जयपुर. प्रदेश के शासन सचिवालय में चल रहे औचक निरीक्षण का असर तीसरे दिन देखने को मिला. जहां अब अधिकारी और कर्मचारी समय पर दफ्तर आने लगे है. पहले दिन हुए औचक निरीक्षण के दौरान सचिवालय में कर्मचारियों की अनुपस्थिति 71 फीसदी थी जो गुरुवार को तीसरे दिन घट कर 7 और 16 फीसदी पर पहुंच गई.
कर्मचारियों और अधिकारियों की लेटलतीफी को रोकने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग का एक्शन गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. जहां प्रशानिक सुधार विभाग की टीम के औचक निरीक्षण में कर्मचारी और अधिकारियों के 313 रजिस्टर जब्त किए.
हालांकि, गुरुवार को किए गए औचक निरीक्षण से सचिवालय अधिकरी और कर्मचारियों में लेट आने वालों की संख्या पहले दिन की अपेक्षा में काफी सुधार नजर आया. प्रशासनिक सुधार विभाग की 7 टीमों ने 313 रजिस्टर जब्त किए है. जिसमे सचिवालय के 907 अधिकारियों में से 151 अधिकारी और 1905 कर्मचारियों में से 151 कर्मचारी अनुपस्थित रहे.
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जिसमें अधिकारियों का 16.69 और कर्मचारियों का 7.96 प्रतिशत अनुपात रहा. प्रशासनिक सुधार विभाग और समंवय विभाग के प्रिंसिपल सेकेट्री आर वेंकटेश्वरन के निर्देश पर शासन सचिवालय के सहायक सचिव अनिल चतुर्वेदी के नेतृत्व में 21 सदस्यों के दल ने 7 टीमों में विभाजित होकर औचक निरीक्षण किया.
अनिल चतुर्वेद ने बताया कि औचक निरीक्षण का उद्देश्य कर्मचारियों को समय पर आने के लिए पाबंद करना है. जिसका बड़ा असर देखा गया है जहां पहले दिन अनुपस्थिति का अनुपात 71 प्रतिशत से अधिक था जो तीसरे दिन निरीक्षण के दौरान घट कर 7 से 16 प्रतिशत पर पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि लेट आने वाले कर्मचारियों पर करवाई की जाएगी.
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इसके अलावा अब जल्द ही प्रदेश के अन्य सरकारी दफ्तरों में भी औचक निरीक्षण का अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा प्रशानिक सुधार विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को भी निर्देश दिए थे कि वह दफ्तरों में समय पर नहीं आने वाले कर्मचारी और अधिकारियों पर नजर रखने के लिए एक जिला स्तरीय विशेष टीम गठित करें.
जिससे देरी से दफ्तर आने वाले और काम में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के ऊपर टीम नजर रख सकें. बता दें कि अभी तक के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब शासन सचिवालय में लगातार इस तरह से प्रशासनिक सुधार विभाग का औचक निरीक्षण जारी है.
जानकारी के अनुसार दस साल पहले 19 नवंबर 2009 को औचक निरीक्षण किया गया था. जो सिर्फ एक दिन तक चला था. वहीं इस बार लगातार दिन से औचक निरीक्षण का अभियान जारी है. वहीं अगर नियमों की बात करें तो अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी तीन दिन से ज्यादा अनुपस्थित मिलता है तो इसका असर उसके इंक्रीमेंट पर पड़ता है.