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आगामी बजट के लिए सरकार ने उद्यमियों से मांगे सुझाव, पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की उठी मांग

प्रदेश की गहलोत सरकार आगामी बजट की तैयारी में जुटी हुई है. इसी कड़ी में शनिवार को उद्यमियों से सुझाव लिए (Suggestions for Budget by industrialists) गए. वित्त विभाग के एसएसीएस अखिल अरोड़ा ने ये सुझाव लिए. इस दौरान उद्यमियों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने सहित अन्य सुझाव रखे.

demands reduce VAT on petrol diesel
आगामी बजट के लिए सरकार ने उद्यमियों से मांगे सुझाव, पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की उठी मांग
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Published : Dec 10, 2022, 9:29 PM IST

जयपुर. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट को लेकर राज्य सरकार ने उद्यमियों से सुझाव लिए हैं. प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से प्रमुख शासन सचिव, वित्त अखिल अरोड़ा ने कहा कि आगामी बजट को अधिक समावेशी, समयानुकूल और जनकल्याणकारी बनाने की दिशा में समाज के विभिन्न वर्गो से जो सुझाव लिए जा रहें हैं. उन सभी पर गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श कर उन्हें बजट में शामिल करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे. सुझावों में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने सहित अन्य मांग (Demand of reduce VAT on petrol diesel) उठी.

बजट पूर्व संवाद: बैठक में राज्य के उद्योगों एवं व्यवसायियों को आगामी बजट में राहत प्रदान करने के लिए उनकी ओर से दिए गए सुझावों पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने संगठन में वर्तमान में आ रही समस्याओं का जिक्र करते हुए राज्य सरकार से विभिन्न पहलुओं पर वित्तीय राहत और करों की अदायगी के सरलीकरण की मांग की.

पढ़ें: बजट पूर्व गहलोत सरकार ने लिए सुझाव, 12 घंटों में प्रदेशवासियों से मिले 21 हजार सुझाव

उन्होंने प्रमुख रूप से राज्य सरकार के की ओर से उद्योग जगत को दी जा रही विशेष प्राथमिकता की सराहना करते हुए भूमि को कम लागत में उद्यमियों को उपलब्ध कराने, एकल खिड़की योजना को सुदृढ़ बनाने, मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के साथ पानी एवं बिजली को कम दर पर उपलब्ध कराने की बात कही. साथ ही औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों ने राज्य में आयात के विकल्प उत्पादों को बनाने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के साथ सौर एवं पवन उर्जा उत्पादनकर्ताओं को विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिए जाने की मांग की.

पढ़ें: बजट के लिए सुझाव: प्रतिनिधि ने बताई पी​ड़ा, कहा-जो पानी जानवर पी रहे, वही हम पीने को मजबूर

ये आए सुझाव: प्रतिनिधियों ने पेट्रोल, डीजल की वैट दरों में कमी की मांग के साथ सेस को समाप्त करते हुए टोल टैक्स में कमी की मांग की. उन्होंने कहा कि देश के अनेक राज्यों की तर्ज पर राज्य में भी कुछ विशेष क्षेत्रों में टैक्स फ्री जोन निर्मित किए जाएं. साथ ही औद्योगिक संगठनों ने रीको के द्वारा भूमि का आवंटन एमएसएमई को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर रियायती दरों में करवाने के साथ ओपन ई-टेंडर की प्रक्रिया को सरलीकृत करने आदि पर बल दिया.

पढ़ें: बिजली संकट जारी : ऊर्जा मंत्री ने ली बैठक, बोले- महंगे दामों पर भी नहीं मिल रही बिजली, जनप्रतिनिधियों से लिए जाएंगे सुझाव..

औद्योगिक संगठनों ने भिवाड़ी को जिला बनाने एवं उसे एनसीआर से मुक्त करने की मांग रखी. महिला उद्यमियों के संगठनों ने महिला उद्यम पार्क बनाने सहित महिला उद्यमियों के लिए बजट में विशेष रियायत की घोषणा करने के सुझाव दिए. वहीं युवा उद्यमियों के संगठन विद्यालयों में करियर काउंसलिंग सैल का गठन करने एवं एसएमएस स्टेडियम को खिलाड़ियों के लिए विशेष आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने की बात कही. उद्यमियों ने रियल एस्टेट सेक्टर के लिए वन टाइम रजिस्ट्री चार्ज वसूलने सहित माइनिंग इंडस्ट्रीज के लिए डीजल खरीद पर कर में रियायत की मांग की. उद्यमियों ने व्यापारी कल्याण बोर्ड बनाने और वेयर हाउस को इंडस्ट्री का दर्जा देने की बात भी कही. वहीं होटल और टयूरिज्म सेक्टर में टैक्स, शुल्क और लाइसेंस में छूट की मांग भी रखी.

जयपुर. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट को लेकर राज्य सरकार ने उद्यमियों से सुझाव लिए हैं. प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से प्रमुख शासन सचिव, वित्त अखिल अरोड़ा ने कहा कि आगामी बजट को अधिक समावेशी, समयानुकूल और जनकल्याणकारी बनाने की दिशा में समाज के विभिन्न वर्गो से जो सुझाव लिए जा रहें हैं. उन सभी पर गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श कर उन्हें बजट में शामिल करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे. सुझावों में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने सहित अन्य मांग (Demand of reduce VAT on petrol diesel) उठी.

बजट पूर्व संवाद: बैठक में राज्य के उद्योगों एवं व्यवसायियों को आगामी बजट में राहत प्रदान करने के लिए उनकी ओर से दिए गए सुझावों पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने संगठन में वर्तमान में आ रही समस्याओं का जिक्र करते हुए राज्य सरकार से विभिन्न पहलुओं पर वित्तीय राहत और करों की अदायगी के सरलीकरण की मांग की.

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उन्होंने प्रमुख रूप से राज्य सरकार के की ओर से उद्योग जगत को दी जा रही विशेष प्राथमिकता की सराहना करते हुए भूमि को कम लागत में उद्यमियों को उपलब्ध कराने, एकल खिड़की योजना को सुदृढ़ बनाने, मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के साथ पानी एवं बिजली को कम दर पर उपलब्ध कराने की बात कही. साथ ही औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों ने राज्य में आयात के विकल्प उत्पादों को बनाने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के साथ सौर एवं पवन उर्जा उत्पादनकर्ताओं को विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिए जाने की मांग की.

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ये आए सुझाव: प्रतिनिधियों ने पेट्रोल, डीजल की वैट दरों में कमी की मांग के साथ सेस को समाप्त करते हुए टोल टैक्स में कमी की मांग की. उन्होंने कहा कि देश के अनेक राज्यों की तर्ज पर राज्य में भी कुछ विशेष क्षेत्रों में टैक्स फ्री जोन निर्मित किए जाएं. साथ ही औद्योगिक संगठनों ने रीको के द्वारा भूमि का आवंटन एमएसएमई को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर रियायती दरों में करवाने के साथ ओपन ई-टेंडर की प्रक्रिया को सरलीकृत करने आदि पर बल दिया.

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औद्योगिक संगठनों ने भिवाड़ी को जिला बनाने एवं उसे एनसीआर से मुक्त करने की मांग रखी. महिला उद्यमियों के संगठनों ने महिला उद्यम पार्क बनाने सहित महिला उद्यमियों के लिए बजट में विशेष रियायत की घोषणा करने के सुझाव दिए. वहीं युवा उद्यमियों के संगठन विद्यालयों में करियर काउंसलिंग सैल का गठन करने एवं एसएमएस स्टेडियम को खिलाड़ियों के लिए विशेष आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने की बात कही. उद्यमियों ने रियल एस्टेट सेक्टर के लिए वन टाइम रजिस्ट्री चार्ज वसूलने सहित माइनिंग इंडस्ट्रीज के लिए डीजल खरीद पर कर में रियायत की मांग की. उद्यमियों ने व्यापारी कल्याण बोर्ड बनाने और वेयर हाउस को इंडस्ट्री का दर्जा देने की बात भी कही. वहीं होटल और टयूरिज्म सेक्टर में टैक्स, शुल्क और लाइसेंस में छूट की मांग भी रखी.

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