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आदिवासी क्षेत्रीय विकास विभाग की नई पहल, राज्य कर्मचारियों को बनाया विभागीय स्कूलों और छत्रावासों का संरक्षक

राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग ने अखिल भारतीय और राज्य सेवा के अधिकारियों को स्कूलों और छात्रावासों का गार्जियन बनाया है. जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने एक बयान में यह जानकारी दी.

Tribal development department, state employees as guardian
जनजाति विकास विभाग ने राज्य कर्मचारियों को विभागीय स्कूलों का गार्जियन बनाया
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Published : Sep 18, 2020, 9:37 PM IST

जयपुर. जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग ने अखिल भारतीय एवं राज्य सेवा के अधिकारियों को विभागीय विद्यालयों और छात्रावासों का गार्जियन बनाने की नई पहल की है. इससे शिक्षकों और विद्यार्थियों में नया उत्साह और प्रेरणा का संचार तो होगा ही, साथ ही अधिकारियों को नवाचार और सर्जनशीलता दिखाने का भी मौका मिलेगा. जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति समुदाय विशेषकर जनजाति उपयोजना (टीएसपी )क्षेत्र में रह रहे लोगों का शिक्षा, रोजगार एवं व्यवसाय में प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए शैक्षणिक एवं आवासीय विद्यालयों के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं.

जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य अधिकारियों की ओर से इन विद्यालयों और छात्रावासों का निरीक्षण किया जाता है. इस दौरान शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से चर्चा कर उनकी उन्नति के विभिन्न बहुमूल्य सुझाव दिए जाते हैं. अनौपचारिक भ्रमण एवं चर्चा को अब औपचारिक एवं संस्थागत स्वरूप प्रदान कर ज्यादा कारगर बनाने के लिए यह नई पहल की गई है. उन्होंने बताया कि सभी जिला कलेक्टर को अखिल भारतीय सेवा एवं राज्य सेवा के अधिकारियों तथा अन्य जिला स्तरीय अधिकारी को स्कूल, हॉस्टल के गार्जियन मनोनीत करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि इन संस्थाओं को जिला प्रशासन द्वारा ज्यादा संबल, सहयोग एवं मार्गदर्शन मिल सके.

हर महीने अधिकारी करेंगे स्कूलों और छात्रावासों का दौरा...

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने गार्जियन के रूप में मनोनीत अधिकारियों से अपेक्षित कार्रवाई को रेखांकित करते हुए कहा कि यह अधिकारी हर महीने इन संस्थाओं का भ्रमण कर शिक्षकों एवं छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे. इन से चर्चा कर छात्रों के शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद संबंधी विकास के लिए परामर्श देंगे. विद्यार्थियों को कोर्स एवं कैरियर के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान किए जाएंगे तथा इस संबंध में विशेषज्ञों को बुलाकर चर्चा करवाई जाएगी. कैंपस के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए जाएंगे.

पढ़ें- राजसमंदः तीन मासूमों की तालाब में डूबने से मौत

राजेश्वर सिंह ने कहा कि गार्जियन बने अधिकारी स्कूल, हॉस्टल के परामर्श दात्री की भूमिका में काम करेंगे. उनकी ओर से विद्यालय तथा छात्रावास प्रशासन में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा लेकिन कोई गंभीर अनियमितता मिलने पर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा आयुक्त के ध्यान में लाया जा सकेगा. साथ ही समस्या के समाधान के लिए विभागीय आयुक्त उपायुक्त एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को भी सूचित किया जाएगा.

गौरतलब है कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से प्रदेश भर में 372 आश्रम छात्रावास, 21 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल, 21 आवासीय स्कूल, 2 पब्लिक मॉडल स्कूल, 13 खेल छात्रावास, 6 बालिका बहुउद्देशीय छात्रावास सहित कुल 442 संस्थाएं संचालित की जा रही है. इनमें जनजाति समुदाय के करीब 37000 बालक बालिकाएं अध्ययनरत एवं आवास हैं.

जयपुर. जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग ने अखिल भारतीय एवं राज्य सेवा के अधिकारियों को विभागीय विद्यालयों और छात्रावासों का गार्जियन बनाने की नई पहल की है. इससे शिक्षकों और विद्यार्थियों में नया उत्साह और प्रेरणा का संचार तो होगा ही, साथ ही अधिकारियों को नवाचार और सर्जनशीलता दिखाने का भी मौका मिलेगा. जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति समुदाय विशेषकर जनजाति उपयोजना (टीएसपी )क्षेत्र में रह रहे लोगों का शिक्षा, रोजगार एवं व्यवसाय में प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए शैक्षणिक एवं आवासीय विद्यालयों के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं.

जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य अधिकारियों की ओर से इन विद्यालयों और छात्रावासों का निरीक्षण किया जाता है. इस दौरान शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से चर्चा कर उनकी उन्नति के विभिन्न बहुमूल्य सुझाव दिए जाते हैं. अनौपचारिक भ्रमण एवं चर्चा को अब औपचारिक एवं संस्थागत स्वरूप प्रदान कर ज्यादा कारगर बनाने के लिए यह नई पहल की गई है. उन्होंने बताया कि सभी जिला कलेक्टर को अखिल भारतीय सेवा एवं राज्य सेवा के अधिकारियों तथा अन्य जिला स्तरीय अधिकारी को स्कूल, हॉस्टल के गार्जियन मनोनीत करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि इन संस्थाओं को जिला प्रशासन द्वारा ज्यादा संबल, सहयोग एवं मार्गदर्शन मिल सके.

हर महीने अधिकारी करेंगे स्कूलों और छात्रावासों का दौरा...

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने गार्जियन के रूप में मनोनीत अधिकारियों से अपेक्षित कार्रवाई को रेखांकित करते हुए कहा कि यह अधिकारी हर महीने इन संस्थाओं का भ्रमण कर शिक्षकों एवं छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे. इन से चर्चा कर छात्रों के शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद संबंधी विकास के लिए परामर्श देंगे. विद्यार्थियों को कोर्स एवं कैरियर के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान किए जाएंगे तथा इस संबंध में विशेषज्ञों को बुलाकर चर्चा करवाई जाएगी. कैंपस के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए जाएंगे.

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राजेश्वर सिंह ने कहा कि गार्जियन बने अधिकारी स्कूल, हॉस्टल के परामर्श दात्री की भूमिका में काम करेंगे. उनकी ओर से विद्यालय तथा छात्रावास प्रशासन में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा लेकिन कोई गंभीर अनियमितता मिलने पर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा आयुक्त के ध्यान में लाया जा सकेगा. साथ ही समस्या के समाधान के लिए विभागीय आयुक्त उपायुक्त एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को भी सूचित किया जाएगा.

गौरतलब है कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से प्रदेश भर में 372 आश्रम छात्रावास, 21 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल, 21 आवासीय स्कूल, 2 पब्लिक मॉडल स्कूल, 13 खेल छात्रावास, 6 बालिका बहुउद्देशीय छात्रावास सहित कुल 442 संस्थाएं संचालित की जा रही है. इनमें जनजाति समुदाय के करीब 37000 बालक बालिकाएं अध्ययनरत एवं आवास हैं.

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