जयपुर. हेरिटेज निगम के सर्तकता दस्ते ने सोमवार को रामगंज बाजार के बरामदों से अस्थाई अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई (temporary encroachment removed in Jaipur) की. यहां बाजार में होटलों और ढाबों के संचालकों ने बरामदों में चूल्हे, बर्तन, मेज, कुर्सी आदि रख कब्जा किया हुआ था. यही नहीं बरामदों की छतों पर भी ढाबे संचालित थे. जिस पर सतर्कता शाखा और रामगंज थाने के जाब्ते के साथ अस्थाई अतिक्रमण हटाये जाने की कार्रवाई की गई. हालांकि बरामदों के छत पर बने स्थाई निर्माण को निगम प्रशासन अनदेखा करते हुए आगे बढ़ गया.
बता दें कि फरवरी 2000 से अगस्त 2001 तक जयपुर नगर निगम ने बाजारों के बरामदों को खाली कराया था. जिसके बाद जयपुर के बाजारों में फुटपाथ की कमी महसूस नहीं हुई, लेकिन शहर के रामगंज और घाट गेट बाजार अभी भी अस्थाई अतिक्रमण से जूझ रहे हैं. और तो और बरामदों की छतों पर भी स्थाई अतिक्रमण (permanent encroachment left untouched) किया हुआ है, जिस पर न तो निगम प्रशासन का ध्यान है और न सरकार का.
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हालांकि सोमवार को अस्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई की गई. सतर्कता उपायुक्त नीलकमल मीणा ने बताया कि दस्ते ने रामगंज चौपड़ से बड़ी चौपड़ तक और रामगंज चौपड़ से घाटगेट तक सड़क, फुटपाथ और बरामदों के होटल और दुकान वालों के भट्टी, चूल्हे, सिलेण्डर और अन्य सामान को हटाकर जब्त किया. कार्रवाई में 6 ट्रक और एक ट्रैक्टर सामान जब्त किया गया. कार्रवाई के दौरान दस्ते को कुछ व्यक्तियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा.
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हालांकि इस कार्रवाई के दौरान निगम की सतर्कता शाखा को रामगंज बाजार और घाट गेट बाजार के बरामदों पर बने स्थाई निर्माण नजर नहीं आए. और ना ही उन्हें किसी तरह का नोटिस दिया गया. जबकि ये सभी निर्माण हेरिटेज बायलॉज के विपरीत बने हैं. जिस पर यूनेस्को भी सवाल खड़े कर चुकी है.