जयपुर. थानागाजी में दुष्कर्म पीड़िता और टोंक जिले में पुलिस कार्रवाई के दौरान मौत के मामलों में सरकारी नौकरी देने की घोषणा पर राज्य मानवाधिकार आयोग के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
गुलाबचंद कटारिया के अनुसार प्रदेश सरकार ने अपराधों को नौकरी के साथ जोड़ने की नई परिपाटी शुरू की है. यदि वह केवल दबाव के कारण शुरू हुई है तो यह उचित नहीं है. कटारिया के अनुसार या तो सरकार इस संबंध में कोई एक नीति बना दें. जिसमें दुष्कर्म पीड़िता को किसी ना किसी सरकारी नौकरी से जोड़ने का नियम हो ताकि इस प्रकार के प्रकरणों में सभी पीड़ितों को उसका समान रूप से लाभ मिल सकें, लेकिन यदि कोई आंदोलन कर रहा है और उसको दबाने के लिए सरकार द्वारा नौकरी दी जाती है तो वह सही नहीं हैं.
कटारिया के अनुसार हर अपराध के बाद होने वाले आंदोलन पर नौकरी की घोषणा से इस प्रकार के मामलों में आंदोलन की घटनाएं बढ़ेगी. इसलिए सरकार को इस मामले में एक स्पष्ट नीति बनाना चाहिए. आपको बता दें कि इससे पहले राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी इन दोनों ही प्रकरणों में मुख्य सचिव से जानकारी मांगी थी कि सरकार आखिर किस नियम के तहत यह नौकरी पीड़ितों को दे रही है. यदि कोई नियम या नीति है तो उससे आयोग को अवगत कराएं. अब अपने बयान से गुलाब चंद कटारिया ने भी आयोग के उठाए सवाल का समर्थन किया है.