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जयपुरः मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत संगोष्ठी का आयोजन

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Published : Feb 20, 2020, 5:39 PM IST

जोधपुर की पंचायत समिति पावटा में कृषि विभाग द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किए गए. कार्यक्रम के अंतर्गत पावटा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को योजना के बारे में अधिक जानकारी और जैविक खेती से होने वाले स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में बताया गया.

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मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना

विराटनगर (जयपुर). राजधानी में विराटनगर के पंचायत समिति पावटा क्षेत्र में कृषि विभाग द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के अंतर्गत पावटा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को योजना के बारे में अधिक जानकारी और जैविक खेती से होने वाले स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में बताया गया है.

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत संगोष्ठी का आयोजन

इस दौरान बताया गया कि जैविक खेती से शरीर में उचित पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है. घातक रासायनिक खाद के उपयोग से शरीर में विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव उत्पन्न होती है. किसानों के शरीरों में भी दुष्प्रभाव होते हैं. कार्यक्रम में सहायक कृषि अधिकारी रमेश चंद भारद्वाज ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में और मृदा नमूना लेने का तरीका बताया.

पढ़ेंः बजट 2020: शिक्षा विभाग का 85 प्रतिशत बजट वेतन भत्ते में, स्कूलों के विकास के लिए सिर्फ 5 करोड़ का ही Budget

कृषि पर्यवेक्षक सुरेंद्र यादव ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर सूक्ष्म पोषक तत्व के कमी के लक्षण बताएं. कृषि पर्यवेक्षक कैलाश चंद, मुकेश कुमार ने जैविक खेती और उत्पादकता के 21 मूल मंत्र की जानकारी दी.

विराटनगर (जयपुर). राजधानी में विराटनगर के पंचायत समिति पावटा क्षेत्र में कृषि विभाग द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के अंतर्गत पावटा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को योजना के बारे में अधिक जानकारी और जैविक खेती से होने वाले स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में बताया गया है.

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत संगोष्ठी का आयोजन

इस दौरान बताया गया कि जैविक खेती से शरीर में उचित पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है. घातक रासायनिक खाद के उपयोग से शरीर में विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव उत्पन्न होती है. किसानों के शरीरों में भी दुष्प्रभाव होते हैं. कार्यक्रम में सहायक कृषि अधिकारी रमेश चंद भारद्वाज ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में और मृदा नमूना लेने का तरीका बताया.

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कृषि पर्यवेक्षक सुरेंद्र यादव ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर सूक्ष्म पोषक तत्व के कमी के लक्षण बताएं. कृषि पर्यवेक्षक कैलाश चंद, मुकेश कुमार ने जैविक खेती और उत्पादकता के 21 मूल मंत्र की जानकारी दी.

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