जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, राजस्व सचिव, जेडीए सचिव और जेडीसी सहित अन्य से पूछा है कि एमएलए की जमीन तक पहुंचने के लिए तलाई के बीच से रोड क्यों बनाई गई है?. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश राम कुमार जाट व अन्य की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि आमेर तहसील के दौलतपुरा गांव में मैसर्स निर्मल पोपकॉन प्रा.लि. की जमीन है. इस कंपनी के निदेशक विधायक रफीक खान हैं. वहीं पास ही गैर मुमकिन तलाई स्थित है. याचिका में कहा गया कि सरकारी अधिकारियों ने विधायक रफीक खान को फायदा पहुंचाने के लिए इस तलाई की जमीन को दो भागों में बांटते हुए बीच से रास्ता निकाल कर रोड प्रस्तावित कर दी. इस दौरान तलाई की पाल भी नष्ट कर दी गई. जिसके चलते तलाई का भराव क्षेत्र भी कम हो गया है.
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जबकि तलाई के चलते ही आसपास की जमीन का भूजल स्तर बढ़ा हुआ है. याचिका में यह भी कहा गया है कि विधायक ने अपनी जमीन का गेट भी तलाई की तरफ खोल रखा है और अपनी जमीन तक पहुंचने के लिए तलाई में रोड का निर्माण करा लिया है. याचिका में यहां की सरकारी जमीन पर भी अतिक्रमण का आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया कि स्थानीय निवासियों ने कई बार कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए शिकायत की, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.