ETV Bharat / state

प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी के नए मुखिया की तलाश तेज, ये अधिकारी हैं रेस में

प्रदेश में नई सरकार के गठन के साथ ब्यूरोक्रेसी के नये मुखिया की तलाश तेज हो गई है. मौजूदा मुख्य सचिव उषा शर्मा 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रही हैं. ऐसे में वरिष्ठता के आधार पर अगर मुख्य सचिव बनाया जाता है तो करीब आधा दर्जन ऐसे आईएएस रेस में जिनका नंबर आ सकता है, हालांकि जरूरी नहीं है कि वरिष्ठता को पैमाना माना जाए .

ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में
ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 22, 2023, 7:23 PM IST

जयपुर. प्रदेश में 15 दिसंबर से नई सरकार ने कामकाज संभाल लिया है. जल्द ही मंत्रिमंडल का भी विस्तार होने जा रहा है, लेकिन इन सब के बीच सचिवालय और ब्यूरोक्रेसी में चर्चा इस बात को लेकर तेज हो गई है कि प्रदेश के नौकरशाही का नया मुखिया कौन होगा ? क्योंकि मौजूदा मुख्य सचिव उषा शर्मा 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगी. ऐसे में उनकी जगह नए मुख्य सचिव की नियुक्ति होगी, ब्यूरोक्रेसी के नए मुखिया की तलाश तेज हो गई है. नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की रेस में वरिष्ठता के आधार पर करीब आधा दर्जन आईएएस अधिकारी शामिल हैं. हालांकि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के इतिहास को देखें तो वहां पर कभी कोई वरिष्ठता कोई पैमाना नहीं रहा.

ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में : मुख्य सचिव की रेस में वरिष्ठता के आधार पर देखें तो आधा दर्जन आईएएस रेस में है, जिसमें 1988 बैच के अधिकारी सुबोध अग्रवाल, 1989 बैच के अधिकारी वी. श्रीनिवास, शुभ्रा सिंह, राजेश्वर सिंह और रोहित कुमार सिंह और 1990 बैच के संजय मल्होत्रा हैं, हालांकि इनमें से वी. श्रीनिवास, रोहित कुमार सिंह और संजय मल्होत्रा केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं. वैसे तो दावेदारी का क्रम 1988 बैच से शुरू हो जाता है, क्योंकि उषा शर्मा के बाद सबसे सीनियर एसीएस डॉ.सुबोध अग्रवाल हैं, लेकिन जल जीवन मिशन घोटाले में नाम आने और बीजेपी के बार-बार उनके खिलाफ आरोप लगाने से उनकी दावेदारी बेहद कमजोर मानी जा रही है.

ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में
ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में

इसे भी पढ़ें-सीएम भजनलाल ने दी पुलिस अधिकारियों को दो टूक नसीहत, कहा-अपराध के प्रति हो 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर काम

1989 बैच के आईएएस वी श्रीनिवास 31 अगस्त 2026 को रिटायर होंगे, लेकिन वे अभी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. इसी बैच की शुभ्रा सिंह पहले भी प्रमुख दावेदार थीं, वे दिल्ली में प्रिंसिपल रेजिडेंट कमिश्नर,जनगणना कार्यों की निदेशक,नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी, दिल्ली में चेयरपर्सन रह चुकी हैं. वहीं रोहित कुमार सिंह अभी दिल्ली में हैं और उनके रिटायरमेंट में तीन माह ही बचे हैं, वे अभी केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय में सचिव हैं, और मार्च 2024 में रिटायरमेंट है.

1990 बैच के अन्य अधिकारियों में प्रतिनियुक्ति से लौटकर आने वालों और सीएस पद की दावेदारी वाले अफसरों में संजय मल्होत्रा शामिल हैं, उनका रिटायरमेंट 2028 में है, हालांकि संजय अभी केन्द्र में राजस्व विभाग में सचिव हैं. 1991 बैच के सुधांश पंत अभी केंद्र में स्वास्थ्य सचिव हैं, वे 2027 में रिटायर्ड होंगे. 1992 बैच के आईएएस अभय कुमार, रजत कुमार मिश्र का भी नाम इन दावेदारों में लिया जा रहा है, अभय अभी खाद्य और पंचायती राज एसीएस हैं तो रजत केन्द्र में फर्टिलाइजर सचिव हैं, वे राजस्थान में लौटे तो सीएस नहीं तो अच्छे पद के प्रमुख दावेदार जरूर हैं, अभय और रजत दोनों 2028 में रिटायर होंगे.

ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में
ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में

वरिष्ठता नहीं होगी पैमाना : हालांकि मुख्य सचिव की नियुक्ति में वरिष्ठता का पैमाना मायने नहीं रखता है, पूर्व में गहलोत सरकार ने 10 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की वरिष्ठता को लांघकर निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया था. माना यह भी जा रहा है कि मुख्य सचिव के निर्णय का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री का होता है. ऐसे में सम्भावना यह भी जताई जा रही है कि वरिष्ठता के अधिकारियों को लांघकर भी मुख्य सचिव बनाया जा सकता है. बता दें कि मुख्य सचिव उषा शर्मा का कार्यकाल 30 जून को ही समाप्त हो गया था, लेकिन गहलोत सरकार ने उन्हें 6 माह का एक्सटेंशन देते हुए कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 तक कर दिया गया था.

जयपुर. प्रदेश में 15 दिसंबर से नई सरकार ने कामकाज संभाल लिया है. जल्द ही मंत्रिमंडल का भी विस्तार होने जा रहा है, लेकिन इन सब के बीच सचिवालय और ब्यूरोक्रेसी में चर्चा इस बात को लेकर तेज हो गई है कि प्रदेश के नौकरशाही का नया मुखिया कौन होगा ? क्योंकि मौजूदा मुख्य सचिव उषा शर्मा 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगी. ऐसे में उनकी जगह नए मुख्य सचिव की नियुक्ति होगी, ब्यूरोक्रेसी के नए मुखिया की तलाश तेज हो गई है. नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की रेस में वरिष्ठता के आधार पर करीब आधा दर्जन आईएएस अधिकारी शामिल हैं. हालांकि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के इतिहास को देखें तो वहां पर कभी कोई वरिष्ठता कोई पैमाना नहीं रहा.

ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में : मुख्य सचिव की रेस में वरिष्ठता के आधार पर देखें तो आधा दर्जन आईएएस रेस में है, जिसमें 1988 बैच के अधिकारी सुबोध अग्रवाल, 1989 बैच के अधिकारी वी. श्रीनिवास, शुभ्रा सिंह, राजेश्वर सिंह और रोहित कुमार सिंह और 1990 बैच के संजय मल्होत्रा हैं, हालांकि इनमें से वी. श्रीनिवास, रोहित कुमार सिंह और संजय मल्होत्रा केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं. वैसे तो दावेदारी का क्रम 1988 बैच से शुरू हो जाता है, क्योंकि उषा शर्मा के बाद सबसे सीनियर एसीएस डॉ.सुबोध अग्रवाल हैं, लेकिन जल जीवन मिशन घोटाले में नाम आने और बीजेपी के बार-बार उनके खिलाफ आरोप लगाने से उनकी दावेदारी बेहद कमजोर मानी जा रही है.

ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में
ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में

इसे भी पढ़ें-सीएम भजनलाल ने दी पुलिस अधिकारियों को दो टूक नसीहत, कहा-अपराध के प्रति हो 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर काम

1989 बैच के आईएएस वी श्रीनिवास 31 अगस्त 2026 को रिटायर होंगे, लेकिन वे अभी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. इसी बैच की शुभ्रा सिंह पहले भी प्रमुख दावेदार थीं, वे दिल्ली में प्रिंसिपल रेजिडेंट कमिश्नर,जनगणना कार्यों की निदेशक,नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी, दिल्ली में चेयरपर्सन रह चुकी हैं. वहीं रोहित कुमार सिंह अभी दिल्ली में हैं और उनके रिटायरमेंट में तीन माह ही बचे हैं, वे अभी केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय में सचिव हैं, और मार्च 2024 में रिटायरमेंट है.

1990 बैच के अन्य अधिकारियों में प्रतिनियुक्ति से लौटकर आने वालों और सीएस पद की दावेदारी वाले अफसरों में संजय मल्होत्रा शामिल हैं, उनका रिटायरमेंट 2028 में है, हालांकि संजय अभी केन्द्र में राजस्व विभाग में सचिव हैं. 1991 बैच के सुधांश पंत अभी केंद्र में स्वास्थ्य सचिव हैं, वे 2027 में रिटायर्ड होंगे. 1992 बैच के आईएएस अभय कुमार, रजत कुमार मिश्र का भी नाम इन दावेदारों में लिया जा रहा है, अभय अभी खाद्य और पंचायती राज एसीएस हैं तो रजत केन्द्र में फर्टिलाइजर सचिव हैं, वे राजस्थान में लौटे तो सीएस नहीं तो अच्छे पद के प्रमुख दावेदार जरूर हैं, अभय और रजत दोनों 2028 में रिटायर होंगे.

ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में
ये प्रमुख अधिकारी हैं दौड़ में

वरिष्ठता नहीं होगी पैमाना : हालांकि मुख्य सचिव की नियुक्ति में वरिष्ठता का पैमाना मायने नहीं रखता है, पूर्व में गहलोत सरकार ने 10 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की वरिष्ठता को लांघकर निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया था. माना यह भी जा रहा है कि मुख्य सचिव के निर्णय का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री का होता है. ऐसे में सम्भावना यह भी जताई जा रही है कि वरिष्ठता के अधिकारियों को लांघकर भी मुख्य सचिव बनाया जा सकता है. बता दें कि मुख्य सचिव उषा शर्मा का कार्यकाल 30 जून को ही समाप्त हो गया था, लेकिन गहलोत सरकार ने उन्हें 6 माह का एक्सटेंशन देते हुए कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 तक कर दिया गया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.