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महापौर-पार्षद निलंबन मामला : निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों ने सरकार को भेजा अपना स्पष्टीकरण

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Published : Jun 12, 2021, 12:07 AM IST

निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर और तीनों पार्षदों ने शुक्रवार को अपना स्पष्टीकरण सरकार को भेजा. सरकार के नोटिस के जवाब में सौम्या गुर्जर ने हाई कोर्ट में लगाई गई रिट को ही अपना जवाब बताया. इसके साथ ही पार्षदों ने भी अपना स्पष्टीकरण भेजा है जिस पर डायरेक्टर लॉ के नेतृत्व में शनिवार को मंथन किया जाएगा.

Suspended Mayor Soumya Gurjar, mayor-council suspension case, Suspended mayor sent their explanation to government
निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों ने सरकार को भेजा अपना स्पष्टीकरण

जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने निलंबन के बाद महापौर और तीनों पार्षदों को दोबारा नोटिस भेजा था. न्यायिक जांच की तरफ बढ़ने से पहले उनसे 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया था. इस पर महापौर और पार्षदों ने अपना स्पष्टीकरण सरकार को भेजा.

स्पष्टीकरण में सौम्या गुर्जर ने कहा कि हाई कोर्ट में लगाई गई रिट को उनका स्पष्टीकरण माना जाए. स्पष्टीकरण और प्राथमिक जांच की रिपोर्ट पर विचार किया जाना चाहिए था लेकिन उससे पहले सरकार ने न्यायिक जांच का फैसला ले लिया ऐसे में स्पष्टीकरण लिया जाना अवैध और खानापूर्ति है. उन्होंने उपनिदेशक के स्तर पर करवाई जांच पर भी सवाल उठाए और जांच की रिपोर्ट और आरोप को मिथ्या और आधारहीन बताया है.

वहीं अब दोष के आधार पर आरोप पत्र न्यायिक अधिकारी को भेजा गया है. हालांकि सामान्य तौर पर निलंबन से पहले स्पष्टीकरण लिया जाता है. इस मामले में ये प्रक्रिया बाद में अपनाई जा रही है.

ये भी पढ़ें: पढ़ें- राजस्थान में वैक्सीनेशन : वैक्सीन लगवाने में पिछड़ी महिलाएं, 52 प्रतिशत पुरुष वैक्सीनेट...अब तक 1.86 करोड़ का वैक्सीनेशन

उधर, बीवीजी कंपनी और राजाराम गुर्जर डील प्रकरण में वायरल वीडियो मामले में एसीबी ने जांच शुरू कर दी है. प्राथमिक शिकायत दर्ज करने के बाद शुक्रवार को एसीबी की टीम ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में पहुंची और मामले से जुड़े दस्तावेज अपने कब्जे में लिए.

जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने निलंबन के बाद महापौर और तीनों पार्षदों को दोबारा नोटिस भेजा था. न्यायिक जांच की तरफ बढ़ने से पहले उनसे 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया था. इस पर महापौर और पार्षदों ने अपना स्पष्टीकरण सरकार को भेजा.

स्पष्टीकरण में सौम्या गुर्जर ने कहा कि हाई कोर्ट में लगाई गई रिट को उनका स्पष्टीकरण माना जाए. स्पष्टीकरण और प्राथमिक जांच की रिपोर्ट पर विचार किया जाना चाहिए था लेकिन उससे पहले सरकार ने न्यायिक जांच का फैसला ले लिया ऐसे में स्पष्टीकरण लिया जाना अवैध और खानापूर्ति है. उन्होंने उपनिदेशक के स्तर पर करवाई जांच पर भी सवाल उठाए और जांच की रिपोर्ट और आरोप को मिथ्या और आधारहीन बताया है.

वहीं अब दोष के आधार पर आरोप पत्र न्यायिक अधिकारी को भेजा गया है. हालांकि सामान्य तौर पर निलंबन से पहले स्पष्टीकरण लिया जाता है. इस मामले में ये प्रक्रिया बाद में अपनाई जा रही है.

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उधर, बीवीजी कंपनी और राजाराम गुर्जर डील प्रकरण में वायरल वीडियो मामले में एसीबी ने जांच शुरू कर दी है. प्राथमिक शिकायत दर्ज करने के बाद शुक्रवार को एसीबी की टीम ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में पहुंची और मामले से जुड़े दस्तावेज अपने कब्जे में लिए.

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