जयपुर. जयपुर में तीज त्योहार पर अलग ही माहौल होता है. शहरवासी हर फेस्टिवल को उत्साह के साथ मनाते आए हैं और जब बात जयपुर की पारंपरिक विरासत से जुड़े हरियाली तीज फेस्टिवल की हो तो कहने ही क्या. हरियाली तीज से ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को इस त्योहार से जुड़ा सिंजारा उत्सव मनाया गया, जिसमें सुहागिन महिलाओं ने हाथों पर मेहंदी रचाई और महिलाओं के पीहर से घेवर, कपड़े और सुहाग की सामग्री सिंजारा के रूप में आई.
सिंजारा उत्सव मनाने के लिए ग्रेटर नगर निगम भी पीछे नहीं रहा. जयपुर के जवाहर कला केंद्र में लेडीज क्लब, महिला महाविद्यालयों और निगम की महिला पार्षदों, कर्मचारी ने बढ़-चढ़कर इस उत्सव में भाग लिया. सभी लहरिया परिधान पहन हरियाली तीज के रंग में रंगी नज़र आई. इस दौरान महिलाएं हाथों पर मेहंदी लगवाकर, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शरीक हुईं, जिसमें शहर की प्रथम नागरिक महापौर सौम्या गुर्जर भी पीछे नहीं रही. उन्होंने भी हाथों पर मेहंदी लगवाई और यहां लगाए गए झूले भी झूले. उन्होंने बताया कि यहां महिलाएं पारंपरिक परिधान धारण कर सिंजारा उत्सव मनाने के लिए पहुंची है.
सभी ने तीज के झूले भी झूले और घेवर का स्वाद चखा. यही जयपुर की परंपरा है. उन्होंने कहा कि तीज का त्योहार महिलाओं के लिए विशेष हैं. इसलिए महिला पार्षदों, महिला कर्मचारियों-अधिकारियों के साथ मिलकर हर्षोल्लाह के साथ ये आयोजन किया गया है. इस दौरान विशाल घूमर का भी आयोजन हुआ. वहीं, 19 अगस्त शनिवार को तीज महोत्सव मनाया जाएगा, जिसमें त्रिपोलिया गेट से तीज माता की सवारी शाही लवाजमे के साथ निकलेगी.
इस दौरान लोक कलाकारों की ओर से राजस्थान के प्रमुख कच्ची घोड़ी, कालबेलिया, गैर, बहरूपिया, तेरहताली जैसे लोक नृत्य का प्रदर्शन भी किया जाएगा. इस आयोजन को देखने के लिए उमड़ने वाली भीड़ को मद्देनजर रखते हुए पुलिस प्रशासन, पर्यटन विभाग और निगम प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं को भी अंतिम रूप दिया गया. राजधानी के ग्रेटर नगर निगम की ओर से भी जवाहर कला केंद्र में शहर की महिलाओं के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें नाच-गाने, सावन के झूले, मेहंदी की खुशबू के साथ-साथ महिलाओं घेवर का भी स्वाद लिया.