जयपुर. कोरोना काल के दौरान दानदाताओं द्वारा दी गई सहायता राशि के चेक सीएम केयर फंड में जमा न होकर उपखंड केयर फंड में जमा करवा दी गई. इसको लेकर विभागीय स्तर पर जांच भी चल रही है.
यह मामला शाहपुरा उपखंड का है, जहां उपखंड अधिकारी नरेंद्र कुमार मीणा ने एकत्रित राशि के चेक एसडीएम केयर फंड में जमा करवा दिए. हालांकि एसडीएम ने तात्कालिक परिस्थितियों का हवाला देकर एकत्रित चेक को उपखंड कोष में जमा करवाने की बात कह रहे हैं. जानकारी के अनुसार कोरोना काल के दौरान जरूरतमंद लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष का गठन किया गया था और दानदाताओं से कोष में राशि दान देने की अपील की गई थी.
इस पर कई दानदाताओं ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहत कोष में राशि जमा करवाने के लिए बढ़चढ़ कर चेक भेंट किए थे. इसी के तहत शाहपुरा में भी कई दानदाताओं ने करीब 15 लाख रुपए की सहायता राशि के चेक एसडीएम को भेंट किए थे. इनमें करीब ढाई लाख से ज्यादा राशि के चेक तो सीएम और पीएम केयर फंड में जमा करवा दिए गए, लेकिन शेष राशि के चेक उपखंड अधिकारी कोष के खाते में जमा करवा दिए गए.
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सूत्रों के मुताबिक ऐसे मामलों में एकत्रित राशि 24 घण्टे में जमा करवा देनी चाहिए, लेकिन 2 माह बीत जाने पर भी एकत्रित राशि उपखंड अधिकारी कोष के खाते में ही है. इसकी शिकायत सीएमओ और चीफ सेक्रेटरी तक पहुंची तो विभागीय अधिकारियों से मामले की जांच करवाई जा रही है. खुद जिला कलेक्टर जोगाराम और संभागीय आयुक्त केसी वर्मा का कहना है कि एकत्रित राशि 24 घण्टे से ज्यादा अपने पास नहीं रख सकते. एसडीएम से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है.
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इधर, एसडीएम नरेंद्र कुमार मीणा का कहना है की करीब 15 लाख की राशि के चेक प्राप्त हुए थे, जो सरकारी खाते में जमा है. इनमें से जो चेक पीएम और सीएम केयर फंड के नाम से थे वे भिजवा दिए गए थे. तात्कालिक परिस्थितियों को देखते हुए कुछ चेक उपखंड अधिकारी के नाम से दिए गए थे. उस राशि के उपयोग के लिए जिला कलेक्टर से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं.