जयपुर. मारपीट के बाद आक्रोशित रेसिडेंट्स डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की ओपीडी के बहार मरीजों की लंबी कतारें लगने लगीं. मरीज इलाज के लिए परेशान होते रहे, लेकिन डॉक्टर अपनी मांग मनवाने पर अड़े रहे. उन्होंने मांग की थी कि अस्पताल में पर्याप्त संख्या में गार्ड लगाए जाएं, अस्पताल में पुलिस चौकी लगाई जाए, साथ ही मेडिकल प्रोटेक्शन के तहत दोषियों पर कार्रवाई की जाए.
वहीं, उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तब तक हड़ताल जारी रहेगी. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रेखा सिंह ने कहा कि रेसिडेंट्स डॉक्टर की हड़ताल से ओपीडी में सीनियर डॉक्टर को ड्यूटी पर लगाया गया है. हालांकि, रेसिडेंट्स डॉक्टर को काम पर लौटने को लेकर समझाइश की जा रही है. रेखा सिंह ने कहा कि रेजिडेंट्स डॉक्टर को पूरी सुरक्षा दी जाएगी. सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए तत्काल आदेश कर दिए गए हैं. पुलिस चौकी को लेकर पूर्व सरकार के बजट में भी घोषणा हुई थी, लेकिन बजट नहीं मिलने से चौकी नहीं बनी. उन्होंने कहा कि जैसे ही बजट सैंक्शन हो जाता है तो पुलिस चौकी बनवाई जाएगी.
रेसिडेंट्स डॉक्टर की इन मांगों पर बनी सहमति...
- जब तक स्थायी पुलिस चौकी नहीं होती है तब तक अस्थायी पुलिस चौकी में दो पुलिसकर्मियों को नियमित रूप से लगाया जाएं
- अस्पताल के विभिन्न जगहों पर 36 गार्डों की तैनाती की मांग
- इमरजेंसी में सुबह 2, शाम को 3 और रात को 4 गार्ड और लेबर रूम में सुबह 3, शाम को 3 और रात को 3 गार्डों की ड्यूटी लगाई जाए. साथ ही आईसीयू और वार्ड में आवश्यकतानुसार गार्ड लगाए जाएं
- इमरजेंसी और लेबर रूम के प्रवेश द्वार पर कैमरे चालू किये जाएं और अन्य जगहों पर भी आवश्यकतानुसार कैमरे लगाए जाएं. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
- इमरजेंसी का पर्ची काउंटर इमरजेंसी के बाहर सीएमओ रूम की खिड़की काटकर चालू किया जाए
ये था पूरा मामला...
रविवार रात कुछ युवक मोहित नामक एक युवक को अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर आए. जहां उसकी ईसीजी की गई और चिकित्सकों ने उसे तमाम जांचों के बाद मृत घोषित कर दिया. युवक की मौत की सूचना मिलते ही उसके साथी उखड़ गए और वहां मौजूद चिकित्सकों से उसे जिंदा करने की जिद करने लगे. चिकित्सकों ने उन्हें समझाया, लेकिन वह नहीं माने और बिना पोस्टमार्टम कराए शव को ले जाने लगे. इसी दौरान अन्य चिकित्सकों की उन युवकों से कहासुनी हो गई और वे वहां से चले गए.