जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड, जामिया-तुल-हिदाया और अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि किस प्रावधान के तहत याचिकाकर्ता की तलाक की डिक्री जारी की गई है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश मोहम्मद अरबाज की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. इसके साथ ही अदालत ने तलाक की डिक्री के बाद होने वाली किसी भी कार्रवाई को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.
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याचिका में कहा गया कि जामिया-तुल-हिदाया को तलाक की डिक्री जारी करने का कोई अधिकार नहीं है. इसके बावजूद भी उसने याचिकाकर्ता के खिलाफ तलाक की डिक्री जारी कर दी. जबकि इसके लिए उसे सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया.
वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एसएस अली ने कहा कि मुस्लिम लॉ में तलाक देने का अधिकार पति को मिला हुआ है. काजी सिर्फ गवाहों का परीक्षण कर तलाक देने की पुष्टी ही कर सकता है. जबकि उसने याचिकाकर्ता के मामले में तलाक की डिक्री ही जारी कर दी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.