के मामलों में समाचार में विज्ञप्ति प्रकाशित कर कार्रवाई कर दी जाएगी.

नगरीय विकास विभाग ने जारी किए नए आदेश

अब तक नाम हस्तांतरण के प्रकरणों में सेट बैक, लेआउट प्लान और भवन निर्माण स्वीकृति सहित अन्य के लिए कनिष्ठ अभियंता या अन्य अधिकारी से मौका निरीक्षण कराया जाता था. इसके बाद विभिन्न शाखाओं से रिपोर्ट ली जाती थी. इससे आवेदकों को बार-बार नगरीय निकायों के चक्कर काटने पड़ते थे.

स्वायत्त शासन विभाग की अभिसूचना,  Notification of Autonomous Government Department
स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना

लेकिन अब प्रदेश के नगरीय निकायों में नाम हस्तांतरण के लिए लोगों को चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. नगरीय निकाय विभाग ने इस संबंध में लोगों की सुविधा के हिसाब से नए नियम जारी कर दिए हैं. नए नियमों के अनुसार नाम हस्तांतरण के किसी भी प्रकरण में न तो मौके की जांच कराई जाएगी और ना ही लेआउट नक्शा की जांच होगी.

स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना,  Notification of Autonomous Government Department
स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना

पढ़ें- टिड्डी दल ने एक बार फिर किया जालोर पर अटैक, कार्यक्रम रद्द कर प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे सुखराम बिश्नोई

अगर आवेदक सभी संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो केवल उत्तराधिकारी और पंजीकृत-अपंजीकृत वसीयत के मामलों में समाचार में विज्ञप्ति प्रकाशित कर कार्रवाई कर दी जाएगी. राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 118 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए नए नियम जारी किए गए हैं.

बता दें कि नाम हस्तांतरण के मामलों में आवेदन पत्र के साथ केवल वही दस्तावेज लिये जाएंगे, जिनसे भूखंड स्वामी के नाम हस्तांतरण प्रमाणित होता हो. नए नियमों से लोगों को नाम हस्तांतरण में आसानी भी होगी और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी भी होगी.

जयपुर. नगरीय विकास विभाग ने नए आदेश जारी करते हुए नाम हस्तांतरण की व्यवस्था को आसान बनाया है. अब नाम हस्तांतरण के लिए नगरीय निकायों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. आवेदक यदि सभी दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो केवल उत्तराधिकार और पंजीकृत-अपंजीकृत वसीयत के मामलों में समाचार में विज्ञप्ति प्रकाशित कर कार्रवाई कर दी जाएगी.

नगरीय विकास विभाग ने जारी किए नए आदेश

अब तक नाम हस्तांतरण के प्रकरणों में सेट बैक, लेआउट प्लान और भवन निर्माण स्वीकृति सहित अन्य के लिए कनिष्ठ अभियंता या अन्य अधिकारी से मौका निरीक्षण कराया जाता था. इसके बाद विभिन्न शाखाओं से रिपोर्ट ली जाती थी. इससे आवेदकों को बार-बार नगरीय निकायों के चक्कर काटने पड़ते थे.

स्वायत्त शासन विभाग की अभिसूचना,  Notification of Autonomous Government Department
स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना

लेकिन अब प्रदेश के नगरीय निकायों में नाम हस्तांतरण के लिए लोगों को चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. नगरीय निकाय विभाग ने इस संबंध में लोगों की सुविधा के हिसाब से नए नियम जारी कर दिए हैं. नए नियमों के अनुसार नाम हस्तांतरण के किसी भी प्रकरण में न तो मौके की जांच कराई जाएगी और ना ही लेआउट नक्शा की जांच होगी.

स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना,  Notification of Autonomous Government Department
स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना

पढ़ें- टिड्डी दल ने एक बार फिर किया जालोर पर अटैक, कार्यक्रम रद्द कर प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे सुखराम बिश्नोई

अगर आवेदक सभी संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो केवल उत्तराधिकारी और पंजीकृत-अपंजीकृत वसीयत के मामलों में समाचार में विज्ञप्ति प्रकाशित कर कार्रवाई कर दी जाएगी. राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 118 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए नए नियम जारी किए गए हैं.

बता दें कि नाम हस्तांतरण के मामलों में आवेदन पत्र के साथ केवल वही दस्तावेज लिये जाएंगे, जिनसे भूखंड स्वामी के नाम हस्तांतरण प्रमाणित होता हो. नए नियमों से लोगों को नाम हस्तांतरण में आसानी भी होगी और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी भी होगी.

Intro:जयपुर - नगरीय विकास विभाग ने नए आदेश जारी करते हुए नाम हस्तांतरण की व्यवस्था को आसान बनाया है। अब नाम हस्तांतरण के लिए नगरीय निकायों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। आवेदक यदि सभी दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो केवल उत्तराधिकार एवं पंजीकृत-अपंजीकृत वसीयत के मामलों में समाचार में विज्ञप्ति प्रकाशित कर कार्रवाई कर दी जाएगी।


Body:अब तक नाम हस्तांतरण के प्रकरणों में सेट बैक, लेआउट प्लान और भवन निर्माण स्वीकृति आदि के लिए कनिष्ठ अभियंता या अन्य अधिकारी से मौका निरीक्षण कराया जाता था। इसके बाद विभिन्न शाखाओं से रिपोर्ट ली जाती थी। इससे आवेदकों को बार-बार नगरीय निकायों के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन अब प्रदेश के नगरीय निकायों में नाम हस्तांतरण के लिए लोगों को चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। नगरीय निकाय विभाग ने इस संबंध में लोगों की सुविधा के हिसाब से नए नियम जारी कर दिए हैं। नए नियमों के अनुसार नाम हस्तांतरण के किसी भी प्रकरण में न तो मौके की जांच कराई जाएगी। और ना ही लेआउट नक्शा की जांच होगी। अगर आवेदक सभी संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो केवल उत्तराधिकारी और पंजीकृत-अपंजीकृत वसीयत के मामलों में समाचार में विज्ञप्ति प्रकाशित कर कार्रवाई कर दी जाएगी। राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 118 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए नए नियम जारी किए गए हैं।


Conclusion:आपको बता दें कि नाम हस्तांतरण के मामलों में आवेदन पत्र के साथ केवल वही दस्तावेज लिये जाएंगे, जिनसे भूखंड स्वामी के नाम हस्तांतरण प्रमाणित होता हो। नए नियमों से लोगों को नाम हस्तांतरण में आसानी भी होगी, और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी भी होगी।
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