जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि कोरोना महामारी और इसके मद्देनजर आवागमन पर कई तरह के प्रतिबंधों के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है. किसानों को फसली ऋण की अदायगी के लिए अतिरिक्त समय देने से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. बैठक के दौरान बताया गया कि सहकारिता विभाग ने इस वर्ष 16 हजार करोड़ रूपए के अल्पकालीन फसल ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा है जिसमें से अब तक लगभग 2,550 करोड़ रूपए के ऋण वितरित किए जा चुके हैं,
वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 9.71 लाख और 2020-21 के दौरान 3.91 लाख नए किसानों को ऋण वितरण प्रक्रिया से जोड़ा गया है.. मुख्यमंत्री ने इस वर्ष भी फसल ऋण वितरण का लाभ अधिकाधिक नए किसानों को देने का निर्देश दिया.. गहलोत ने कहा कि काॅनफेड और जिला उपभोक्ता भंडारों द्वारा चलाए जा रहे 410 दवा विक्रय केंद्रों पर ऑनलाइन सॉफ्टवेयर स्थापित करने के साथ ही लाभार्थी पेंशनर्स को दवाओं की डोर-स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था विकसित की जा.
उन्होंने कहा कि इससे वृद्ध अवस्था और कोरोना की स्थितियों के कारण पेंशनर्स को नियमित दवाओं की उपलब्धता में सहुलियत हो सकेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने वाली मल्टीस्टेट के्रडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज के द्वारा की गई अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए राज्य में विजिलेंस अथोरिटी को शीघ्र क्रियाशील करते हुए राज्य में कार्यरत क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज के लेखों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करे.
गहलोत ने जयपुर शहर में गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा आमजन के साथ धोखाधड़ी को रोकने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नगरीय विकास, सहकारिता एवं गृह विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन सोसायटीज के कारण जयपुर शहर के अनियोजित विकास पर सख्ती से लगाम लगाने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए राज्य सरकार की कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 में फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस आदि के अधिक से अधिक प्रोजेक्टस स्वीकृत किए जाएं तथा इसके लिए किसानों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएं.
बैठक मेें बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स तथा बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए 50 हजार रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को गति देने के लिए वित्त, सहकारिता, स्वायत्त शासन तथा आयोजना विभाग के अधिकारी संयुक्त बैठक कर कार्ययोजना को अंतिम रूप दें. इस योजना के माध्यम से इस वित्त वर्ष में 5 लाख जरूरतमंदों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है.