कोटपूतली (जयपुर). शहर की कोटपूतली नगरपालिका ने शनिवार को 68 करोड़ 72 लाख 36 हजार रुपये का बजट पारित कर दिया है. लेकिन एक साल बाद हुई साधारण सभा की इस बैठक में जबरदस्त हंगामा हुआ. पार्षदों में नियमित बैठक न होने का रोष तो था ही, साथ ही क्षेत्रीय विधायक के गैर जरूरी दखल और प्रशासनिक भ्रष्टाचार का मुद्दा भी बैठक में छाया रहा.
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पार्षदों ने हाइकोर्ट के वकीलों को लाखों का भुगतान करने का मुद्दा भी उठाया. वार्ड पार्षद मोती गौड़ और चेयरमैन महेंद्र सैनी ने कहा कि नियमानुसार हाइकोर्ट के वकीलों को 5500 रुपये से ज्यादा भुगतान नहीं किया जा सकता और लाखों का ये भुगतान उस केस में किया गया जिसमें कोटपूतली नगरपालिका वादी भी नहीं थी.
इसके अलावा नालों के टेंडर छोड़ने और इनके भुगतान के मुद्दे पर भी खासा हंगामा हुआ. पार्षदों ने वार्डों के परिसीमन में भी फर्जीवाड़े का आरोप लगाया. पार्षदों का कहना था कि ये परिसीमन बिना मौके पर गए ही कर दिए गए. जिसमें कई इलाके अब ऐसे हो गए हैं जो न नगरपालिका सीमा में हैं और ना ही पंचायत में. पट्टों के निर्माण में भी भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया.
इस दौरान पार्षदों में गुस्सा इस कदर था कि वार्ड-6 की पार्षद सुनीता सैनी ने तो अधिशासी अधिकारी को चूड़ियां तक थमा दी. यही नहीं पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच भी इन मुद्दों को लेकर तीखी नोक झोंक और धक्का मुक्की हो गई. नगरपालिका के सफाई निरीक्षक कुलजीत सिंह के निलंबन और निलंबित किए गए अस्थाई कर्मचारी चंद्रभान को बहाल करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया.
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इसके अलावा पिछले दिनों कार्यवाहक अध्यक्ष दीपा सैनी की तरफ से मौजूद चेयरमैन महेंद्र सैनी के खिलाफ दर्ज कराई गई FIR को भी वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया गया. साल भर से बैठक न होने पर अब मार्च के पहले हफ्ते में दोबारा साधारण सभा की बैठक बुलाना तय किया गया है.