जयपुर. शरद पूर्णिमा पर होने वाले चंद्र ग्रहण से ठीक 15 दिन पहले शनिवार को आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या पर सूर्य ग्रहण रहेगा. रात 9:40 से देर रात 1:19 तक ग्रहण काल रहेगा, हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. ऐसे में सूर्य ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा. वहीं, इसी दिन पितृ अमावस्या भी है. चूंकि सूर्य ग्रहण का सूतक मान्य नहीं है, ऐसे में लोग श्राद्ध कर्म कर सकेंगे.
देश में नहीं पड़ेगा असर : इस संबंध में ज्योतिषाचार्य योगेश पारीक ने बताया कि 14 अक्टूबर यानी शनिवार को धरती पर सूर्य ग्रहण का असर रहेगा. हालांकि भारत देश में यह ग्रहण नहीं दिखने के कारण इसका कोई भी सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव देशवासियों पर नहीं पड़ेगा. 14 अक्टूबर 2023 को रात 9:40 से देर रात 1:19 तक यह ग्रहण प्रभावी होगा. इस दिन सूर्य चित्रा नक्षत्र में और कन्या राशि में विराजमान रहेंगे.
एक ही महीने में दो ग्रहण : उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा और न ही इसके सूतक का प्रभाव भारत पर पड़ेगा. इसका प्रभाव, मेक्सिको, उत्तर अमेरिका, अटलांटिक, क्यूबा, ब्राजील और कनाडा में पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भारतवासियों को इस खगोलीय घटना और इससे होने वाले हानि-लाभ के परिणामों से डरने की आवश्यकता नहीं है, हालांकि उन्होंने एक ही महीने में 2 ग्रहण होने पर चिंता जताई. उन्होंने बताया कि हिंदी और अंग्रेजी वर्ष दोनों कैलेंडर को देखें तो दोनों में ही एक ही महीने में दो ग्रहण पड़ रहे हैं. महीने में दो ग्रहण लगने का प्रभाव जरूर पड़ेगा, जो कि वैश्विक समाज के लिए अच्छा नहीं है.