जयपुर. लंबे समय से अंतर्कलह से गुजर रही कांग्रेस की गुरुवार को नई दिल्ली में अहम बैठक हुई. राजस्थान कांग्रेस को लेकर हुई इस बैठक पर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने तंज कसा है. उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने गुरुवार को अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस के कुनबे को एक रखना कांग्रेस अलाकमान के लिए चुनौती है. कांग्रेस का कुनबा अब पूरी तरह से बिखर चुकी है. एकता के दम पर वापसी की उम्मीद खत्म हो चुकी है, बिखरे कुनबे की वापसी असंभव है.
आलाकमान इतना कमजोर की निर्णय नहीं ले पा रहा : उपनेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस दिल्ली में आपसी मतभेद मिटाने के लिए बैठक कर रही है, लेकिन इनके मतभेद इसलिए खत्म नहीं हो सकते, क्योंकि मनभेद इस कदर हो चुके हैं कि कुनबे की वापसी असंभव है. पूनिया ने कहा कि इतना लंबा अर्सा बीत गया, कांग्रेस में सिर्फ किस्सा कुर्सी का चल रहा है और उसका खामियाजा राजस्थान की जनता भुगत रही है. राजस्थान की जनता के हित की बात यही होती कि समय पर समाधान होता. ऐसा लगता है कि कांग्रेस का आलाकमान इतना कमजोर है कि खुद निर्णय लेने की क्षमता नहीं है. लीडरशिप कमजोर होती है तो पार्टी में इसी तरह से अंतर्कलह होती है.
कुनबे को एक रखना असंभव : पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं में इस कदर मनमुटाव हो चुका है कि बार-बर प्रयास के बावजूद कोई सुलह की राह नहीं निकल पाई. आपसी झगड़े का इतना असर हुआ कि कांग्रेस तीन-तीन प्रदेश प्रभारी बदल दिए गए. कांग्रेस लगातार कहती रही कि संगठन धारातल पर संगठन को पुनर्जीवित करेंगे, लेकिन जिस तरीके की बयानबाजी की गई, जिस तरीके की चिट्ठी-पत्री लिखा गया, जिस तरह के कांग्रेस नेताओं का आचरण दिखा. ऐसे में इस बिखरे कुनबे को एक रखना कांग्रेस अलाकमान के लिए चुनौती है और उम्मीद खत्म हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता भले ही वापसी का दम भरते हो, लेकिन कांग्रेस का कुनबा पूरी तरीके से बिखर चुका है और अब इस कुनबे की वापसी असंभव है.
दिल्ली में हुई बैठक : बता दें कि नई दिल्ली में कांग्रेस की अहम बैठक हुई है. यह बैठक राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति और पार्टी में लंबे समय से चल रही गुटबाजी को खत्म करने को लेकर मानी जा रही है. बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश प्रभारी केसी वेणुगोपाल और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल थे. बैठक में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह सहित प्रदेश कांग्रेस के 35 से ज्यादा नेता शामिल हुए. इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीएमआर से वीसी के जरिए जुड़े.
राजेंद्र राठौड़ ने भी कसा तंज : कांग्रेस की दिल्ली में हुई बैठक पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने तंज कसा. राठौड़ ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा कि जिस सरकार की नींव ही अंतर्कलह पर रखी गई हो और जहां हर कांग्रेस विधायक/प्रत्याशी स्वयं को मिनी मुख्यमंत्री समझने में लगा हो, वहां एकजुटता का यह दृश्य मृग मरीचिका के समान है. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस आलाकमान के भेजे गए दूतों को बेइज्जत कर बैरंग लौटाने वाले कांग्रेस के नेता दिल्ली में बैठक कर एकजुट होने का जो दावा कर रहे हैं. वह आगामी चुनावों में फुस्स होने वाला है.