जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने 14 साल की नाबालिग का अपहरण कर उससे दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त शंकर लक्षकार को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने 16 साल से कम उम्र की नाबालिग को उसके माता-पिता की मंजूरी बिना बहला-फुसलाकर ले जाकर उसका अपहरण किया. साथ ही उससे कई बार जबरन शारीरिक संबंध बनाया है. ऐसा गंभीर अपराध करने वाले अभियुक्त से कोई सहानुभूति नहीं रखी जा सकती.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि पीड़िता के भाई ने 14 दिसंबर 2020 को शिप्रापथ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा कि उसकी बहन 12 तारीख को रीको कांटा स्थित एक कंपनी में काम करने गई थी, जो वापस नहीं लौटी है. उसने बताया कि उसकी बहन दोपहर एक बजे ही नानी के जाने की कह कर चली गई थी और उसके साथ शंकर भी था. उसने रिश्तेदारों सहित अन्य सभी जगह पर तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली.
रिपोर्ट में बताया कि शंकर ही उसकी बहन को ले गया है, इसलिए उसकी बहन को बरामद किया जाए. पुलिस ने कार्रवाई कर अभियुक्त को गिरफ्तार करते हुए पीड़िता को बरामद किया. पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी उसे जयपुर से गुड़गांव ले गया था और वहां 25 दिसंबर तक उसे रखा. इस दौरान कई बार जबरन दुष्कर्म किया. इस पर पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. कोर्ट ने मेडिकल साक्ष्यों सहित सबूतों व गवाहों के बयानों पर अभियुक्त को सजा सुनाई है.