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जयपुर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में प्रस्तावित 200 करोड़ के कामों पर सरकार लगाने जा रही रोक - जयपुर न्यूज

जयपुर में बन रहे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में प्रस्तावित 200 करोड़ के कामों पर सरकार ने रोक लगा दी है. इस निर्णय का कारण राज्य सरकार और जयपुर के पूर्व राजपरिवार के बीच मालिकाना हक के लिए चल रहे विवाद को बताया जा रहा है.

smart city project Jaipur, जयपुर न्यूज
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Published : Aug 26, 2019, 2:33 AM IST

जयपुर. शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बनाने में सरकार ने करीब 200 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए थे, लेकिन अब राज्य सरकार अन्य कार्यों पर रोक लगाने जा रही है. बताया जा रहा है कि स्वायत्त शासन विभाग इसका निर्णय कर चुका है. यह निर्णय इसलिए किया गया है क्योंकि अभी तक ना तो डीपीआर कंप्लीट हुआ है, ना ही टेंडर कैंसिल किया गया है.

यह कटौती सीधे-सीधे जलेब चौक में बनाए जाने वाले ग्लोबल आर्ट स्क्वायर को लेकर की गई है. यूडीएच मंत्री ने इस प्रोजेक्ट को बिना जरूरत वाला प्रोजेक्ट बताया है. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट इसलिए रोका गया क्योंकि काफी समय से राज्य सरकार और जयपुर के पूर्व राजपरिवार के बीच मालिकाना हक के लिए विवाद चल रहा है.

सरकार ने जयपुर में बन रहे स्मार्ट सिटी

बता दे कि पूर्वर्ती बीजेपी सरकार ने जयपुर का टूरिस्ट एरिया जलेब चौक में 200 करोड़ की लागत से ग्लोबल आर्ट स्क्वायर प्रोजेक्ट बनाने का निर्णय लिया था. ये प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन के तहत तैयार होना था. लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे स्मार्ट सिटी मिशन से ही बाहर कर दिया है.

यह भी पढ़े: जेटली के निधन पर छलका वसुंधरा का दर्द, कहा- वे मेरे राजनीतिक गुरु थे, हमेशा कमी खलेगी

बीते दिनों यूडीएच मंत्री ने स्मार्ट सिटी के कामों की धीमी रफ्तार को लेकर स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों से चर्चा की थी. इस दौरान प्रदेश के चारों स्मार्ट सिटी कोटा, जयपुर, अजमेर और उदयपुर के प्रोजेक्ट को लेकर रिव्यू किए जाने की बात कही गई थी.

उस समय यूडीएच मंत्री ने यह कहा था कि अब स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाले प्रोजेक्ट का रिव्यु किया जाएगा और टाइम बाउंड प्रोग्राम बनाकर कामों को शुरू करेंगे. इस दौरान उन्होंने यह साफ कर दिया था कि बिना जरूरत के कई प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल है, जिन्हें हटाया जाएगा.

जयपुर. शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बनाने में सरकार ने करीब 200 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए थे, लेकिन अब राज्य सरकार अन्य कार्यों पर रोक लगाने जा रही है. बताया जा रहा है कि स्वायत्त शासन विभाग इसका निर्णय कर चुका है. यह निर्णय इसलिए किया गया है क्योंकि अभी तक ना तो डीपीआर कंप्लीट हुआ है, ना ही टेंडर कैंसिल किया गया है.

यह कटौती सीधे-सीधे जलेब चौक में बनाए जाने वाले ग्लोबल आर्ट स्क्वायर को लेकर की गई है. यूडीएच मंत्री ने इस प्रोजेक्ट को बिना जरूरत वाला प्रोजेक्ट बताया है. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट इसलिए रोका गया क्योंकि काफी समय से राज्य सरकार और जयपुर के पूर्व राजपरिवार के बीच मालिकाना हक के लिए विवाद चल रहा है.

सरकार ने जयपुर में बन रहे स्मार्ट सिटी

बता दे कि पूर्वर्ती बीजेपी सरकार ने जयपुर का टूरिस्ट एरिया जलेब चौक में 200 करोड़ की लागत से ग्लोबल आर्ट स्क्वायर प्रोजेक्ट बनाने का निर्णय लिया था. ये प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन के तहत तैयार होना था. लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे स्मार्ट सिटी मिशन से ही बाहर कर दिया है.

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बीते दिनों यूडीएच मंत्री ने स्मार्ट सिटी के कामों की धीमी रफ्तार को लेकर स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों से चर्चा की थी. इस दौरान प्रदेश के चारों स्मार्ट सिटी कोटा, जयपुर, अजमेर और उदयपुर के प्रोजेक्ट को लेकर रिव्यू किए जाने की बात कही गई थी.

उस समय यूडीएच मंत्री ने यह कहा था कि अब स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाले प्रोजेक्ट का रिव्यु किया जाएगा और टाइम बाउंड प्रोग्राम बनाकर कामों को शुरू करेंगे. इस दौरान उन्होंने यह साफ कर दिया था कि बिना जरूरत के कई प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल है, जिन्हें हटाया जाएगा.

Intro:जयपुर में करीब 200 करोड़ रुपए के प्रस्तावित कार्यों पर राज्य सरकार रोक लगाने जा रही है। स्वायत्त शासन विभाग इसका निर्णय कर चुका है। ये कटौती सीधे-सीधे जलेब चौक में बनाए जाने वाले ग्लोबल आर्ट स्क्वायर को लेकर की गई है। यूडीएच मंत्री ने इसे बिना जरूरत वाला प्रोजेक्ट बताया। तो वहीं जानकार राज्य सरकार और जयपुर के पूर्व राजपरिवार के बीच चल रहे मालिकाना हक के विवाद को कारण बता रहे हैं।


Body:पूर्वर्ती बीजेपी सरकार ने जयपुर का टूरिस्ट एरिया जलेब चौक में 200 करोड़ की लागत से ग्लोबल आर्ट स्क्वायर प्रोजेक्ट बनाने का निर्णय लिया था। ये प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन के तहत तैयार होना था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे स्मार्ट सिटी मिशन से ही बाहर कर दिया है। बीते दिनों यूडीएच मंत्री ने स्मार्ट सिटी के कामों की धीमी रफ्तार को लेकर स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान प्रदेश के चारों स्मार्ट सिटी कोटा, जयपुर, अजमेर और उदयपुर के प्रोजेक्ट को लेकर रिव्यू किए जाने की बात कही गई। तब यूडीएच मंत्री ने ये साफ कर दिया था कि अब स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाले प्रोजेक्ट का रिव्यु होगा। और टाइम बाउंड प्रोग्राम बनाकर कामों को शुरू किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने ये भी साफ किया था कि बिना जरूरत के कई प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल है, जिन्हें हटाया जाएगा। इसका तर्क उन्होंने डीपीआर कंप्लीट नहीं होना और टेंडर कैंसिल होने को बताया।
बाईट - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री

वहीं अब स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जलेब चौक को स्मार्ट सिटी मिशन से बाहर करने का निर्णय लिया गया है। यहां प्रस्तावित 200 करोड़ के कार्यों पर भी अब रोक लगा दी गई है।


Conclusion:यूडीएच मंत्री भले ही इसका कारण बिना जरूरत के बनाया गया प्रोजेक्ट को बताएं। लेकिन इसका प्रमुख कारण राज्य सरकार और जयपुर के राजपरिवार के बीच चल रहे मालिकाना हक के विवाद को माना जा रहा है।
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