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जयपुर: जलझूलनी एकादशी पर ठाकुरजी को कराया गया जलविहार

जिले के चाकसू में जलझूलनी एकादशी पर सोमवार को ठाकुरजी की डोल यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में गाजे-बाजे के साथ ठाकुरजी को नगर भ्रमण कराकर भक्तों ने जल विहार कराया. इस दौरान मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा.

Thakurji's waterfront on Jadhulani Ekadashi, Chaksu news, जयपुर खबर
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Published : Sep 9, 2019, 10:31 PM IST

चाकसू (जयपुर). जिले के चाकसू में जलझूलनी एकादशी पर सोमवार को ठाकुरजी की डोल यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में गाजे-बाजे के साथ ठाकुरजी को नगर भ्रमण कराकर भक्तों ने जल विहार कराया. इस दौरान मंदिरों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा. साथ ही शाम को लोगों ने अपना व्रत खोला.

जलझूलनी एकादशी पर निकाली गई ठाकुरजी की डोल यात्रा

जानकारी के मुताबिक शहर के सभी मंदिरों से ठाकुरजी की फूलडोल गाजे-बाजे के साथ प्रमुख मार्गों से होते हुए दोपहर को पश्चिमी छोर मंदिर राधा-दामोदर जी, बावन जी, सीताराम जी, रामदेव जी सहित अन्य देवालयों के ठाकुरजी पालकी में विराजमान होकर गोलीराव जलाशय पहुंचे.

पढ़ें- सीमा पर मारे गए पाक जवानों का वीडियो रिलीज, देखें

इसके साथ ही शाम 5 बजे पूर्वी दिशा में स्थिति देवालयों में चतुर्भुज जी, सीताराम जी, सालगराम जी, त्रिलोकनाथ जी, जगमोहन भगवान के मंदिरों से ठाकुरजी विमान में सवार होकर मनोहरा तालाब पहुंचे. जहां पंडितों ने श्रीजी को विधिविधान पूर्वक जलविहार कराया. जहां भक्तों की खासा भीड़ उमड़ी रही. लोगों ने ठाकुरजी के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाकर फूलडोल में विराजमान ठाकुरजी को स्नान कराने के बाद आरती की गई.

पढ़ें- ओडिशा में 3 महीने तक नए एमवी एक्ट का आक्रामक क्रियान्वयन नहीं : CM पटनायक

इस दौरान आरती के बाद फूलडोल वापस मंदिरों में पहुंचाई गई. गौरतलब है कि इस साल हुई भारी बारिश के बाद क्षेत्र के तालाब लबालब है. जिसके चलते प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा दृष्टि से अच्छे इंतजाम किए थे. प्रशासन ने मेला स्थलों पर पुलिस के जवान और गोताखोरों की तैनाती की थी. किसी भी प्रकार के आकस्मिक हादसों से समय रहते निपटने के पूरे इंतजाम नजर आ रहे थे. कस्बे के दोनों मुख्य तालाब जल से भरे होने के चलते ठाकुरजी का जलविहार भक्तों को रिझा रहा था.

चाकसू (जयपुर). जिले के चाकसू में जलझूलनी एकादशी पर सोमवार को ठाकुरजी की डोल यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में गाजे-बाजे के साथ ठाकुरजी को नगर भ्रमण कराकर भक्तों ने जल विहार कराया. इस दौरान मंदिरों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा. साथ ही शाम को लोगों ने अपना व्रत खोला.

जलझूलनी एकादशी पर निकाली गई ठाकुरजी की डोल यात्रा

जानकारी के मुताबिक शहर के सभी मंदिरों से ठाकुरजी की फूलडोल गाजे-बाजे के साथ प्रमुख मार्गों से होते हुए दोपहर को पश्चिमी छोर मंदिर राधा-दामोदर जी, बावन जी, सीताराम जी, रामदेव जी सहित अन्य देवालयों के ठाकुरजी पालकी में विराजमान होकर गोलीराव जलाशय पहुंचे.

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इसके साथ ही शाम 5 बजे पूर्वी दिशा में स्थिति देवालयों में चतुर्भुज जी, सीताराम जी, सालगराम जी, त्रिलोकनाथ जी, जगमोहन भगवान के मंदिरों से ठाकुरजी विमान में सवार होकर मनोहरा तालाब पहुंचे. जहां पंडितों ने श्रीजी को विधिविधान पूर्वक जलविहार कराया. जहां भक्तों की खासा भीड़ उमड़ी रही. लोगों ने ठाकुरजी के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाकर फूलडोल में विराजमान ठाकुरजी को स्नान कराने के बाद आरती की गई.

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इस दौरान आरती के बाद फूलडोल वापस मंदिरों में पहुंचाई गई. गौरतलब है कि इस साल हुई भारी बारिश के बाद क्षेत्र के तालाब लबालब है. जिसके चलते प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा दृष्टि से अच्छे इंतजाम किए थे. प्रशासन ने मेला स्थलों पर पुलिस के जवान और गोताखोरों की तैनाती की थी. किसी भी प्रकार के आकस्मिक हादसों से समय रहते निपटने के पूरे इंतजाम नजर आ रहे थे. कस्बे के दोनों मुख्य तालाब जल से भरे होने के चलते ठाकुरजी का जलविहार भक्तों को रिझा रहा था.

Intro:चाकसू (जयपुर). जिले के चाकसू में जलझूलनी एकादशी पर सोमवार को ठाकुरजी की डोल यात्रा निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ ठाकुरजी को नगर भ्रमण कराकर भक्तों ने जल विहार कराया। Body:जानकारी मुताबिक शहर के सभी मंदिरों से ठाकुरजी की फूलडोल गाजे-बाजे के साथ प्रमुख मार्गों से होते हुए दोपहर को पश्चिमी छोर मंदिर राधा-दामोदर जी, बावन जी, सीताराम जी, रामदेव जी सहित अन्य देवालयों के ठाकुरजी पालकी में विराजमान होकर गोलीराव जलाशय पहुंचे, तो बाकी शाम 5 बजे पूर्वी दिशा में स्थिति देवालयों में चतुर्भुज जी, सीताराम जी, सालगराम जी, त्रिलोकनाथ जी, जगमोहन भगवान के मंदिरों से ठाकुरजी विमान में सवार होकर मनोहरा तालाब पहुंचे, यहां पंडितों ने श्रीजी को विधिविधान पूर्वक जलविहार कराया गया। जहां दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ रही। लोगों ने ठाकुरजी के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया। अलग-अलग मन्दिरों से लाए सभी फूलडोल में विराजमान ठाकुरजी को स्नान कराया तथा आरती की गई। आरती के बाद फूलडोल वापस मंदिरों में पहुंची। मंदिरों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। शाम को लोगों ने व्रत खोला। Conclusion:गौरतलब है कि इस साल हुई भारी बारिश के बाद क्षेत्र के तालाब लबालब है। जिसके चलते प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा दृष्टि से अच्छे इंतजाम किए गये। प्रशासन ने मेला स्थलों पर पुलिस के जवान व गोताखोरों की तैनाती की गई। किसी भी प्रकार के आकस्मिक हादसों से समय रहते निपटने के पूरे इंतजाम नजर आए। कस्बे के दोनों मुख्य तालाब जल से भरे हुए होने के चलते ठाकुरजी की जलविहार भक्तों को रिझा रहा था।

-ईटीवी भारत के लिए मुकेश सिर्रा, चाकसू।
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