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विश्व किडनी दिवस पर जयपुर के चिकित्सकों ने रचा इतिहास....सफल किडनी ट्रांसप्लांट करके मरीज को दिया नया जीवन

विश्व किडनी दिवस पर जयपुर के चिकित्सकों एक मरीज को नया जीवन दिया हैं. चिकित्सकों ने विपरीत परिस्थिति में किडनी ट्रांसप्लांट किया हैं. जो कि बहुत मुश्किल माना जा रहा था.

किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर
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Published : Mar 15, 2019, 4:55 AM IST

जयपुर. विश्व किडनी दिवस पर जयपुर के चिकित्सकों ने एक मरीज का सफल विपरीत परिस्थिति में किडनी ट्रांसप्लांट करके मरीज को नया जीवन दिया हैं. ट्रांसप्लांट के बाद अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है.

दरअसल, 32 वर्षीय ब्यावर निवासी मुकेश गहलोत के 3 साल पहले पैरों में सूजन आई थी, जिसके बाद उन्हें किडनी खराब होने का पता चला. क्रॉनिक किडनी बीमारी और हिमोडायलिसिस के चलते उनका केस बहुत अधिक जटिल था. तीन साल में उन्होंने कई चिकित्सकों को दिखाया लेकिन उनके फेफड़े के एक हिस्से में भी काम करना बंद कर दिया था, जिसके चलते कोई भी अस्पताल उनका किडनी ट्रांसप्लांट करने को तैयार नहीं था.

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करीब ग्यारह महीने मुकेश अहमदाबाद के अस्पतालों में भर्ती भी रहे लेकिन ट्रांसप्लांट नहीं हो सका, जिसके बाद उन्होंने जयपुर के मणिपाल अस्पताल में दिखाया. जहां चिकित्सक किडनी ट्रांसप्लांट को तैयार हुए तो किडनी डोनर उनकी माता का वजन ज्यादा होने से दूरी दूसरी परेशानी सामने आ गई. उसके बावजूद चिकित्सकों ने सभी परेशानियों को दरकिनार करते हुए इतिहास रचा और मुकेश को नया जीवन दान दिया.

जयपुर. विश्व किडनी दिवस पर जयपुर के चिकित्सकों ने एक मरीज का सफल विपरीत परिस्थिति में किडनी ट्रांसप्लांट करके मरीज को नया जीवन दिया हैं. ट्रांसप्लांट के बाद अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है.

दरअसल, 32 वर्षीय ब्यावर निवासी मुकेश गहलोत के 3 साल पहले पैरों में सूजन आई थी, जिसके बाद उन्हें किडनी खराब होने का पता चला. क्रॉनिक किडनी बीमारी और हिमोडायलिसिस के चलते उनका केस बहुत अधिक जटिल था. तीन साल में उन्होंने कई चिकित्सकों को दिखाया लेकिन उनके फेफड़े के एक हिस्से में भी काम करना बंद कर दिया था, जिसके चलते कोई भी अस्पताल उनका किडनी ट्रांसप्लांट करने को तैयार नहीं था.

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करीब ग्यारह महीने मुकेश अहमदाबाद के अस्पतालों में भर्ती भी रहे लेकिन ट्रांसप्लांट नहीं हो सका, जिसके बाद उन्होंने जयपुर के मणिपाल अस्पताल में दिखाया. जहां चिकित्सक किडनी ट्रांसप्लांट को तैयार हुए तो किडनी डोनर उनकी माता का वजन ज्यादा होने से दूरी दूसरी परेशानी सामने आ गई. उसके बावजूद चिकित्सकों ने सभी परेशानियों को दरकिनार करते हुए इतिहास रचा और मुकेश को नया जीवन दान दिया.

Intro:जयपुर- विश्व किडनी दिवस पर जयपुर के चिकित्सकों ने फिर रचा इतिहास। ब्यावर के रहने वाले 32 साल के मुकेश के फेफड़ों का एक हिस्सा काम करना बंद कर दिया उसके बावजूद मरीज का सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया गया, जो अब पूर्ण रूप से स्वस्थ भी है।


Body:32 साल के ब्यावर निवासी मुकेश गहलोत के 3 साल पहले पैरों में सूजन आई थी जिसके बाद उन्हें किडनी खराब होने का पता चला। क्रॉनिक किडनी बीमारी और हिमोडायलिसिस के चलते उनका केस बहुत अधिक जटिल था। तीन साल में उन्होंने कई चिकित्सकों को दिखाया लेकिन उनके फेफड़े के एक हिस्से में भी काम करना बंद कर दिया था। जिसके चलते कोई भी अस्पताल उनका किडनी ट्रांसप्लांट करने को तैयार नहीं था। करीब ग्यारह महीने मुकेश अहमदाबाद के अस्पतालों में भर्ती भी रहे लेकिन ट्रांसप्लांट नहीं हो सका, जिसके बाद उन्होंने जयपुर के मणिपाल अस्पताल में दिखाया। जहां चिकित्सक किडनी ट्रांसप्लांट को तैयार हुए तो किडनी डोनर उनकी माता का वजन ज्यादा होने से दूरी दूसरी परेशानी सामने आ गई उसके बावजूद चिकित्सकों ने सभी परेशानियों को दरकिनार करते हुए इतिहास रचा और मुकेश को नया जीवन दान दिया।


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