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संजीवनी को लेकर गहलोत बहा रहे घड़ियाली आंसू, ईआरसीपी को लेकर कर रहे राजनीतिः गजेंद्र सिंह शेखावत

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत के आरोपों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि संजीवनी घोटाले पर गहलोत घड़ियाली आसूं बहा रहे हैं. तो ईआरसीपी पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.

Shekhawat hits back at CM on ERCP project, says he is doing politics on the issue
संजीवनी को लेकर गहलोत बहा रहे घड़ियाली आंसू, ईआरसीपी को लेकर कर रहे राजनीतिः गजेंद्र सिंह शेखावत
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Published : May 22, 2023, 8:38 PM IST

Updated : May 22, 2023, 10:46 PM IST

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

जयपुर. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में उनको अभियुक्त बताने पर पलटवार करते हुए गजेंद्र सिंह ने कहा कि संजीवनी को लेकर गहलोत घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. वहीं सीएम की ओर से हर मंच से ईआरसीपी का मुद्दा छेड़ने पर शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत 13 जिलों के सूखे कंठों के साथ राजनीति कर रहे हैं.

शेखावत ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ईआरसीपी पर केवल राजनीति कर रहे हैं. यदि ये सरकार संशोधित डीपीआर बनाकर दे, तो केन्द्र सरकार इसे एक महीने के अंदर राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर काम शुरू करवा सकती है. लेकिन सीएम गहलोत लेटलतीफी कर रहे हैं. गहलोत सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया. इसकी संशोधित डीपीआर नहीं भेजी और अन्य कानूनी औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की. अब इसे राजनीति की फुटबॉल बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि गहलोत 13 जिलों के लाखों सूखे कंठों के साथ राजनीति कर रहे हैं.

पढ़ेंः Rajasthan Politics : मुख्यमंत्री के बयान पर गजेंद्र सिंह का पलटवार, कहा- सीएम सबसे ज्यादा मुझे ही सीरियसली ले रहे हैं

उन्होंने कहा कि 13 जिलों को नदी से जोड़ने के लिए रिवर लिंक परियोजना की प्राथमिकता में इसे शामिल करवाया है. ये परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने से ज्यादा सस्ती है. इसमें 90 प्रतिशत पैसा केन्द्र और 10 प्रतिशत राज्य सरकार को वहन करना होगा. लेकिन राज्य सरकार ये राशि भी नहीं दे रही है. ईआरसीपी 44 हजार करोड़ की है, जबकि रिवर लिंक 22 हजार करोड़ की ही है.

वहीं योजना भवन के अलमारी से मिले करोड़ों रुपए और 1 किलो सोने के मामले में एक स्टोर कीपर के सामने आने पर गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान के साढ़े 7 करोड़ जनता का सवाल ये है कि वो स्टोरकीपर किसके धन को स्टोर कीपिंग कर रहा था, कितना धन वहां से बरामद किया गया, बहुत सारे प्रश्न राजस्थान की जनता के दिमाग में घूम रहे हैं. शेखावत ने कहा कि अब तक अधिकारी और नेताओं की तिजोरी से कैश और सोना मिलता था, अब तो सचिवालय और सरकारी कार्यालयों से इस तरह सोना और नकदी मिलने लगा है. ये जो कैश सीज हुआ है, इस घटना की भी यदि व्यापक जांच होगी तो कई काले कौए इसमें नजर आएंगे.

पढ़ेंः राजस्थान में जी-पे का मतलब गहलोत पे, इस सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी-गजेंद्र शेखावत

वहीं सीएम की ओर से संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले को लेकर उन पर लगाए जा रहे आरोप पर पलटवार करते हुए शेखावत ने कहा कि ये एकमात्र उनके लिए संजीवनी जैसा है. उन्होंने एक प्रश्न सीएम से पूछा कि 2019 में जब संजीवनी के इन्वेस्टर्स उन्हें पहली बार मिले थे, तब सीएम ने कहा था कि मुझसे पूछ कर निवेश किया था क्या और अब वो कहते हैं कि संजीवनी के लोग जब उनके सामने आते हैं, तो उनके आंसू आ जाते हैं. लेकिन ये एकमात्र ऐसी सोसाइटी नहीं है. राजस्थान में सबसे बड़ी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी थी. जिसमें 20 लाख लोगों के 14000 करोड़ का घोटाला हुआ.

उन्होंने सवाल किया कि सीएम को कभी उनके आंसू दिखाई नहीं देते. उन्होंने स्पष्ट किया कि संसद में पारित कानून के अनुसार यदि मामला एक से ज्यादा राज्यों से जुड़ा हुआ है, तो उसकी जांच केवल सीबीआई के जरिए ही हो सकती है. सीबीआई जांच के लिए मध्यप्रदेश और गुजरात तैयार हैं, लेकिन राजस्थान सरकार प्रतिरोध कर रही है. ऐसे में जब जांच पूरी हो जाएगी और न्यायालय इसका विचारण करेगा, तब सक्षम एजेंसी की ओर से जांच नहीं करने के चलते यदि अभियुक्त छूट जाएंगे, तो अभियुक्तों को बचाने और निवेशकों को डुबाने का षड्यंत्र करने की जिम्मेदारी अशोक गहलोत और उनकी सरकार होगी.

वहीं राजधानी के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में हिंदुओं के पलायन से जुड़े पोस्टर विवाद को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान में वर्तमान सरकार ने अपने वोट बैंक के लालच में तुष्टीकरण किया है. ये केवल एक किशनपोल विधानसभा क्षेत्र की घटना नहीं, बल्कि राजस्थान के अनेक शहर, कस्बे और मोहल्लों में इस तरह की परिस्थितियां हैं. तुष्टीकरण की नीति के कारण ही करौली से दंगों की आग फैलकर भीलवाड़ा होते हुए जोधपुर पहुंचती है. इस तरह राजस्थान के सामाजिक ताने-बाने को बिगड़ने का काम किया गया है और उसके जिम्मेदार अशोक गहलोत और उनकी सरकार है.

पढ़ेंः महंगाई राहत शिविर के नाम पर जनता को ठग रही है गहलोत सरकार- शेखावत

वहीं प्रदेश में गहलोत और पायलट की खींचतान पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान में वर्तमान सरकार के पास सिर्फ एक मुद्दा है, वो है कुर्सी बचाने का. उनके आपसी सत्ता के संघर्ष, कुर्सी पर बैठने की खेल के चलते हैं. जिस तरह के हालात हैं उस पर यदि वो बयान दें तो उसे राजनीति से प्रेरित टिप्पणी कहेंगे. लेकिन जब सत्ता में बैठे हुए लोग, उनके विधायक सदन में अपने ही सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार से लेकर तुष्टिकरण तक के आरोप लगाते हैं, उनकी सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त व्यक्ति सरकार में मंत्री को भ्रष्ट होने की चुनौती देकर ललकारते हैं, मंत्री हजारों लोगों की उपस्थिति में मंच से भाषण देते हैं कि वर्तमान सरकार लोकतांत्रिक राजस्थान की सबसे भ्रष्ट सरकार है. तो लगता है कि उन्हें अपने मुद्दे दिखाई नहीं देते. केवल उनके पास एक मुद्दा है, वो है सत्ता की कुर्सी पर किस तरह से चिपके रहना और उसकी वजह से राजस्थान की जनता आज खून के आंसू रो रही है.

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

जयपुर. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में उनको अभियुक्त बताने पर पलटवार करते हुए गजेंद्र सिंह ने कहा कि संजीवनी को लेकर गहलोत घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. वहीं सीएम की ओर से हर मंच से ईआरसीपी का मुद्दा छेड़ने पर शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत 13 जिलों के सूखे कंठों के साथ राजनीति कर रहे हैं.

शेखावत ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ईआरसीपी पर केवल राजनीति कर रहे हैं. यदि ये सरकार संशोधित डीपीआर बनाकर दे, तो केन्द्र सरकार इसे एक महीने के अंदर राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर काम शुरू करवा सकती है. लेकिन सीएम गहलोत लेटलतीफी कर रहे हैं. गहलोत सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया. इसकी संशोधित डीपीआर नहीं भेजी और अन्य कानूनी औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की. अब इसे राजनीति की फुटबॉल बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि गहलोत 13 जिलों के लाखों सूखे कंठों के साथ राजनीति कर रहे हैं.

पढ़ेंः Rajasthan Politics : मुख्यमंत्री के बयान पर गजेंद्र सिंह का पलटवार, कहा- सीएम सबसे ज्यादा मुझे ही सीरियसली ले रहे हैं

उन्होंने कहा कि 13 जिलों को नदी से जोड़ने के लिए रिवर लिंक परियोजना की प्राथमिकता में इसे शामिल करवाया है. ये परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने से ज्यादा सस्ती है. इसमें 90 प्रतिशत पैसा केन्द्र और 10 प्रतिशत राज्य सरकार को वहन करना होगा. लेकिन राज्य सरकार ये राशि भी नहीं दे रही है. ईआरसीपी 44 हजार करोड़ की है, जबकि रिवर लिंक 22 हजार करोड़ की ही है.

वहीं योजना भवन के अलमारी से मिले करोड़ों रुपए और 1 किलो सोने के मामले में एक स्टोर कीपर के सामने आने पर गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान के साढ़े 7 करोड़ जनता का सवाल ये है कि वो स्टोरकीपर किसके धन को स्टोर कीपिंग कर रहा था, कितना धन वहां से बरामद किया गया, बहुत सारे प्रश्न राजस्थान की जनता के दिमाग में घूम रहे हैं. शेखावत ने कहा कि अब तक अधिकारी और नेताओं की तिजोरी से कैश और सोना मिलता था, अब तो सचिवालय और सरकारी कार्यालयों से इस तरह सोना और नकदी मिलने लगा है. ये जो कैश सीज हुआ है, इस घटना की भी यदि व्यापक जांच होगी तो कई काले कौए इसमें नजर आएंगे.

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वहीं सीएम की ओर से संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले को लेकर उन पर लगाए जा रहे आरोप पर पलटवार करते हुए शेखावत ने कहा कि ये एकमात्र उनके लिए संजीवनी जैसा है. उन्होंने एक प्रश्न सीएम से पूछा कि 2019 में जब संजीवनी के इन्वेस्टर्स उन्हें पहली बार मिले थे, तब सीएम ने कहा था कि मुझसे पूछ कर निवेश किया था क्या और अब वो कहते हैं कि संजीवनी के लोग जब उनके सामने आते हैं, तो उनके आंसू आ जाते हैं. लेकिन ये एकमात्र ऐसी सोसाइटी नहीं है. राजस्थान में सबसे बड़ी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी थी. जिसमें 20 लाख लोगों के 14000 करोड़ का घोटाला हुआ.

उन्होंने सवाल किया कि सीएम को कभी उनके आंसू दिखाई नहीं देते. उन्होंने स्पष्ट किया कि संसद में पारित कानून के अनुसार यदि मामला एक से ज्यादा राज्यों से जुड़ा हुआ है, तो उसकी जांच केवल सीबीआई के जरिए ही हो सकती है. सीबीआई जांच के लिए मध्यप्रदेश और गुजरात तैयार हैं, लेकिन राजस्थान सरकार प्रतिरोध कर रही है. ऐसे में जब जांच पूरी हो जाएगी और न्यायालय इसका विचारण करेगा, तब सक्षम एजेंसी की ओर से जांच नहीं करने के चलते यदि अभियुक्त छूट जाएंगे, तो अभियुक्तों को बचाने और निवेशकों को डुबाने का षड्यंत्र करने की जिम्मेदारी अशोक गहलोत और उनकी सरकार होगी.

वहीं राजधानी के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में हिंदुओं के पलायन से जुड़े पोस्टर विवाद को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान में वर्तमान सरकार ने अपने वोट बैंक के लालच में तुष्टीकरण किया है. ये केवल एक किशनपोल विधानसभा क्षेत्र की घटना नहीं, बल्कि राजस्थान के अनेक शहर, कस्बे और मोहल्लों में इस तरह की परिस्थितियां हैं. तुष्टीकरण की नीति के कारण ही करौली से दंगों की आग फैलकर भीलवाड़ा होते हुए जोधपुर पहुंचती है. इस तरह राजस्थान के सामाजिक ताने-बाने को बिगड़ने का काम किया गया है और उसके जिम्मेदार अशोक गहलोत और उनकी सरकार है.

पढ़ेंः महंगाई राहत शिविर के नाम पर जनता को ठग रही है गहलोत सरकार- शेखावत

वहीं प्रदेश में गहलोत और पायलट की खींचतान पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान में वर्तमान सरकार के पास सिर्फ एक मुद्दा है, वो है कुर्सी बचाने का. उनके आपसी सत्ता के संघर्ष, कुर्सी पर बैठने की खेल के चलते हैं. जिस तरह के हालात हैं उस पर यदि वो बयान दें तो उसे राजनीति से प्रेरित टिप्पणी कहेंगे. लेकिन जब सत्ता में बैठे हुए लोग, उनके विधायक सदन में अपने ही सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार से लेकर तुष्टिकरण तक के आरोप लगाते हैं, उनकी सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त व्यक्ति सरकार में मंत्री को भ्रष्ट होने की चुनौती देकर ललकारते हैं, मंत्री हजारों लोगों की उपस्थिति में मंच से भाषण देते हैं कि वर्तमान सरकार लोकतांत्रिक राजस्थान की सबसे भ्रष्ट सरकार है. तो लगता है कि उन्हें अपने मुद्दे दिखाई नहीं देते. केवल उनके पास एक मुद्दा है, वो है सत्ता की कुर्सी पर किस तरह से चिपके रहना और उसकी वजह से राजस्थान की जनता आज खून के आंसू रो रही है.

Last Updated : May 22, 2023, 10:46 PM IST
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