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जयपुरिया अस्पताल में रेसिडेंट्स डॉक्टर की हड़ताल समाप्त, इन मांगों पर बनी सहमति

राजधानी जयपुर के जयपुरिया अस्पताल में रेसिडेंट्स डॉक्टर ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है. रविवार रात को अस्पताल में रेसिडेंट्स डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के बात भड़के डॉक्टरों ने सोमवार सुबह से ही काम का बहिष्कार कर दिया था और हड़ताल पर चले गए थे. लेकिन उनकी कुछ मांगों पर सहमति बनने के बाद ये हड़ताल समाप्त हो गई है.

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Published : Jul 15, 2019, 11:38 PM IST

जयपुरिया अस्पताल में रेसिडेंट्स डॉक्टर की हड़ताल समाप्त

जयपुर. मारपीट के बाद आक्रोशित रेसिडेंट्स डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की ओपीडी के बहार मरीजों की लंबी कतारें लगने लगीं. मरीज इलाज के लिए परेशान होते रहे, लेकिन डॉक्टर अपनी मांग मनवाने पर अड़े रहे. उन्होंने मांग की थी कि अस्पताल में पर्याप्त संख्या में गार्ड लगाए जाएं, अस्पताल में पुलिस चौकी लगाई जाए, साथ ही मेडिकल प्रोटेक्शन के तहत दोषियों पर कार्रवाई की जाए.

जयपुरिया अस्पताल में रेसिडेंट्स डॉक्टर की हड़ताल समाप्त

वहीं, उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तब तक हड़ताल जारी रहेगी. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रेखा सिंह ने कहा कि रेसिडेंट्स डॉक्टर की हड़ताल से ओपीडी में सीनियर डॉक्टर को ड्यूटी पर लगाया गया है. हालांकि, रेसिडेंट्स डॉक्टर को काम पर लौटने को लेकर समझाइश की जा रही है. रेखा सिंह ने कहा कि रेजिडेंट्स डॉक्टर को पूरी सुरक्षा दी जाएगी. सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए तत्काल आदेश कर दिए गए हैं. पुलिस चौकी को लेकर पूर्व सरकार के बजट में भी घोषणा हुई थी, लेकिन बजट नहीं मिलने से चौकी नहीं बनी. उन्होंने कहा कि जैसे ही बजट सैंक्शन हो जाता है तो पुलिस चौकी बनवाई जाएगी.

रेसिडेंट्स डॉक्टर की इन मांगों पर बनी सहमति...

  • जब तक स्थायी पुलिस चौकी नहीं होती है तब तक अस्थायी पुलिस चौकी में दो पुलिसकर्मियों को नियमित रूप से लगाया जाएं
  • अस्पताल के विभिन्न जगहों पर 36 गार्डों की तैनाती की मांग
  • इमरजेंसी में सुबह 2, शाम को 3 और रात को 4 गार्ड और लेबर रूम में सुबह 3, शाम को 3 और रात को 3 गार्डों की ड्यूटी लगाई जाए. साथ ही आईसीयू और वार्ड में आवश्यकतानुसार गार्ड लगाए जाएं
  • इमरजेंसी और लेबर रूम के प्रवेश द्वार पर कैमरे चालू किये जाएं और अन्य जगहों पर भी आवश्यकतानुसार कैमरे लगाए जाएं. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
  • इमरजेंसी का पर्ची काउंटर इमरजेंसी के बाहर सीएमओ रूम की खिड़की काटकर चालू किया जाए

ये था पूरा मामला...
रविवार रात कुछ युवक मोहित नामक एक युवक को अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर आए. जहां उसकी ईसीजी की गई और चिकित्सकों ने उसे तमाम जांचों के बाद मृत घोषित कर दिया. युवक की मौत की सूचना मिलते ही उसके साथी उखड़ गए और वहां मौजूद चिकित्सकों से उसे जिंदा करने की जिद करने लगे. चिकित्सकों ने उन्हें समझाया, लेकिन वह नहीं माने और बिना पोस्टमार्टम कराए शव को ले जाने लगे. इसी दौरान अन्य चिकित्सकों की उन युवकों से कहासुनी हो गई और वे वहां से चले गए.

जयपुर. मारपीट के बाद आक्रोशित रेसिडेंट्स डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की ओपीडी के बहार मरीजों की लंबी कतारें लगने लगीं. मरीज इलाज के लिए परेशान होते रहे, लेकिन डॉक्टर अपनी मांग मनवाने पर अड़े रहे. उन्होंने मांग की थी कि अस्पताल में पर्याप्त संख्या में गार्ड लगाए जाएं, अस्पताल में पुलिस चौकी लगाई जाए, साथ ही मेडिकल प्रोटेक्शन के तहत दोषियों पर कार्रवाई की जाए.

जयपुरिया अस्पताल में रेसिडेंट्स डॉक्टर की हड़ताल समाप्त

वहीं, उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तब तक हड़ताल जारी रहेगी. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रेखा सिंह ने कहा कि रेसिडेंट्स डॉक्टर की हड़ताल से ओपीडी में सीनियर डॉक्टर को ड्यूटी पर लगाया गया है. हालांकि, रेसिडेंट्स डॉक्टर को काम पर लौटने को लेकर समझाइश की जा रही है. रेखा सिंह ने कहा कि रेजिडेंट्स डॉक्टर को पूरी सुरक्षा दी जाएगी. सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए तत्काल आदेश कर दिए गए हैं. पुलिस चौकी को लेकर पूर्व सरकार के बजट में भी घोषणा हुई थी, लेकिन बजट नहीं मिलने से चौकी नहीं बनी. उन्होंने कहा कि जैसे ही बजट सैंक्शन हो जाता है तो पुलिस चौकी बनवाई जाएगी.

रेसिडेंट्स डॉक्टर की इन मांगों पर बनी सहमति...

  • जब तक स्थायी पुलिस चौकी नहीं होती है तब तक अस्थायी पुलिस चौकी में दो पुलिसकर्मियों को नियमित रूप से लगाया जाएं
  • अस्पताल के विभिन्न जगहों पर 36 गार्डों की तैनाती की मांग
  • इमरजेंसी में सुबह 2, शाम को 3 और रात को 4 गार्ड और लेबर रूम में सुबह 3, शाम को 3 और रात को 3 गार्डों की ड्यूटी लगाई जाए. साथ ही आईसीयू और वार्ड में आवश्यकतानुसार गार्ड लगाए जाएं
  • इमरजेंसी और लेबर रूम के प्रवेश द्वार पर कैमरे चालू किये जाएं और अन्य जगहों पर भी आवश्यकतानुसार कैमरे लगाए जाएं. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
  • इमरजेंसी का पर्ची काउंटर इमरजेंसी के बाहर सीएमओ रूम की खिड़की काटकर चालू किया जाए

ये था पूरा मामला...
रविवार रात कुछ युवक मोहित नामक एक युवक को अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर आए. जहां उसकी ईसीजी की गई और चिकित्सकों ने उसे तमाम जांचों के बाद मृत घोषित कर दिया. युवक की मौत की सूचना मिलते ही उसके साथी उखड़ गए और वहां मौजूद चिकित्सकों से उसे जिंदा करने की जिद करने लगे. चिकित्सकों ने उन्हें समझाया, लेकिन वह नहीं माने और बिना पोस्टमार्टम कराए शव को ले जाने लगे. इसी दौरान अन्य चिकित्सकों की उन युवकों से कहासुनी हो गई और वे वहां से चले गए.

Intro:जयपुर- राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में भी पश्चिम बंगाल जैसे हालात बन गए है। पश्चिम बंगाल के नीलरतन अस्पताल में हुई घटना के महज एक महीने बाद प्रदेश की राजधानी जयपुर के स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से जुड़े जयपुरिया अस्पताल की इमरजेंसी में बीती रात ऐसी ही बानगी देखने को मिली। बीती रात जयपुरिया अस्पताल की इमरजेंसी में एक युवक की मौत के बाद करीब 50 युवकों ने अस्पताल की इमरजेंसी पर धावा बोल दिया और वहां तैनात रेजिडेंट और नर्सिंग स्टाफ के साथ मारपीट की घटना से आक्रोशित रेजिडेंस ने सुबह अस्पताल में काम बंद कर दिया और सुरक्षा की मांग करने लगे। हालांकि घटना के वक्त मौके पर पहुंची पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना के विरोध में अस्पताल के रेजिडेंट हड़ताल पर चले गए है।


Body:घटना के बाद आक्रोशित रेजिडेंट्स ने आज सुबह से ही काम का बहिष्कार कर दिया और हड़ताल पर चले गए। रेसिडेंट्स के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की ओपीडी के बहार मरीजों की लंबी कतारें लगने लगी। मरीज इलाज के लिए परेशान होते है लेकिन रेसिडेंट्स अपनी मांग मनवाने पर अड़े रहे।

रेसिडेंट्स ने मांग की है कि अस्पताल में पर्यापत संख्या में गार्ड लगाए जाए, अस्पताल में पुलिस चौकी लगाई जाए साथ ही मेडिकल प्रोटेक्शन के तहत दोषियों पर कार्यवाही की जाने की मंग रखी है। रेसिडेंट्स ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

अस्पताल के अधीक्षक डॉ रेखा सिंह ने कहा की रेसिडेंट्स की हड़ताल से ओपीडी में सीनियर डॉक्टर्स को ड्यूटी पर लगाया गया है। हालांकि रेसिडेंट्स को काम पर लौटने को लेकर समझाइश की जा रही है। रेखा सिंह ने कहा कि रेजिडेंट को पूरी सुरक्षा दी जाएगी। सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए तत्काल आदेश कर दिए गए है। पुलिस चौकी को लेकर पूर्व सरकार के बजट में भी घोषणा हुई थी लेकिन बजट नहीं मिलने से चौकी बनी नही। जैसे ही बजट सैंक्शन हो जाता है तो पुलिस चौकी बनवाई जाएगी।

ये था मामला
कल देर रात एक बजे कुछ युवक मोहित नाम के एक युवक को अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर आए। जहां उसकी ईसीजी की गई और चिकित्सकों ने उसे तमाम जांचों के बाद मृत घोषित कर दिया। युवक की मौत की सूचना मिलते ही उसके साथी उखड़ गए और वहां मौजूद चिकित्सकों से उसे जिंदा करने की जिद करने लगी। चिकित्सकों ने उन्हें समझाया लेकिन वह नहीं माने और कुछ बात भी बिना पोस्टमार्टम कराए शव को ले जाने लगी इसी दौरान अन्य चिकित्सकों ने उन युवकों की कहासुनी हो गई और वे वहां से चले।

बाईट- पंकज सैनी, रेसिडेंट्स
बाईट- रेखा सिंह, अधीक्षक, जयपुरिया अस्पताल


Conclusion:
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