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SPECIAL: सावधान ! Whatsapp पर बजने वाली यह घंटी आपके लिए हो सकती है खतरनाक, कहीं आप साइबर ठगों का अगला शिकार तो नहीं... - साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट

साइबर ठगों द्वारा लोगों को अब एक नए तरीके से ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. ये ठग अब व्हाट्सएप कॉल के जरिए लोगों को लॉटरी जीतने का झांसा देकर अपने जाल में फंसाते हैं. इसीलिए इन साइबर ठगों से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

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Whatsapp कॉल के लिए साइबर ठगी
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Published : Dec 28, 2020, 7:03 AM IST

जयपुर. साइबर ठगों द्वारा लोगों को अब एक नए तरीके से ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. ये ठग अब व्हाट्सएप कॉल के जरिए लोगों को लॉटरी जीतने का झांसा देकर अपने जाल में फंसाते हैं. लोगों को कॉल कर लाखों रुपए जीतने का झांसा दिया जा रहा है और इसके साथ ही जीती गई राशि को पाने के लिए व्हाट्सएप कॉल कर आगे का प्रोसेस पूरा करने के लिए कहा जा रहा है. ऐसा कर लोगों को अपने जाल में फंसा कर साइबर ठग अलग-अलग हथकंडे अपनाकर राशि हड़प रहे हैं. साइबर ठगों के झांसे में आकर लोग ठगों द्वारा बताए गए स्टेप को पूरा करने के चक्कर में अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं.

व्हाट्सएप कॉल के जरिए साइबर ठग कर रहे हैं ठगी

इसके साथ ही लोगों को व्हाट्सएप पर मैसेज कर एक नंबर पर व्हाट्सएप कॉल करने के लिए कहा जाता है. साइबर ठगों द्वारा मैसेज पर भेजे गए नंबर पर जब पीड़ित व्यक्ति द्वारा व्हाट्सएप कॉल किया जाता है तो उसे जीती गई लाखों रुपए की राशि पाने के लिए कन्वर्जन फीस और अन्य चार्जेस बता कर एक अमाउंट ऑनलाइन पे करने के लिए कहा जाता है. इस प्रकार से साइबर ठगों द्वारा लोगों के बैंक खाते से लाखों रुपए निकाल लिए जाते हैं. सवाल अब ये हैं कि आखिर इन ठगों से बचने के लिए क्या उपाए अपनाए जाएं. इसके लिए हमने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज से बात की.

एशिया पेसिफिक ऑफिस का हवाला देकर कर ठगी-

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठग लोगों को व्हाट्सएप पर मैसेज करके या फिर व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क करके खुद को व्हाट्सएप के एशिया पेसिफिक ऑफिस से कॉल करना बताते हैं. इसके साथ ही लोगों को यह कहा जाता है कि व्हाट्सएप द्वारा चंद लोगों के मोबाइल नंबर सलेक्ट किए गए हैं जिन्हें लाखों रुपए की लॉटरी लगी है. जीती गई लाखों रुपए की राशि को पाने के लिए एक अन्य नंबर पर व्हाट्सएप कॉल करने के लिए कहा जाता है. जब व्यक्ति ठगों द्वारा दिए गए नंबर पर व्हाट्सएप कॉल करता है तो उसे 20 लाख रुपए की लॉटरी जीतने की बात कही जाती है और इसके साथ ही जीती गई राशि पाने के लिए आगे का स्टेप पूरा करने को कहा जाता है.

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ठगी के लिए ये तरीके अपनाते हैं साइबर ठक

कन्वर्जन फीस और अन्य चार्जेस बता कर ठग रहे राशि-

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठगों द्वारा व्यक्ति को अपने जाल में फंसाने के बाद उसे जीती गई 20 लाख रुपए की राशि देने के लिए कन्वर्जन फीस के नाम पर जीती गई राशि का 2% अमाउंट जमा कराने के लिए कहा जाता है. साइबर ठगों द्वारा व्यक्ति को यह कहा जाता है कि जीती गई राशि डॉलर में है और उसे भारतीय मुद्रा में कन्वर्ट करने के लिए जो चार्ज लगेगा वह चार्ज उसे पेटीएम या ऑनलाइन पेमेंट के जरिए जमा कराना होगा.

जब पीड़ित व्यक्ति ठगों के झांसे में आकर कन्वर्जन फीस के नाम पर 40 हजार की राशि जमा करवाता है तो फिर उसे ठगों द्वारा भारत सरकार को टैक्स के रूप में देने के लिए और राशि की मांग की जाती है. इस प्रकार से अलग-अलग चार्ज बताकर पीड़ित व्यक्ति से लाखों रुपए की राशि ठग ली जाती है. व्हाट्सएप कॉल को ना तो ट्रेस किया जा सकता है और ना ही उसे रिकॉर्ड किया जा सकता है जिसके चलते साइबर ठग इसका प्रयोग कर रहे हैं.

पेटीएम के जरिए जमा करवाई जाती है राशि-

आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठग पेटीएम के जरिए पीड़ित व्यक्ति को जीती गई राशि को प्राप्त करने के लिए कन्वर्जन फीस और अन्य टैक्स जमा कराने के लिए कहते हैं. पेटीएम की पॉलिसी नॉन रिफंडेबल है और एक बार जो पैसा पेटीएम के किसी खाते में चला गया तो फिर उसे पेटीएम वापस रिफंड नहीं कर सकता है जिसके चलते साइबर ठग पेटीएम के जरिए पीड़ित व्यक्ति को राशि जमा कराने के लिए कहते हैं. पीड़ित व्यक्ति द्वारा पेटीएम के जरिए जिस राशि का भुगतान किया जाता है वह राशि ऐसे बैंक खातों में जाती है जो फर्जी केवाईसी के जरिए ठगों द्वारा खुलवाए जाते हैं ऐसे में चाह कर भी पुलिस ठगों तक नहीं पहुंच पाती है.

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साइबर ठगों से इस तरह से बचें
कैसे बचें साइबर अपराधियों से-व्हाट्सएप कॉल के झांसे में नहीं आएं- व्हाट्सएप की ऐसी कोई भी पॉलिसी नहीं है जिसके तहत वह यूजर को कैशबैक या फिर लॉटरी जीतने को लेकर मैसेज भेजे या व्हाट्सएप कॉल करे. इसलिए व्हाट्सएप पर आने वाले ऐसे किसी भी मैसेज पर गौर ना करें और अगर व्हाट्सएप कॉल के जरिए लॉटरी निकालने का झांसा दिया जाए तो इसकी शिकायत तुरंत साइबर थाने में या नजदीकी थाने में करें.

किसी भी अनजान लिंक पर ना करें क्लिक-
कई प्रकरणों में यह देखा गया है कि साइबर ठग जीती गई राशि को पाने के लिए पीड़ित व्यक्ति को एक लिंक व्हाट्सएप करते हैं. पीड़ित व्यक्ति जब उस लिंक पर क्लिक करता है तो गूगल डॉक्स का एक पेज ओपन होता है जिसमें कन्वर्जन फीस जमा कराने के लिए कहा जाता है और साथ ही क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी भरने को कहा जाता है. लाखों रुपए पाने के लालच में व्यक्ति द्वारा जब क्रेडिट या डेबिट कार्ड से संबंधित जानकारी पेज पर भरी जाती है तो फिर ठगों द्वारा उसके बैंक खाते से लाखों रुपए ठग लिए जाते हैं.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: कोरोना और पंचायत चुनाव में पुलिस व्यस्त, अपराधी मस्त...पेंडिंग पड़े मामले

ऐसे में ठगी का शिकार होने से बचने के लिए ठगों द्वारा व्हाट्सएप पर भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें. इसके साथ ही अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड से संबंधित जानकारी को भी साझा करें. उम्मीद है ऐसे अपराधों से बचने के लिए आपको हमारी इस रिपोर्ट से मदद मिलेगी. उम्मीद है आप किसी भी साइबर ठग के झांसे में नहीं आएंगे साथ ही आपने आसपास और जानकारों को भी अलर्ट करेंगे.

जयपुर. साइबर ठगों द्वारा लोगों को अब एक नए तरीके से ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. ये ठग अब व्हाट्सएप कॉल के जरिए लोगों को लॉटरी जीतने का झांसा देकर अपने जाल में फंसाते हैं. लोगों को कॉल कर लाखों रुपए जीतने का झांसा दिया जा रहा है और इसके साथ ही जीती गई राशि को पाने के लिए व्हाट्सएप कॉल कर आगे का प्रोसेस पूरा करने के लिए कहा जा रहा है. ऐसा कर लोगों को अपने जाल में फंसा कर साइबर ठग अलग-अलग हथकंडे अपनाकर राशि हड़प रहे हैं. साइबर ठगों के झांसे में आकर लोग ठगों द्वारा बताए गए स्टेप को पूरा करने के चक्कर में अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं.

व्हाट्सएप कॉल के जरिए साइबर ठग कर रहे हैं ठगी

इसके साथ ही लोगों को व्हाट्सएप पर मैसेज कर एक नंबर पर व्हाट्सएप कॉल करने के लिए कहा जाता है. साइबर ठगों द्वारा मैसेज पर भेजे गए नंबर पर जब पीड़ित व्यक्ति द्वारा व्हाट्सएप कॉल किया जाता है तो उसे जीती गई लाखों रुपए की राशि पाने के लिए कन्वर्जन फीस और अन्य चार्जेस बता कर एक अमाउंट ऑनलाइन पे करने के लिए कहा जाता है. इस प्रकार से साइबर ठगों द्वारा लोगों के बैंक खाते से लाखों रुपए निकाल लिए जाते हैं. सवाल अब ये हैं कि आखिर इन ठगों से बचने के लिए क्या उपाए अपनाए जाएं. इसके लिए हमने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज से बात की.

एशिया पेसिफिक ऑफिस का हवाला देकर कर ठगी-

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठग लोगों को व्हाट्सएप पर मैसेज करके या फिर व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क करके खुद को व्हाट्सएप के एशिया पेसिफिक ऑफिस से कॉल करना बताते हैं. इसके साथ ही लोगों को यह कहा जाता है कि व्हाट्सएप द्वारा चंद लोगों के मोबाइल नंबर सलेक्ट किए गए हैं जिन्हें लाखों रुपए की लॉटरी लगी है. जीती गई लाखों रुपए की राशि को पाने के लिए एक अन्य नंबर पर व्हाट्सएप कॉल करने के लिए कहा जाता है. जब व्यक्ति ठगों द्वारा दिए गए नंबर पर व्हाट्सएप कॉल करता है तो उसे 20 लाख रुपए की लॉटरी जीतने की बात कही जाती है और इसके साथ ही जीती गई राशि पाने के लिए आगे का स्टेप पूरा करने को कहा जाता है.

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ठगी के लिए ये तरीके अपनाते हैं साइबर ठक

कन्वर्जन फीस और अन्य चार्जेस बता कर ठग रहे राशि-

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठगों द्वारा व्यक्ति को अपने जाल में फंसाने के बाद उसे जीती गई 20 लाख रुपए की राशि देने के लिए कन्वर्जन फीस के नाम पर जीती गई राशि का 2% अमाउंट जमा कराने के लिए कहा जाता है. साइबर ठगों द्वारा व्यक्ति को यह कहा जाता है कि जीती गई राशि डॉलर में है और उसे भारतीय मुद्रा में कन्वर्ट करने के लिए जो चार्ज लगेगा वह चार्ज उसे पेटीएम या ऑनलाइन पेमेंट के जरिए जमा कराना होगा.

जब पीड़ित व्यक्ति ठगों के झांसे में आकर कन्वर्जन फीस के नाम पर 40 हजार की राशि जमा करवाता है तो फिर उसे ठगों द्वारा भारत सरकार को टैक्स के रूप में देने के लिए और राशि की मांग की जाती है. इस प्रकार से अलग-अलग चार्ज बताकर पीड़ित व्यक्ति से लाखों रुपए की राशि ठग ली जाती है. व्हाट्सएप कॉल को ना तो ट्रेस किया जा सकता है और ना ही उसे रिकॉर्ड किया जा सकता है जिसके चलते साइबर ठग इसका प्रयोग कर रहे हैं.

पेटीएम के जरिए जमा करवाई जाती है राशि-

आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठग पेटीएम के जरिए पीड़ित व्यक्ति को जीती गई राशि को प्राप्त करने के लिए कन्वर्जन फीस और अन्य टैक्स जमा कराने के लिए कहते हैं. पेटीएम की पॉलिसी नॉन रिफंडेबल है और एक बार जो पैसा पेटीएम के किसी खाते में चला गया तो फिर उसे पेटीएम वापस रिफंड नहीं कर सकता है जिसके चलते साइबर ठग पेटीएम के जरिए पीड़ित व्यक्ति को राशि जमा कराने के लिए कहते हैं. पीड़ित व्यक्ति द्वारा पेटीएम के जरिए जिस राशि का भुगतान किया जाता है वह राशि ऐसे बैंक खातों में जाती है जो फर्जी केवाईसी के जरिए ठगों द्वारा खुलवाए जाते हैं ऐसे में चाह कर भी पुलिस ठगों तक नहीं पहुंच पाती है.

cyber crime in rajasthan, cyber crime by Whatsapp, एशिया पेसिफिक ऑफिस, avoid cyber fraud, avoid cyber fraud from Whatsapp, how avoid cyber fraud
साइबर ठगों से इस तरह से बचें
कैसे बचें साइबर अपराधियों से-व्हाट्सएप कॉल के झांसे में नहीं आएं- व्हाट्सएप की ऐसी कोई भी पॉलिसी नहीं है जिसके तहत वह यूजर को कैशबैक या फिर लॉटरी जीतने को लेकर मैसेज भेजे या व्हाट्सएप कॉल करे. इसलिए व्हाट्सएप पर आने वाले ऐसे किसी भी मैसेज पर गौर ना करें और अगर व्हाट्सएप कॉल के जरिए लॉटरी निकालने का झांसा दिया जाए तो इसकी शिकायत तुरंत साइबर थाने में या नजदीकी थाने में करें.

किसी भी अनजान लिंक पर ना करें क्लिक-
कई प्रकरणों में यह देखा गया है कि साइबर ठग जीती गई राशि को पाने के लिए पीड़ित व्यक्ति को एक लिंक व्हाट्सएप करते हैं. पीड़ित व्यक्ति जब उस लिंक पर क्लिक करता है तो गूगल डॉक्स का एक पेज ओपन होता है जिसमें कन्वर्जन फीस जमा कराने के लिए कहा जाता है और साथ ही क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी भरने को कहा जाता है. लाखों रुपए पाने के लालच में व्यक्ति द्वारा जब क्रेडिट या डेबिट कार्ड से संबंधित जानकारी पेज पर भरी जाती है तो फिर ठगों द्वारा उसके बैंक खाते से लाखों रुपए ठग लिए जाते हैं.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: कोरोना और पंचायत चुनाव में पुलिस व्यस्त, अपराधी मस्त...पेंडिंग पड़े मामले

ऐसे में ठगी का शिकार होने से बचने के लिए ठगों द्वारा व्हाट्सएप पर भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें. इसके साथ ही अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड से संबंधित जानकारी को भी साझा करें. उम्मीद है ऐसे अपराधों से बचने के लिए आपको हमारी इस रिपोर्ट से मदद मिलेगी. उम्मीद है आप किसी भी साइबर ठग के झांसे में नहीं आएंगे साथ ही आपने आसपास और जानकारों को भी अलर्ट करेंगे.

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