जयपुर. महारानी कॉलेज के छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन के दौरान चले लात-घूंसों के मामले में महारानी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष मानसी वर्मा ने बयान सार्वजनिक किया है. मानसी ने कहा है कि उन्होंने न तो यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष को बुलाया था और न ही महासचिव को. दोनों अपनी मर्जी से आए और कार्यक्रम की गरिमा को ठेस पहुंचाया. साथ ही छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाया.
महारानी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष मानसी वर्मा ने कहा कि सोमवार को महारानी महाविद्यालय छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन था. उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न होने जा रहा था. सभी अतिथियों ने भी लगभग भाषण दे दिया था. इसी बीच राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष और महासचिव कार्यक्रम में घुस आए. जबकि कार्यक्रम में केवल पास धारक छात्रों की एंट्री थी. उस वक्त केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे. उन्हीं के सामने मारपीट और गुंडागर्दी की गई और कार्यक्रम को असफल बनाया.
उन्होंने बताया कि अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने कार्यक्रम में आने का आमंत्रण न तो अध्यक्ष को दिया था न महासचिव को. ये दोनों ही अपनी मर्जी से कार्यक्रम में आए और कार्यक्रम की गरिमा को ठेस पहुंचाई. मानसी वर्मा ने कार्यक्रम की विफलता का दोष राज्य सरकार की लचर कानून व्यवस्था को दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि जब महिला महाविद्यालय में ही इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, तो छात्राएं कहां सुरक्षित हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण, सुरक्षा और सम्मान की बात करती है. दूसरी ओर प्रदेश के सबसे बड़े महिला महाविद्यालय महारानी कॉलेज में इस तरह की घटना घटित हुई. इससे छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. कब तक छात्राएं अत्याचार सहती रहेंगी. उन्होंने राजस्थान सरकार की लचर कानून व्यवस्था की निंदा करते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन मौन है. छात्रों की सुरक्षा को लेकर शून्य है. उन्होंने अपने कार्यक्रम की असफलता का दोष कानून व्यवस्था, विश्वविद्यालय प्रशासन और राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ को दिया. साथ ही उन्होंने सोमवार की घटना पर कॉलेज की छोटी बहनों से भी क्षमा मांगी.
ये था मामला : सोमवार को महारानी कॉलेज छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन कार्यक्रम समापन की ओर था. इसी दौरान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी अपने समर्थकों के साथ मंच पर चढ़ गए. तभी पीछे से महासचिव अरविंद जाजड़ा ने निर्मल को थप्पड़ जड़ दिया और मंच से नीचे धकेल दिया. इसके बाद मंच पर ही दोनों पक्षों के समर्थकों में भी मारपीट शुरू हो गई. ये पूरा वाकया केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के सामने हुआ.