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राजस्थान के 15 जिलों में 'यूरेनियम' मिलने की संभावना, AMD ने हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे करने का रखा प्रस्ताव

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Published : Sep 25, 2019, 11:58 AM IST

प्रदेश के 15 जिलों में यूरेनियम का भंडार होने की संभावना है. जिसके चलते भारत के परमाणु खनिज निदेशालय ने राजस्थान सरकार से हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे करने की इजाजत मांगी है.

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जयपुर. भारत के परमाणु खनिज निदेशालय ने राजस्थान के 15 जिलों में यूरेनियम का पता लगाने की योजना बनाई है. दरअसल, एएमडी हैदराबाद परमाणु ऊर्जा विभाग की वह इकाई है, जो देश में परमाणु खनिज संसाधनों की खोज करने का काम बीते 60 साल से कर रही है. जिसका स्वदेशी परमाणु कार्यक्रम में अहम योगदान है.

प्रदेश के 15 जिलों में यूरेनियम का भंडार होने की संभावना

एएमडी ने राजस्थान के 15 जिलों को चिन्हित किया गया है. यहां यूरेनियम पाए जाने की प्रबल संभावना है. एएमडी ने प्रदेश के झुंझुनू, जयपुर, नागौर, सीकर, अलवर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर, बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बूंदी और सवाई माधोपुर जिले को चुना है. यहां छह महीनों के लिए हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में शुरू होगा.

पढे़ं- राजस्‍थान की बेटी 'पायल' को मिला 'चेंजमेकर अवॉर्ड', कैलाश सत्यार्थी ने दी बधाई

यह होता है हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे

हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे हेलीकॉप्टर के माध्यम से होता है. जिसमें हेलीकॉप्टर सभी तरह के आवश्यक संसाधनों से लैस होकर जमीन से 60 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता है. इसके लिए एएमडी ने प्रदेश सरकार से पर्याप्त सुरक्षा, हेलीकॉप्टर कर्मचारी और उपकरणों की मांग की है. इससे पहले साल 2012 में एएमडी के सर्वेक्षण में सीकर के रोहिल घटेश्वर और उदयपुर के उमरा में 6726 टन यूरेनियम पाया गया था. अगर इन 15 जिलों में यूरेनियम मिल जाता है, तो न केवल यह भारत के परमाणु कार्यक्रम बल्कि राजस्थान के लिए भी रोजगार लेकर आएगा.

जयपुर. भारत के परमाणु खनिज निदेशालय ने राजस्थान के 15 जिलों में यूरेनियम का पता लगाने की योजना बनाई है. दरअसल, एएमडी हैदराबाद परमाणु ऊर्जा विभाग की वह इकाई है, जो देश में परमाणु खनिज संसाधनों की खोज करने का काम बीते 60 साल से कर रही है. जिसका स्वदेशी परमाणु कार्यक्रम में अहम योगदान है.

प्रदेश के 15 जिलों में यूरेनियम का भंडार होने की संभावना

एएमडी ने राजस्थान के 15 जिलों को चिन्हित किया गया है. यहां यूरेनियम पाए जाने की प्रबल संभावना है. एएमडी ने प्रदेश के झुंझुनू, जयपुर, नागौर, सीकर, अलवर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर, बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बूंदी और सवाई माधोपुर जिले को चुना है. यहां छह महीनों के लिए हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में शुरू होगा.

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यह होता है हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे

हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे हेलीकॉप्टर के माध्यम से होता है. जिसमें हेलीकॉप्टर सभी तरह के आवश्यक संसाधनों से लैस होकर जमीन से 60 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता है. इसके लिए एएमडी ने प्रदेश सरकार से पर्याप्त सुरक्षा, हेलीकॉप्टर कर्मचारी और उपकरणों की मांग की है. इससे पहले साल 2012 में एएमडी के सर्वेक्षण में सीकर के रोहिल घटेश्वर और उदयपुर के उमरा में 6726 टन यूरेनियम पाया गया था. अगर इन 15 जिलों में यूरेनियम मिल जाता है, तो न केवल यह भारत के परमाणु कार्यक्रम बल्कि राजस्थान के लिए भी रोजगार लेकर आएगा.

Intro:राजस्थान के 15 जिलों में हो सकता है यूरेनियम का भंडार भारत के परमाणु खनिज निदेशालय ने राजस्थान सरकार से मांगी 15 जिलों में हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे करने की इजाजत अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में शुरू होना है यह सर्वे


Body:भारत के परमाणु खनिज निदेशालय ने राजस्थान के 15 जिलों में यूरेनियम का पता लगाने के लिए हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे करने का प्रस्ताव राजस्थान सरकार को दिया है दरअसल ए एमडी हैदराबाद परमाणु ऊर्जा विभाग की वह इकाई है जो देश में परमाणु खनिज संसाधनों की खोज करने का काम बीते 60 साल से कर रही है जिसका स्वदेशी परमाणु कार्यक्रम में अहम योगदान है इसी के तहत ए एमडी ने राजस्थान के 15 जिलों को चिन्हित किया गया है जहां यूरेनियम पाए जाने की प्रबल संभावना है एमडी ने राजस्थान के झुंझुनू जयपुर नागौर सीकर अलवर पाली राजसमंद भीलवाड़ा अजमेर टू बांसवाड़ा उदयपुर चित्तौड़गढ़ बूंदी और सवाईमाधोपुर जिले में छह महीनों के लिए हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे करने का प्रस्ताव दिया है जो अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में शुरू होगा
यह होता है हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे
हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे हेलीकॉप्टर के माध्यम से होता है जिसमें हेलीकॉप्टर सभी तरह के आवश्यक संसाधनों के साथ लैस होकर जमीन से 60 मीटर की ऊंचाई पर ही उड़ता है इसके लिए एमडी ने प्रदेश से पर्याप्त सुरक्षा हेलीकॉप्टर कर्मचारी और उपकरणों की मांग की है जिनमें ए एमडी के वैज्ञानिक यह काम करेंगे इससे पहले साल 2012 में एमडी के सर्वेक्षण में रोहिल घटेश्वर क्षेत्र सीकर जिले और उमरा उदयपुर जिले में यूरेनियम के 6726 टन का भंडार पाया गया था अगर इन 15 जिलों में यूरेनियम मिल जाता है तो ना केवल यह भारत के परमाणु कार्यक्रम बल्कि राजस्थान के लिए भी रोजगार लेकर आएगा


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