जयपुर. भारत के परमाणु खनिज निदेशालय ने राजस्थान के 15 जिलों में यूरेनियम का पता लगाने की योजना बनाई है. दरअसल, एएमडी हैदराबाद परमाणु ऊर्जा विभाग की वह इकाई है, जो देश में परमाणु खनिज संसाधनों की खोज करने का काम बीते 60 साल से कर रही है. जिसका स्वदेशी परमाणु कार्यक्रम में अहम योगदान है.
एएमडी ने राजस्थान के 15 जिलों को चिन्हित किया गया है. यहां यूरेनियम पाए जाने की प्रबल संभावना है. एएमडी ने प्रदेश के झुंझुनू, जयपुर, नागौर, सीकर, अलवर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर, बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बूंदी और सवाई माधोपुर जिले को चुना है. यहां छह महीनों के लिए हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में शुरू होगा.
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यह होता है हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे
हेलीबोर्न जियोलॉजिकल सर्वे हेलीकॉप्टर के माध्यम से होता है. जिसमें हेलीकॉप्टर सभी तरह के आवश्यक संसाधनों से लैस होकर जमीन से 60 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता है. इसके लिए एएमडी ने प्रदेश सरकार से पर्याप्त सुरक्षा, हेलीकॉप्टर कर्मचारी और उपकरणों की मांग की है. इससे पहले साल 2012 में एएमडी के सर्वेक्षण में सीकर के रोहिल घटेश्वर और उदयपुर के उमरा में 6726 टन यूरेनियम पाया गया था. अगर इन 15 जिलों में यूरेनियम मिल जाता है, तो न केवल यह भारत के परमाणु कार्यक्रम बल्कि राजस्थान के लिए भी रोजगार लेकर आएगा.