जयपुर. देश में पांचवे चरण और प्रदेश में दूसरे चरण के मतदान को लेकर अब सिर्फ 2 दिन शेष है. प्रदेश में होने वाले 12 सीटों के महामुकाबले को लेकर निर्वाचन विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली, लेकिन शांतिपूर्ण मतदान विभाग के लिए चुनौती है, क्योंकि इन 12 लोकसभा सीटों में से 6 लोकसभा सीटें संवेदनशील है.
इन सभी संवेदनशील केंद्रों पर किसी भी तरह की कोई बूथ कैपचरिंग या अन्य गड़बड़ी नहीं हो, इसको लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने एडीजी कानून-व्यवस्था एमएल लाठर, संभागीय आयुक्त और पुलिस अधीक्षकों के साथ में विशेष प्लान तैयार किया है, ताकि पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी शांतिपूर्ण मतदान हो सके. दूसरे चरण में कुल 134 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा.
63 हजार पुलिस बल संभालेंगे मोर्चा
बता दें कि इस चरण में 23,783 केंद्र है जिसमें से दूसरे चरण में पहले चरण से 1470 ज्यादा मतदान केंद्र संवेदनशील है. दूसरे चरण में 99 विधानसभा क्षेत्रों के 23,783 मतदान केंद्रों की सुरक्षा के इंतजाम के लिए कुल 63 हजार पुलिस बल की तैनाती की गई है. इसके अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 150 कंपनियों की कुल 11 हजार 250 जवान तैनात किए गए.
सबसे ज्यादा संवेदनशील केंद्र दौसा में
12 लोकसभा सीटों के लिए कुल 134 उम्मीदवार मैदान में है, जिनमें कांग्रेस के 12, भारतीय जनता पार्टी 11, बसपा के 10, सीपीआई से 1, सीपीआईएम से 3, अन्य दल से 29, और 68 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. इसमें से 118 पुरुष और 16 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे है. मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो इसके लिए 95 हजार 132 कर्मचारी जिम्मेदारी संभालेंगे. इन सीटों के लिए 6 पुलिस अधीक्षक नियुक्त किए गए हैं. निर्वाचन विभाग दौसा , करौली-धौलपुर, अलवर, भरतपुर, नागौर, जयपुर ग्रामीण इन 6 सीटों को संवेदनशील मान रहा है जिनमें सबसे ज्यादा दौसा में 190, करौली-धौलपुर 126, अलवर में 178, जयपुर ग्रामीण में 141, भरतपुर में 121 मतदान केंद्र संवेदनशील माने गए है. इनके ऊपर वेबकास्टिंग के जरिए नजर रखी जाएगी. साथ ही इन सभी लोकसभा सीटों के अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया है.