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RTO कार्यालय में कब शुरू होगी फिटनेस?...तत्कालीन आयुक्त के आदेशों की भी नहीं हो रही पालना - जयपुर न्यूज

परिवहन विभाग ने जगतपुरा RTO में फिटनेस सेंटर बंद कर दिया है. जिससे ट्रांसपोर्टर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तत्कालीन परिवहन आयुक्त के आदेश के बाद भी फिटनेस सेंटर नहीं शुरू हो सका है.

Jagatpura RTO, जयपुर न्यूज
RTO में फिटनेस सेंटर बंद होने से परेशान
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Published : Aug 17, 2020, 1:45 PM IST

जयपुर. परिवहन विभाग ने जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में फिटनेस केंद्र को बंद कर दिया था. जिससे अब ट्रांसपोर्टर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दोबारा से फिटनेस सेंटरों को चालू करने की बात कही गई थी लेकिन परिवहन विभाग में हुए तबादलों के बाद फिटनेस सेंटर अब भी बंद ही है.

RTO में फिटनेस सेंटर बंद होने से परेशान

जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में फिटनेस केंद्र बंद होने के बाद नवंबर महीने में तत्कालीन परिवहन आयुक्त राजेश यादव ने एक आदेश जारी किया था. जिसमें उन्होंने दोबारा से फिटनेस सेंटरों को चालू करने की बात कही थी लेकिन परिवहन विभाग में हुए तबादलों के बाद अब ना ही विभाग के अधिकारी जागे हैं और ना ही उन आदेशों की पालना हो रही है.

ट्रांसपोर्टर्स ने फिटनेस केंद्र बंद होने का विरोध जताया था और परिवहन मंत्री से मुलाकात भी की. जिसके बाद परिवहन मंत्री ने भी ट्रांसपोर्टर्स को आश्वासन दिया था कि फिटनेस सेंटरों को दोबारा चालू किया जाएगा. इस संबंध में तत्कालीन आयुक्त ने आदेश भी जारी किए थे लेकिन अब वह सभी आदेश केवल कागजों में ही सिमट कर रह गए हैं.

यह भी पढ़ें. जयपुर सेंट्रल जेल में एक बार फिर Corona की दस्तक, 18 कैदी सहित जेल अधीक्षक मिले Positive

राजधानी जयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर फिटनेस सेंटर है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स को फिटनेस कराने के लिए करीब 35 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. जिसकी वजह से उनका अतिरिक्त खर्चा तो होता है, तो वहीं दूसरी और जो प्राइवेट फिटनेस सेंटर के मालिक हैं, वह भी अपनी मनमानी करते हैं. इसके साथ ही अब परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का खेल भी बढ़ता ही जा रहा है.

यह भी पढ़ें. चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती के Corona Report को लेकर Confusion, अबकी बार की रिपोर्ट Negative

राजस्थान कमर्शियल महासंघ के संयोजक अनिल आनंद ने बताया कि कई बार इस मामले को हमने उठाया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रयास कर रहे हैं लेकिन सरकार और परिवहन विभाग इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है. अनिल आनंद का कहना है कि प्राइवेट फिटनेस सेंटरों के साथ सभी प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में सरकारी सेंटर होने चाहिए. जिससे विभाग को भी राजस्व मिले और आमजन को राहत मिले.

सबसे बड़ा सवाल आखिर क्यों शुरू नहीं हो रहे फिटनेस सेंटर

वहीं इस बीच विभाग में फिटनेस सेंटर शुरू नहीं होने की वजह से विभाग को भी करोड़ों रुपए का नुकसान होता है क्योंकि इस समय प्राइवेट फिटनेस सेंटर पर रोजाना 30 से 35 गाड़ियों की फिटनेस हो पाती है. सरकारी फिटनेस सेंटरों के आंकड़े देखे तो और रोजाना सैकड़ों गाड़ियों की फिटनेस होती है. हालांकि, विभाग के राजस्व में गिरावट आ रही है. दूसरी ओर आम जन को भी परेशानी हो रही है.

कई बार बगरू फिटनेस सेंटर की हो चुकी शिकायत

बता दें राजधानी जयपुर से करीब 35 से 40 किलोमीटर दूर बगरू में विभाग के द्वारा प्राइवेट फिटनेस सेंटर का टेंडर दिया गया है लेकिन इस प्राइवेट फिटनेस सेंटर को लेकर कई बार परिवहन मुख्यालय में ट्रांसपोर्टर्स के द्वारा शिकायत दी जा चुकी है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

जयपुर. परिवहन विभाग ने जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में फिटनेस केंद्र को बंद कर दिया था. जिससे अब ट्रांसपोर्टर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दोबारा से फिटनेस सेंटरों को चालू करने की बात कही गई थी लेकिन परिवहन विभाग में हुए तबादलों के बाद फिटनेस सेंटर अब भी बंद ही है.

RTO में फिटनेस सेंटर बंद होने से परेशान

जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में फिटनेस केंद्र बंद होने के बाद नवंबर महीने में तत्कालीन परिवहन आयुक्त राजेश यादव ने एक आदेश जारी किया था. जिसमें उन्होंने दोबारा से फिटनेस सेंटरों को चालू करने की बात कही थी लेकिन परिवहन विभाग में हुए तबादलों के बाद अब ना ही विभाग के अधिकारी जागे हैं और ना ही उन आदेशों की पालना हो रही है.

ट्रांसपोर्टर्स ने फिटनेस केंद्र बंद होने का विरोध जताया था और परिवहन मंत्री से मुलाकात भी की. जिसके बाद परिवहन मंत्री ने भी ट्रांसपोर्टर्स को आश्वासन दिया था कि फिटनेस सेंटरों को दोबारा चालू किया जाएगा. इस संबंध में तत्कालीन आयुक्त ने आदेश भी जारी किए थे लेकिन अब वह सभी आदेश केवल कागजों में ही सिमट कर रह गए हैं.

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राजधानी जयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर फिटनेस सेंटर है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स को फिटनेस कराने के लिए करीब 35 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. जिसकी वजह से उनका अतिरिक्त खर्चा तो होता है, तो वहीं दूसरी और जो प्राइवेट फिटनेस सेंटर के मालिक हैं, वह भी अपनी मनमानी करते हैं. इसके साथ ही अब परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का खेल भी बढ़ता ही जा रहा है.

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राजस्थान कमर्शियल महासंघ के संयोजक अनिल आनंद ने बताया कि कई बार इस मामले को हमने उठाया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रयास कर रहे हैं लेकिन सरकार और परिवहन विभाग इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है. अनिल आनंद का कहना है कि प्राइवेट फिटनेस सेंटरों के साथ सभी प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में सरकारी सेंटर होने चाहिए. जिससे विभाग को भी राजस्व मिले और आमजन को राहत मिले.

सबसे बड़ा सवाल आखिर क्यों शुरू नहीं हो रहे फिटनेस सेंटर

वहीं इस बीच विभाग में फिटनेस सेंटर शुरू नहीं होने की वजह से विभाग को भी करोड़ों रुपए का नुकसान होता है क्योंकि इस समय प्राइवेट फिटनेस सेंटर पर रोजाना 30 से 35 गाड़ियों की फिटनेस हो पाती है. सरकारी फिटनेस सेंटरों के आंकड़े देखे तो और रोजाना सैकड़ों गाड़ियों की फिटनेस होती है. हालांकि, विभाग के राजस्व में गिरावट आ रही है. दूसरी ओर आम जन को भी परेशानी हो रही है.

कई बार बगरू फिटनेस सेंटर की हो चुकी शिकायत

बता दें राजधानी जयपुर से करीब 35 से 40 किलोमीटर दूर बगरू में विभाग के द्वारा प्राइवेट फिटनेस सेंटर का टेंडर दिया गया है लेकिन इस प्राइवेट फिटनेस सेंटर को लेकर कई बार परिवहन मुख्यालय में ट्रांसपोर्टर्स के द्वारा शिकायत दी जा चुकी है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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