जयपुर. शरद पूर्णिमा पर इस बार चंद्र ग्रहण रहेगा. ये ग्रहण 28 और 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि में 1:05 से 2:24 बजे तक रहेगा, जिसका सूतक काल 28 अक्टूबर को शाम 4:12 पर शुरू हो जाएगा. इस दौरान सीकर में खाटू श्याम जी, चूरू में सालासर बालाजी, चित्तौड़गढ़ में सांवरिया सेठ, दौसा में मेहंदीपुर बालाजी, करौली में कैला देवी और मदन मोहन जैसे सभी प्रमुख मंदिरों के पट बंद रहेंगे. गोविंद देव जी में भक्त अपने भगवान के दर्शन तो कर सकेंगे, लेकिन इस बार उन्हें खीर का प्रसाद नहीं मिल पाएगा.
शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया: चंद्र ग्रहण वैसे तो एक खगोलीय घटना है, लेकिन सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण का मानव जीवन पर दुष्प्रभाव भी पड़ता है. इन दुष्प्रभाव का असर कम हो इसे मद्देनजर रखते हुए ज्योतिषाचार्य घर पर रहकर पूजा अर्चना करने का सुझाव देते हैं. हालांकि मंदिरों के पट बंद और खुले रहने को लेकर अलग-अलग मान्यता है.
चंद्रग्रहण में इन बातों का रखें ख्याल: जानकारों की मानें तो जिन मंदिरों में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होती है, वहां चंद्र ग्रहण के कारण मंदिरों में प्रतिमाओं को स्पर्श नहीं किया जाता, लेकिन जिन मंदिरों में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की गई है और भगवान का साक्षात स्वरूप माना गया है, वहां ग्रहण काल में पट खुले रहते हैं. हालांकि, इस दौरान मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं की जाती. मान्यता है कि ग्रहण काल में किसी भी तरह के खाने की वस्तु का सेवन करने, गर्भवती महिलाओं और मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को ग्रहण काल में चंद्रमा के संपर्क में आने से बचना चाहिए. साथ ही चंद्रग्रहण के काल के दौरान पड़ने वाली विकृत किरणों का असर कम हो, इसे मद्देनजर रखते हुए घरों में रहकर ही मंत्रोच्चार और भजन आदि करना चाहिए.
भारत में चंद्रग्रहण का समय: बता दें कि जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में चंद्रग्रहण पर मंदिर के पट खुले रहेंगे. शरद पूर्णिमा पर सूतक काल में शाम 7:00 बजे से 7:15 तक विशेष झांकी सजाई जाएगी, जिसमें भगवान चौसर खेलते दिखेंगे. वहीं ग्रहण काल में मध्य रात्रि 1:00 बजे से 2:30 बजे तक ठाकुर जी के पट खुले रहेंगे. इस दौरान मंदिर में हरी नाम संकीर्तन होगा, लेकिन इसके लिए श्रद्धालुओं को ग्रहण शुरू होने से पहले ही मंदिर में प्रवेश करना होगा. शरद पूर्णिमा पर लगने वाले खीर का भोग शाम 4:05 से पहले ही लगा दिया जाएगा, लेकिन इस खीर को श्रद्धालुओं को वितरित करने की बजाए, इस बार पेड़ों में डाला जाएगा और बचा हुआ हिस्सा पशु पक्षियों को डाला जाएगा.
मंदिरों के पट रहेंगे बंद: 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण होने के कारण सालासर बालाजी मंदिर में भगवान के दर्शन शाम 4:14 बजे तक ही होंगे. इसके बाद श्रद्धालु अपने भगवान के दर्शन 29 अक्टूबर सुबह 6:00 बजे से कर सकेंगे. इसी तरह खाटू श्याम जी मंदिर में 28 अक्टूबर को दोपहर 3:30 बजे कपाट बंद कर दिए जाएंगे, जो अगले दिन सुबह 5:15 पर खुलेंगे.